Chandra Arya Canada PM Race: पहली बार एक हिंदू बनेगा कनाडा का प्रधानमंत्री? भारतीय मूल के सांसद चंद्र आर्या ने ठोकी दावेदारी

भारतीय मूल के कनाडाई सांसद चंद्र आर्या ने कनाडा के प्रधानमंत्री पद की दौड़ में शामिल होने की घोषणा की है. कर्नाटक के एक छोटे गांव से शुरू हुई उनकी यात्रा ने उन्हें कनाडा में एक प्रभावशाली नेता बना दिया. आर्या हिंदू-कनाडाई समुदाय की आवाज उठाने और राजनीतिक सुधार लाने की अपनी योजनाओं के लिए प्रसिद्ध हैं.

Chandra Arya Canada PM Race: कनाडा के भारतीय मूल के सांसद चंद्र आर्या ने आधिकारिक तौर पर देश के अगले प्रधानमंत्री बनने की दौड़ में शामिल होने की घोषणा की है. नेपियन से लिबरल सांसद आर्या ने कनाडा को “संप्रभु गणराज्य” बनाने, सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाने, नागरिकता-आधारित कर प्रणाली लागू करने और फिलिस्तीन राज्य को आधिकारिक रूप से मान्यता देने जैसे अपने कई बड़े लक्ष्य प्रस्तुत किए हैं.

चंद्र आर्या ने एक्स (पहले ट्विटर) पर लिखा, “मैं कनाडा का अगला प्रधानमंत्री बनने के लिए चुनाव लड़ रहा हूं ताकि एक छोटा, अधिक कुशल सरकार बना सकूं, हमारे राष्ट्र का पुनर्निर्माण कर सकूं और आने वाली पीढ़ियों के लिए समृद्धि सुनिश्चित कर सकूं.”

यह घोषणा वर्तमान प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा अपनी पार्टी के नेता पद से इस्तीफा देने और उत्तराधिकारी चुने जाने के निर्णय के कुछ दिनों बाद आई है.

कर्नाटक से कनाडा तक का सफर

चंद्र आर्या का जन्म कर्नाटक के सिरा तालुक के द्वारलु गांव में हुआ था. उन्होंने धारवाड़ के कौसाली प्रबंधन संस्थान से एमबीए की डिग्री हासिल की.

अपने आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, वे 20 साल पहले अपनी पत्नी और बेटे के साथ ओटावा में आकर बसे. उन्होंने शुरुआत एक छोटे से दो-बेडरूम वाले अपार्टमेंट से की.

भारत में आर्या ने इंजीनियर, वित्तीय संस्थान में लघु उद्योग को धन उपलब्ध कराने वाले अधिकारी, और एक उद्यमी के रूप में काम किया. उन्होंने एक विनिर्माण कंपनी चलाई और कई देशों में औद्योगिकीकरण को बढ़ावा दिया. कनाडा में उन्होंने एक बैंक में निवेश सलाहकार के रूप में शुरुआत की. राजनीति में प्रवेश करने से पहले, वे छह साल तक एक छोटी हाई-टेक रक्षा प्रौद्योगिकी कंपनी में कार्यकारी के रूप में काम कर चुके थे. 2015 में उन्होंने पहली बार हाउस ऑफ कॉमन्स का चुनाव जीता और 2019 में दोबारा निर्वाचित हुए.

सांसद के रूप में विशिष्ट योगदान

2022 में, चंद्र आर्या ने हाउस ऑफ कॉमन्स में कन्नड़ भाषा में भाषण देकर ध्यान आकर्षित किया. उन्होंने इसे अपनी "मातृभाषा" में भाषण देने का गौरवपूर्ण क्षण बताया और कहा कि यह पहली बार था जब भारत के बाहर किसी संसद में कन्नड़ बोली गई.

नवंबर 2024 में, चंद्र आर्या ने कनाडाई संसद के बाहर ‘ॐ’ चिन्ह वाले भगवा त्रिकोणीय ध्वज को फहराकर हिंदू हेरिटेज मंथ का जश्न मनाया. उन्होंने हिंदू-कनाडाई समुदाय को राजनीतिक भागीदारी बढ़ाने की अपील की, क्योंकि यह समुदाय देश की राजनीतिक संरचना में कम प्रतिनिधित्व वाला है.

चंद्र आर्या हिंदू-कनाडाई समुदाय के प्रबल समर्थक हैं और खालिस्तान के मुद्दे पर अपने स्पष्ट रुख के लिए भी जाने जाते हैं. इस विषय पर उनकी राय ने उन्हें कई बार अपनी ही पार्टी के सांसदों और अन्य नेताओं से अलग कर दिया है.

कनाडा की राजनीति में भारतीय मूल का प्रभाव

चंद्र आर्या की प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवारी यह दर्शाती है कि भारतीय मूल के लोग न केवल विदेशों में अपनी पहचान बना रहे हैं, बल्कि अब वे नेतृत्व की महत्वपूर्ण भूमिकाओं के लिए भी तैयार हैं. उनका सफर उन लोगों के लिए प्रेरणा है जो सीमित साधनों से शुरुआत करते हुए भी बड़े सपने देखते हैं.

उनकी राजनीतिक और सामाजिक पहलों ने न केवल भारतीय समुदाय को गर्वित किया है, बल्कि कनाडा में भी उन्हें एक मजबूत और समर्पित नेता के रूप में स्थापित किया है. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि उनका यह सफर उन्हें कहां तक ले जाता है.

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