अमेरिका के पूर्व उपराष्ट्रपति Dick Cheney का 84 वर्ष की उम्र में निधन, इराक पर हमले के थे सूत्रधार
Dick Cheney Dies at 84 | Wikimedia Commons

अमेरिका की राजनीति में बेहद प्रभावशाली भूमिका निभाने वाले पूर्व उपराष्ट्रपति डिक चेनी (Dick Cheney) का 84 साल की उम्र में निधन हो गया. उनका निधन सोमवार रात निमोनिया और हृदय संबंधी जटिलताओं के कारण हुआ. परिवार ने मंगलवार को इसकी आधिकारिक जानकारी दी. Dick Cheney को इतिहासकार अमेरिकी इतिहास के सबसे शक्तिशाली उपराष्ट्रपतियों में से एक मानते हैं. वर्ष 2001 से 2009 तक उन्होंने जॉर्ज डब्ल्यू. बुश के कार्यकाल में उपराष्ट्रपति पद संभाला. वह पहले से ही वाशिंगटन की राजनीति में बड़े खिलाड़ी थे. Dick Cheney व्योमिंग के सांसद, रक्षा मंत्री और कई अहम पदों पर कार्यरत रहे.

इराक युद्ध के प्रमुख सूत्रधार

2003 में इराक पर अमेरिका के हमले के पीछे भी चेनी की बड़ी भूमिका मानी जाती है. उन्होंने दावा किया था कि इराक के पास विनाशकारी हथियार हैं. बाद में ऐसे कोई हथियार नहीं मिले, जिसके कारण उनकी नीतियों की कड़ी आलोचना हुई. उन्होंने यह भी माना कि राष्ट्रपति पद की शक्तियां वॉटरगेट कांड के बाद कमजोर हो गई थीं, इसलिए उन्होंने कार्यकारी शक्ति बढ़ाने पर जोर दिया.

विवादों से भरा राजनीतिक सफर

डिक चेनी का पूरा राजनीतिक करियर विवादों से घिरा रहा. उनकी नीतियां और फैसले कई बार सरकार के शीर्ष पदों पर बैठे अधिकारियों के साथ टकराव का कारण बने, जिनमें तत्कालीन विदेश मंत्री कोलिन पॉवेल और कोंडोलीजा राइस भी शामिल थे. आतंकवादियों से पूछताछ के दौरान उन्होंने वाटरबोर्डिंग, नींद से वंचित करना जैसे कठोर तरीकों का खुलकर समर्थन किया. उनके इन कदमों को कई अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं और मानवाधिकार संगठनों ने "टॉर्चर" यानी यातना करार दिया, जिसके चलते उनकी काफी आलोचना भी हुई. उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप को लोकतंत्र के लिए “सबसे बड़ा खतरा” तक बताया.

स्वास्थ्य समस्याओं से आजीवन जूझते रहे

डिक चेनी का स्वास्थ्य लंबे समय तक गंभीर समस्याओं से घिरा रहा. मात्र 37 वर्ष की उम्र में उन्हें पहला हार्ट अटैक आया था, जिसके बाद उनके दिल से जुड़ी बीमारियां लगातार बढ़ती रहीं. उन्हें अपने जीवनकाल में कई बार हार्ट सर्जरी करवानी पड़ी और अंततः वर्ष 2012 में उनका हार्ट ट्रांसप्लांट भी किया गया. स्वास्थ्य संघर्षों के बावजूद वे राजनीति में सक्रिय रहे और महत्वपूर्ण निर्णयों का हिस्सा बने रहे.