पाकिस्तान के अस्पतालों में कोरोना वायरस के मरीजों से दुर्व्यवहार की कई रिपोर्ट मिली हैं और खुद देश के प्रधानमंत्री इमरान खान ने इसकी पुष्टि करते हुए इस पर अफसोस जताया है. पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट में इस आशय की रिपोर्ट बड़ी संख्या में आई हैं कि कोरोना मरीजों को विशेष रूप से क्वारंटीन केंद्रों में बुरी दशा में रखा जा रहा है. साथ ही संसाधनों की कमी से जूझते अस्पतालों में स्वयं मेडिकल स्टाफ के लिए हालात बेहतर नहीं हैं और इसका खामियाजा कोरोना मरीजों को खराब चिकित्सा सुविधा के साथ-साथ बुरे व्यवहार के रूप में झेलना पड़ रहा है.
राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यबल की एक बैठक में इमरान ने शनिवार को इस स्थिति पर अफसोस जताया. उन्होंने कहा कि उन्हें इस आशय की रिपोर्ट मिली हैं कि कोरोना वायरस के मरीजों के साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया जा रहा है. यह अफसोसनाक है. यह अस्वीकार्य है. इससे समाज में भय का माहौल बनता है और यह बात समस्या को और बढ़ाने वाली है.
उन्होंने कहा कि लोगों में कोरोना वायरस को लेकर व्यापक जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है. एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में यह हम सब का दायित्व है कि अगर कोई व्यक्ति कोरोना वायरस का शिकार हुआ है तो उसके साथ निहायत जिम्मेदारी से पेश आएं. प्रभावित लोगों के साथ बुरा व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. बुरा व्यवहार भय पैदा करता है, जबकि जरूरत इस बात की है कि अगर किसी को खुद में कोरोना लक्षण दिखता है तो वह बिना किसी भय के अपनी जांच कराए.
गौरतलब है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि हाल के दिनों में पाकिस्तान में कोरोना के मामले बहुत तेजी से बढ़े हैं और बीमारी के औसतन रोजाना एक हजार मामले सामने आ रहे हैं. देश में रविवार को कोरोना के पुष्ट मामलों की संख्या तीस हजार को पार कर 30174 हो गई और बीमारी के कारण अब तक 648 लोगों की मौत हो चुकी है.