ब्राजील: बीवायडी फैक्ट्री में मजदूरों के शोषण से सामने आयीं चीनी निवेश की कमियां

ब्राजील में चीन की ईवी कंपनी की फैक्ट्री में मजदूर गुलामी जैसी हालत में काम करते हुए पाए गए.

प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Image File)

ब्राजील में चीन की ईवी कंपनी की फैक्ट्री में मजदूर गुलामी जैसी हालत में काम करते हुए पाए गए. ये सभी चीनी नागरिक थे. इस घटना से सामने आया कि चीनी कंपनियां विदेशों में काम करवाने के लिए किन मानकों का पालन करती हैं.इलेक्ट्रिक गाड़ियां बनाने वाली चीन की दिग्गज कंपनी बीवायडी ब्राजील में एक नई फैक्ट्री बना रही है. यह फैक्ट्री ब्राजील के उत्तरी राज्य बाहिया के कमासारी शहर में बनाई जा रही है. पिछले साल, 23 दिसंबर की सुबह टास्क फोर्स के एजेंट इस फैक्ट्री के निर्माण स्थल पर पहुंचे. वहां से उन्होंने 163 चीनी मजदूरों को छुड़ाया. यह कार्रवाई ब्राजील के श्रम अभियोजक कार्यालय (एमपीटी) के नेतृत्व में हुई. एमपीटी के जांचकर्ताओं ने डीडब्ल्यू को बताया कि निर्माण स्थल पर गुलामों की तरह काम करवाने के हालात पाए गए.

बीवायडी ने फैक्ट्री के काम के लिए जिनजियांग समूह को ठेका दिया था और इस फ्रैक्ट्री को 2025 में शुरू होना था. इस कंपनी ने मजदूरों को जो आवास उपलब्ध करवाया था, उसमें बिस्तरों पर गद्दे नहीं थे. सैंकड़ों कर्मचारियों के लिए कुछ ही शौचालय थे, जो बेहद गंदी हालत में थे. मजदूरों का खाना रेफ्रिजरेटर में नहीं रखा हुआ था. एमपीटी ने यह भी आरोप लगाया कि कंपनी ने मजदूरों के पासपोर्ट अपने पास रख लिए थे और उनका 60 फीसदी वेतन भी अपने पास रख लेती थी. बाकी 40 फीसदी वेतन चीनी मुद्रा में उन्हें दिया जाता था.

अधिकारियों ने दावा किया कि ये मजदूर अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी के शिकार हैं. इसके बाद, निर्माण स्थल को बंद कर दिया गया. सभी 163 मजदूरों को होटलों में भेज दिया गया. कुछ दिनों बाद, ब्राजील सरकार ने बीवायडी कंपनी को अस्थायी वर्क वीजा जारी करना बंद कर दिया. कार कंपनी ने कहा है कि वह ब्राजील के अधिकारियों के साथ सहयोग कर रही है और वह ब्राजील के कानून और मानव गरिमा के प्रति असम्मान को सहन नहीं करेगी.

माउरीस्यू सैंतारू एक राजनीतिक विज्ञानी हैं और रियो डी जेनेरो की स्टेट यूनिवर्सिटी में अंतरराष्ट्रीय संबंधों के प्रोफेसर हैं. उन्होंने कहा, "यह कार्रवाई इसलिए महत्वपूर्ण थी क्योंकि यह एक ऐसी कंपनी में हुई जिसे मजबूत राजनीतिक समर्थन शामिल है. केंद्र सरकार का भी और बाहिया की राज्य सरकार का भी, क्योंकि राष्ट्रपति लूला की पुन: औद्योगिकीकरण परियोजनाओं के लिए ब्राजील में इसका निवेश काफी महत्वपूर्ण है.”

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"ब्राजील को ऐसे निवेश से कम होगा फायदा”

एमपीटी के जांचकर्ताओं ने मंगलवार को बीवायडी के प्रतिनिधियों और फैक्ट्री के निर्माण कार्य में शामिल अन्य कंपनियों के साथ बातचीत की. छुड़ाए गए सभी मजदूरों को उनका बकाया वेतन दे दिया गया है और वे चीन वापस चले गए हैं. निर्माण स्थल की जांच रिपोर्ट अगले हफ्ते तैयार हो जाएगी और उसके बाद की बैठकों में मजदूरों के लिए मुआवजे पर चर्चा की जाएगी.

