पाकिस्तान: महिला ने WhatsApp पर ऐसा क्या भेजा जो कोर्ट ने सुना दी फांसी की सजा? जानिए

पाकिस्तान (Pakistan) से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसमें कोर्ट (Court) ने एक महिला को फांसी की सजा (Death Sentence) सुनाई है. महिला पर आरोप है कि उसने व्हाट्सएप पर भेजे गए संदेश में पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ अपशब्दों का प्रयोग किया था.

(Photo Credit : Pixabay)

रावलपिंडी, 22 जनवरी: पाकिस्तान (Pakistan) से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसमें कोर्ट (Court) ने एक महिला को फांसी की सजा (Death Sentence) सुनाई है. महिला पर आरोप है कि उसने व्हाट्सएप पर भेजे गए संदेश में पैगंबर मोहम्मद (Mohammad Sahab) के खिलाफ अपशब्दों का प्रयोग किया था.

महिला पर ईशनिंदा (Blasphemy) का केस रावलपिंडी कोर्ट में चल रहा था. फारुक हसनात नाम के व्यक्ति की शिकायत पर रावलपिंडी कोर्ट ने फांसी की सजा का एलान किया है. कोर्ट ने महिला को साइबर कानूनों के उल्लंघन, धर्म अपमान और पैगंबर मोहम्मद की अवमानना का दोषी पाया है.

आरोपी अनिका अतीक ने साल 2020 में व्हाट्सएप (Whatsapp) पर फारुक को एक संदेश भेजा था. इसमें ईशनिंदा से जुड़ी कुछ बातें साझा की गई थी. इस पर फारुक ने अनिका अतीक से कहा था कि वे ऐसे इस मैसेज को तुरंत डिलीट करें औरउनसे माफी मांगे, लेकिन महिला ने ऐसा नहीं किया  इसके बाद फारुक ने थाने में इसकी शिकायत दर्ज कराई थी. शिकायत दर्ज करने के बाद पुलिस ने अनिका को गिरफ्तार कर लिया था. अब रावलपिंडी कोर्ट (Rawalpindi Court) ने इस मामले में महिला को फांसी की सजा सुनाई है.

पाकिस्तान (Pakistan)में ईशनिंदा के कानून को 80 के दशक में पूर्व सैन्य तानाशाह जियाउल हक (Muhammad Zia-ul-Haq) के द्वारा लाया गया था. इन कानूनों के तहत अब तक कई बार मौत की सजा सुनाई जा चुकी है. हालांकि, अभी तक किसी को भी फांसी नहीं दी गई है.

ईशनिंदा का मतलब है ईश्‍वर की निंदा.अगर कोई इंसान जानबूझकर पूजा करने की जगह को नुकसान पहुंचाता है, धार्मिक भावनाओं का अपमान करता ह, धार्मिक कार्य में बाधा पहुंचाता है या  ठेस पहुंचाता है तो यह ईशनिंदा के दायरे में आता है.

 

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