नई दिल्ली: उत्तरी पाकिस्तान (North Pakistan) में 14 जुलाई को एक बस में हुए विस्फोट (Explosion) की घटना में दो पाकिस्तानी सैनिकों और नौ चीनी नागरिकों सहित 13 लोगों की मौत हो गई थी. इस हादसे के बाद पाकिस्तानी और चीनी सरकारों के बीच वाकयुद्ध छिड़ गया है. खुफिया सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तान (Pakistan) के अधिकारी इस घटना को एक दुर्घटना (Accident) के रूप में छिपाने की कोशिश कर रहे हैं, यह कहते हुए कि यह एक आतंकवादी हमला (Terrorist Attack) नहीं था, बल्कि तकनीकी खराबी के कारण बस के खड्ड में गिरने का परिणाम था. Pakistan: पंजाब प्रांत में ट्रक-बस के बीच भीषण भिड़ंत में 30 की मौत, 40 से अधिक लोग घायल
पाकिस्तानी अधिकारियों ने बस की यांत्रिक प्रणाली में खामियां दर्शाने वाली तस्वीरें पेश करने की कोशिश की है, जिसके कारण बस खड्ड में गिर गई. यहां तक कि उनके द्वारा एक यांत्रिक दोष के परिणामस्वरूप घटना को चित्रित करने के लिए एक तकनीकी रिपोर्ट तैयार की गई थी.
हालांकि, चीनी अधिकारियों ने शुरू से ही इस सिद्धांत का विरोध किया और चीनी दूतावास ने इस घटना को एक आत्मघाती हमला बताया. उनके अनुसार, हमलावर ने बस पर कई गोलियां चलाईं और खुद को विस्फोट करने से पहले हथगोले का इस्तेमाल किया. पाकिस्तान यह धारणा देने की कोशिश कर रहा है कि इस घटना का खैबर-पख्तूनवा इलाके में समग्र सुरक्षा स्थिति से कोई लेना-देना नहीं है.
सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तान में चीनी दूतावास ने बम हमले में एक विस्फोट में 9 नागरिकों की मौत की पुष्टि करते हुए कहा कि चीनी इंजीनियर और पाकिस्तान के निर्माण श्रमिक कई वर्षों से खैबर-पख्तूनख्वा में बीआरआई के हिस्से के रूप में जलविद्युत परियोजनाओं पर काम कर रहे हैं, जहां विस्फोट हुआ था. यह मामला चीनियों के लिए गंभीर चिंता का विषय है.
चीन ने निजी तौर पर भविष्य में सीपीईसी परियोजनाओं पर और हमलों की आशंका व्यक्त की है. उन्हें पाकिस्तान में चीनी स्वामित्व वाले सेलुलर ऑपरेटर जोंग के कर्मचारियों के अपहरण का भी डर है. जोंग अधिकारियों को समय-समय पर धमकियां मिलती रही हैं.