पाउलो फेल्डमैन एक अर्थशास्त्री और साओ पाउलो के एफआईए बिजनेस स्कूल में प्रोफेसर हैं. उन्होंने डीडब्ल्यू से कहा, "बीवायडी की फैक्ट्री बनाने में चीनी मजदूरों का इस्तेमाल करना वैसा ही है, जैसे चीन की बहुराष्ट्रीय कंपनियां अफ्रीका और अन्य लैटिन अमेरिकी देशों में काम करती हैं. इससे निवेश हासिल करने वाले देशों को बहुत कम फायदा होता है.”

वे आगे कहते हैं, "अगर ये मजदूर स्थानीय होते तो यह ब्राजील के लिए बेहतर होता, क्योंकि इससे वे खुद के और अपने परिवारों के लिए कमाई कर पाते. इसका उनके समुदायों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता और उन्हें व्यावसायिक प्रशिक्षण भी मिल जाता.”

ब्राजील में उद्योगों को बढ़ावा देने की योजना

कमासारी शहर की आबादी लगभग तीन लाख है. यहां बीस सालों से फोर्ड कंपनी की फैक्ट्री हुआ करती थी. लेकिन 2021 में उनका प्लांट बंद हो गया और अमेरिकी कंपनी फोर्ड ने ब्राजील में उत्पादन बंद कर दिया. इसके साथ ही ब्राजील के औद्योगिक उत्पादन में भी गिरावट आयी. 2021 में जीडीपी में उत्पादन की हिस्सेदारी केवल 11 फीसदी थी.

लूला डी सिल्वा ने चुनाव से पहले ब्राजील में दोबारा उद्योग-धंधे लाने का वादा किया था. चुनाव जीतने के बाद उनके प्रशासन ने ब्राजील में अपना कारोबार स्थापित करने में रूचि रखने वाली साझेदार कंपनियों को ढूंढ़ना शुरू किया. 2023 में चीनी कार कंपनी बीवायडी ने घोषणा की कि वह ब्राजील में नई फैक्ट्री लगाने के लिए 48 करोड़ डॉलर का निवेश करेगी.

बीवायडी के आने से स्थानीय अर्थव्यवस्था के लिए भी उम्मीद जगी. मिलद कालुमे नेटो एक ऑटोमेटिव सलाहकार हैं. उन्होंने डीडब्ल्यू से कहा, "यह काफी बड़े निवेश हैं, जो दिखाते हैं कि यह ब्रांड ब्राजील के ऑटोमेटिव बाजार में योजनाबद्ध तरीके से प्रतिस्पर्धा करने के लिए आया है.”

वे आगे कहते हैं, "फोर्ड ने अपने काम में मदद लेने के लिए कई कंपनियां स्थापित की थीं. इसमें सिर्फ आपूर्तिकर्ता नहीं थे, बल्कि सेवाएं देने वाली छोटी कंपनियां भी थीं. कंपनी के जाने से, इन कंपनियों को अपनी गतिविधियों में कमी लानी पड़ी और अब उन्हें एक बड़ी कार कंपनी के साथ काम करने का एक और मौका मिला है.”

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चीन ने लगाया बदनाम करने का आरोप

इस मामले को लेकर चीन में जनता की राय बंटी हुई है. एक तरफ, लोग इन विदेशी आरोपों पर सवाल उठा रहे हैं. दूसरी तरफ, वे देश में श्रम अधिकारों को लेकर चर्चा भी कर रहे हैं.

इस मामले के बाद बीवायडी और उनके लिए काम करने वाली कंपनी- जिनजियांग समूह ने आरोपों को नकार दिया है. उन्होंने इन आरोपों को चीनी ब्रांडों का नाम खराब करने वाले अभियान का हिस्सा बताया. चीन के कई राष्ट्रवादी लोगों ने इस नजरिए का समर्थन किया.

