चीन में बदले इमरान खान के सुर, कर्ज के लिए CPEC को बता डाला तरक्की का विकल्प
कभी चीन की महत्वकांशी परियोजना सीपीईसी पर पुनर्विचार करने की बात करनेवाला पाकिस्तान अब दोबारा इसकी गुणगान करने लगा है. दरअसल इसकी वजह पाकिस्तान पर चीन का अहसान है. जिसका मोल अपने पहले चीन दौरे पर गए प्रधानमंत्री इमरान खान चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) की बखान करके चुका रहे है.
बीजिंग: कभी चीन की महत्वकांशी परियोजना सीपीईसी पर पुनर्विचार करने की बात करनेवाला पाकिस्तान अब दोबारा इसकी गुणगान करने लगा है. दरअसल इसकी वजह पाकिस्तान पर चीन का अहसान है. जिसका मोल अपने पहले चीन दौरे पर गए प्रधानमंत्री इमरान खान चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) की बखान करके चुका रहे है.
नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री इमरान खान की यह यात्रा पाकिस्तान के लिए बहुत अहम है. इमरान की इस यात्रा से पाई-पाई के लिए तरस रहे पाकिस्तान को आर्थिक सहायता मिलने की उम्मीद है. हालांकि चीन ने पाकिस्तान को वित्तीय संकट से उबारने के लिए मदद का भरोसा दिया है लेकिन नए कर्ज को लेकर अब तक कुछ नहीं कहा है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शी जिनपिंग के साथ हुई एक उच्चस्तरीय बैठक के दौरान इमरान खान ने चीन की तारीफ में खूब कसीदे पढ़े. उन्होंने चीन की प्रगति की सराहना करते हुए कहा कि राष्ट्रपति जिनपिंग की सोच और नेतृत्व शिक्षात्मक हैं. चीन की असाधारण उपलब्धियां प्रशंसा करने योग्य हैं. इमरान ने आगे कहा कि वह चीन सीखने के लिए आए है.
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इमरान ने कहा कि चीन-पाकिस्तान के बीच का रिश्ता साल 2013 में सीपीईसी की वजह से और गहरा हो गया है. सीपीईसी सिर्फ एक आइडिया ही था और अब यह हकीकत बन चुका है. साथ ही सीपीईसी पाकिस्तान के लोगों की कल्पनाओं को भी पूरा कर रहा है. बता दें कि पाकिस्तानी मीडिया दावा कर रही है की चीन छह बिलियन डॉलर का कर्ज देगा. चीन की ओर से इस बात की पुष्टि नहीं की गई है.
इमरान का यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब 50 अरब डॉलर की लागत वाले सीपीईसी परियोजना की आलोचना पाकिस्तान सरकार के कई मंत्री कर चुके हैं और कर्ज को लेकर चिंता की वजह से परियोजना में कुछ कटौती की बात कह चुके हैं. जिसके बाद उम्मीद जताई जा रही थी कि पाकिस्तान सरकार सीपीईसी के अंतर्गत आनेवाले कई परियोजनाओं पर पुनर्विचार कर सकती है.
हाल ही में चीन की मंशा भांपने के बाद पाकिस्तान के एक मंत्री ने कहा था का कहना है कि हम अपनी हैसियत और जरूरत के मुताबिक ही आगे बढ़ेंगे. पाकिस्तान के रेल मंत्री शेख राशिद ने कहा था कि हमारा देश गरीब है. हम चीन का भारी-भरकम कर्ज नहीं झेल सकते. अब पाकिस्तान चीन के रेल प्रोजेक्ट में दो बिलियन डॉलर की कटौती चाहता है.
पाकिस्तान साल 2013 जैसे एक बार फिर कंगाल होने की कगार पर है. एक रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान सरकार ने चीन और इसके बैंकों से अबतक करीब 5 अरब डॉलर का कर्ज लें चुकी है. उसपर चढ़े कर्ज के लिए प्रतिदिन छह अरब रुपए का ब्याज भरना पड़ रहा है. इस वजह से पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार भी खाली होने के कगार पर पहुंच गया है. मदद की उम्मीद में चीन पहुंचे इमरान खान ने शी जिनपिंग की तारीफ में पढ़े कसीदे, मिल सकता है नया कर्ज