चीन तेजी से निकट प्रतिद्वंद्वी बन रहा, कई चुनौतियां पैदा कर रहा : शीर्ष अमेरिकी खुफिया अधिकारी

अमेरिका के एक शीर्ष खुफिया अधिकारी ने सांसदों से कहा कि चीन तेजी से अमेरिका का निकट प्रतिद्वंद्वी बन रहा है जिससे कई क्षेत्रों में चुनौतियां खड़ी हो गईं और साथ ही वह वैश्विक नियमों में भी इस तरह से बदलाव कर रहा है जिससे चीन की तानाशाही व्यवस्था को फायदा मिले.

अमेरिका का झंडा (Photo Credits: Pixabay)

वाशिंगटन, 15 अप्रैल : अमेरिका (America) के एक शीर्ष खुफिया अधिकारी ने सांसदों से कहा कि चीन (China) तेजी से अमेरिका का निकट प्रतिद्वंद्वी बन रहा है जिससे कई क्षेत्रों में चुनौतियां खड़ी हो गईं और साथ ही वह वैश्विक नियमों में भी इस तरह से बदलाव कर रहा है जिससे चीन की तानाशाही व्यवस्था को फायदा मिले. राष्ट्रीय खुफिया निदेशक एवरिल हेन्स (Avril Haynes) ने अमेरिका के समक्ष दुनियाभर से पैदा हो रहे खतरों पर सीनेट की खुफिया मामलों पर चयन समिति के सदस्यों को बुधवार को यह कहा. हेन्स ने कहा, ‘‘चीन तेजी से निकट प्रतिद्वंद्वी बन रहा है और अमेरिका को कई क्षेत्रों में चुनौतियां दे रहा है और साथ ही वैश्विक नियमों को भी वह इस तरीके से बदल रहा है जिससे चीन की तानाशाही व्यवस्था को फायदा पहुंचे.’’ उन्होंने कहा कि चीन अपनी बढ़ती ताकत दिखाने तथा पड़ोसी देशों को विवादित क्षेत्र पर अपने दावों समेत अपनी प्राथमिकताओं को बिना किसी विरोध के स्वीकार करने के लिए विवश करने के वास्ते वृहद रुख अपना रहा है.

उन्होंने कहा कि चीन के अलावा रूस, ईरान और उत्तर कोरिया - तीन ऐसे देश हैं जो अमेरिका के समक्ष खतरे पैदा कर रहे हैं.

हेन्स ने कहा, ‘‘अफगानिस्तान, ईराक और सीरिया में लड़ाई का अमेरिकी बलों पर सीधा असर पड़ रहा है जबकि परमाणु संपन्न देश भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव दुनिया के लिए चिंता का सबब बना हुआ है. इजराइल और ईरान के बीच हिंसा, लीबिया में विदेशी ताकतों की गतिविधि और अफ्रीका तथा पश्चिम एशिया समेत अन्य इलाकों में संघर्ष के बढ़ने की आशंका है.’’ यह भी पढ़ें : Johnson & Johnson: अफ्रीका ने जे एंड जे कोविड-19 टीके के इस्तेमाल पर लगाई रोक

इस बीच केंद्रीय खुफिया एजेंसी (सीआईए) के निदेशक विलियम बर्न्स ने कहा कि लोकतंत्र का कमजोर होना दुनिया के कई हिस्सों में एक वास्तविक समस्या है. उन्होंने कहा कि अगर इस तरह के शासन में लोगों के भरोसे को बहाल किया जाए तो इस प्रवृत्ति को बदला जा सकता है. बर्न्स ने सीनेटर माइकल बेनेट के एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘मुझे लगता है कि लोकतंत्र में कमी की समस्या दुनिया के कई हिस्सों में वास्तविक है.’’

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