ली युनफे बीवायडी समूह के ब्रांड एंड पब्लिक रिलेशंस विभाग के जनरल मैनेजर हैं. उन्होंने चीन के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म वीबो पर लिखा कि जब कोई आप पर आरोप लगाना चाहता है तो फिर बहानों की कमी नहीं होती है. ली ने विदेशी ताकतों पर जानबूझकर चीन की छवि खराब करने और ब्राजील के साथ उसके संबंधों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करने का आरोप लगाया.

जिनजियांग समूह ने भी एक वीडियो जारी किया जिसमें चीनी मजदूर एक बयान पढ़ रहे थे, जिसपर उन्होंने अपने उंगलियों के निशानों के जरिए हस्ताक्षर किए थे. इसमें कहा गया कि अनुचित ढंग से गुलाम बताए जाने के कारण उनके कर्मचारियों ने बेहद अपमानित महसूस किया है और इससे चीनी लोगों की गरिमा बहुत कम हुई है.

सरकारी मीडिया और चीन के कई इंटरनेट उपयोगकर्ताओं ने इस तर्क को आगे बढ़ाया. उन्होंने इस घटना को विदेशों में अपना कारोबार बढ़ा रही राष्ट्रीय कंपनियों के लिए एक चुनौती बताया.

लेकिन चीन में हर कोई इस नजरिए का समर्थन नहीं कर रहा है. वीबो पर कई लोगों ने लिखा कि ब्राजील की बीवायडी फैक्ट्री में काम करने की स्थिति वैसी ही थी, जैसी चीन में निर्माण क्षेत्र के मजदूरों की होती है. इससे एक ऑनलाइन बहस छिड़ गई कि चीन में कितने मजदूर ऐसी स्थिति में रह रहे होंगे जिन्हें अंतरराष्ट्रीय मानकों में गुलामी जैसी स्थिति बताया गया है.

चीन का श्रम बाजार अपनी तथाकथित 996 कार्यशैली के लिए बदनाम है. इसमें सुबह के नौ से शाम के नौ बजे तक हफ्ते में छह दिन काम करना होता है. यह श्रम कानूनों का भी उल्लंघन है. लेकिन प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में ऐसा काफी होता है.

वीबो पर एक पोस्ट में बीवायडी की ब्राजील स्थित फैक्ट्री की कार्य परिस्थितियों की स्थानीय निर्माण स्थलों से तुलना की गई. एक व्यक्ति ने इस पर कॉमेंट किया कि मैं ब्राजील के साथ खड़ा हूं और चीनी मजदूरों का शोषण किया जा रहा है. एक अन्य कॉमेंट में लिखा कि मुझे लगता है कि घरेलू फैक्ट्रियों में अक्सर लोगों के साथ इंसानों जैसा व्यवहार नहीं किया जाता है, बल्कि उन्हें मशीन समझा जाता है.

चीन के लिए आकर्षक बाजार है ब्राजील

अर्थशास्त्री फेल्डमैन कहते हैं, "इस मामले के अंतरराष्ट्रीय परिणामों के बावजूद, बीवायडी मामले में ब्राजील के अधिकारियों द्वारा की गई कार्रवाई के चलते ब्राजील में और ज्यादा चीनी निवेश आने में रुकावट नहीं आनी चाहिए.” वे आगे कहते हैं, "चीनी कंपनियों के लिए ब्राजील का बाजार बेहद आकर्षक है. वे इस बाजार की वजह से ही ब्राजील में आते हैं. मुझे नहीं लगता कि इस घटना की वजह से चीन और ब्राजील के संबंध खतरे में आ गए हैं.”

राजनीतिक विज्ञानी माउरीस्यू सैंतारू ने डीडब्ल्यू से कहा कि उन्हें उम्मीद है कि इस घटना से चीनी निवेशकों को एक सबक मिलेगा कि ब्राजील में चीजें कैसे काम करती हैं. वे कहते हैं, "उन्हें (चीनी कंपनियों को) समझ आ गया है कि राजनेताओं से समझौतों के बावजूद, अभियोजक और न्याय प्रणाली अपने तरीके से काम करेगी और श्रम कानूनों को लागू करवाएगी. आशा है कि इससे भविष्य में होने वाले बुरे व्यवहारों को रोका जा सकेगा.”

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