Iran Israel Conflict: जरूरी हुआ तो फिर करेंगे इजरायल पर हमला; ईरान के सुप्रीम लीडर खामेनेई का कड़ा संदेश

ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते तनाव के बीच, ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने हाल ही में इजरायल को कड़ी चेतावनी दी है. खामेनेई ने साफ शब्दों में कहा है कि अगर हालात मांगेंगे, तो ईरान एक बार फिर इजरायल पर हमला कर सकता है.

Ayatollah Ali Khamenei | Wikimedia Commons

Iran Israel Conflict: ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते तनाव के बीच, ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई (Ali Khamenei) ने हाल ही में इजरायल को कड़ी चेतावनी दी है. खामेनेई ने साफ शब्दों में कहा है कि अगर हालात मांगेंगे, तो ईरान एक बार फिर इजरायल पर हमला कर सकता है. यह बयान ऐसे समय आया है जब दोनों देशों के रिश्ते अपने सबसे निचले स्तर पर हैं, और हाल ही में ईरान ने इजरायल पर सैकड़ों मिसाइल दागे थे.

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खामेनेई ने अपने बयान में कहा, "हर राष्ट्र को अपनी भूमि की रक्षा करने का अधिकार है, और फिलिस्तीनी लोगों को भी अपने अधिकारों की रक्षा करने का पूरा हक है. यह न केवल नैतिक रूप से सही है, बल्कि इसे अंतरराष्ट्रीय कानून में भी मान्यता प्राप्त है." खामेनेई ने इस बात पर जोर दिया कि जो लोग फिलिस्तीनी लोगों का समर्थन करते हैं, वे अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं, और किसी को भी इस पर आपत्ति करने का कोई अधिकार नहीं है.

खामेनेई के इस कड़े बयान के बाद, मिडिल ईस्ट में हालात और बिगड़ सकते हैं. ईरान और इजरायल के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है, और आने वाले दिनों में यह संघर्ष और भी बढ़ सकता है.

ईरान का ऑपरेशन "सच्चा वादा 2"

हाल ही में ईरान द्वारा किए गए ऑपरेशन "सच्चा वादा 2" पर चर्चा करते हुए खामेनेई ने इसे "कानूनी और वैध" करार दिया. उन्होंने कहा कि ईरान ने अब तक इजरायल के खिलाफ बहुत सीमित कार्रवाई की है, लेकिन भविष्य में जरूरत पड़ने पर यह ऑपरेशन दोबारा किया जा सकता है. खामेनेई ने इजरायल को "रक्तपिपासु शासन" और "भेड़िया" कहा, जबकि अमेरिका को "मिडिल ईस्ट का भयानक कुत्ता" बताते हुए उसकी आलोचना की.

मिडिल ईस्ट में जारी संघर्ष

मिडिल ईस्ट में इजरायल और हमास के बीच जारी संघर्ष को लगभग एक साल हो चुका है. यह जंग 7 अक्टूबर 2023 को शुरू हुई थी, जब हमास ने इजरायल के शहरों पर एक साथ मिसाइल हमले किए थे. इस संघर्ष में गाजा, लेबनान, और वेस्ट बैंक भी शामिल हो गए. इसके साथ ही, हिज़्बुल्लाह, ईरान, और हूती जैसे संगठन भी इस युद्ध में हमास के सहयोगी बनकर सामने आए.

इजरायल ने जवाबी कार्रवाई में बड़े पैमाने पर हमले किए, जिसमें हजारों लोगों की जान गई. इजरायल की सेना फिलहाल लेबनान में सक्रिय है और वहां के कई गांवों को खाली कराने के आदेश दे चुकी है. गाजा में भी इजरायली लड़ाकू विमानों ने मस्जिदों को निशाना बनाया, जिससे कई लोगों की मौत हुई है.

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