कुरान का अपमान रोकने के लिए डेनमार्क बना सकता है कानून
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Image File)

डेनमार्क सरकार कुरान समेत अन्य धार्मिक पुस्तकों के अपमान के खिलाफ कानून बनाने पर विचार करेगी. कुछ इस्लाम विरोधी प्रदर्शनकारियों द्वारा सार्वजनिक रूप से कुरान के अपमान की घटनाओं ने मुस्लिम देशों को बहुत नाराज किया है.डेनमार्क सरकार अपने यहां विदेशी दूतावासों के सामने कुरान या अन्य धार्मिक पवित्र पुस्तकों के अपमान को गैरकानूनी बनाने पर विचार कर रही है. विदेश मंत्री लार्स लोके रासमुसेन ने डेनिश सार्वजनिक प्रसारक डीआर के साथ एक इंटरव्यू में यह बात कही. उन्होंने कहा कि पवित्र ग्रंथों को जलाना दुनिया में विभाजन पैदा करता है, जबकि जरूरत एकता की है.

रासमुसेन ने कहा, "सरकार ने तय किया है कि हम इस बात पर विचार करेंगे कि कैसे बहुत खास परिस्थितियों में दूसरे देशों की खिल्ली उड़ाए जाने पर विराम लगा पाएं. ऐसी परिस्थितियों में, जो डेनमार्क के हितों और नागरिकों की सुरक्षा के मुताबिक नहीं हैं."

हाल ही में डेनमार्क और पड़ोसी स्वीडन में कुछ इस्लाम विरोधी प्रदर्शनकारियों ने सार्वजनिक तौर पर कुरान का अपमान किया. इन घटनाओं ने मुस्लिम देशों में गुस्सा भड़का दिया है. इस्लामिक सहयोग संगठन ने स्वीडन और डेनमार्क में कुरान जलाने की घटनाओं पर चर्चा के लिए 31 जुलाई को एक आपातकालीन बैठक बुलाई.

अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर चिंता

रासमुसेन ने कहा कि डेनमार्क की सरकार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता से समझौता किए बिना ऐसी घटनाओं पर रोक लगाने के लिए कानून बनाने के बारे में सोच रही है. हालांकि उन्होंने स्वीकार किया कि यह आसान नहीं होगा.

उन्होंने कहा, "धार्मिक आलोचना के लिए जगह होनी चाहिए और ईशनिंदा कानून को दोबारा लागू करने का हमारा कोई इरादा नहीं है. लेकिन जब आप किसी विदेशी दूतावास के सामने खड़े होकर कुरान जलाते हैं, तो इससे खिल्ली उड़ाने के अलावा और कोई मकसद पूरा नहीं होता है."

नफरत बढ़ा रही हैं ये घटनाएं

रासमुसेन की इस टिप्पणी से पहले डेनिश सरकार ने 30 जुलाई की देर रात एक बयान जारी किया था. इसमें कहा गया कि हालांकि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता डेनिश समाज में सबसे महत्वपूर्ण मूल्यों में से एक है, लेकिन डेनमार्क में कुरान के अपमान की घटनाओं के कारण कई जगहों पर उसे "एक ऐसे देश के रूप में देखा जा रहा है, जो अन्य देशों की संस्कृतियों, धर्मों और परंपराओं का अपमान करता है."

उधर स्वीडन में प्रधानमंत्री उल्फ क्रिस्टर्सन ने इंस्टाग्राम पर लिखा कि उनकी सरकार कुरान और अन्य पवित्र पुस्तकों के अपमान के संबंध में कानूनी स्थिति का विश्लेषण कर रही है, क्योंकि ऐसी घटनाओं से स्वीडन के खिलाफ नफरत पैदा हो रही है. क्रिस्टर्सन ने कहा, "हम द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से सबसे गंभीर सुरक्षा नीति स्थिति में हैं."

पीवाई/एसएम (एपी)