अंतरिक्ष यात्रियों के लिए खाने की विविधता बढ़ाने की कोशिश

नासा की एक प्रतियोगिता में कई ऐसी कंपनियों को अंतिम चरण में जगह मिली है जिन्होंने खाना बनाने की अनूठी तकनीकें विकसित की हैं.

प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Image File)

नासा की एक प्रतियोगिता में कई ऐसी कंपनियों को अंतिम चरण में जगह मिली है जिन्होंने खाना बनाने की अनूठी तकनीकें विकसित की हैं.2015 में मैट डैमन की एक फिल्म आई थी, द मार्शियन. इस फिल्म में डैमन ने एक अंतरिक्षयात्री की भूमिका निभाई थी जो मंगल ग्रह पर फंस जाता है. वहां वह मानव मल और मंगल की मिट्टी का इस्तेमाल करके आलू उगाता है.

अब न्यूयॉर्क की एक कंपनी भी कुछ ऐसा ही कर रही है. विमानों के लिए कार्बन-नेगेटिव ईंधन बनाने वाली यह कंपनी दूसरे ग्रह पर रहने वाले अंतरिक्ष यात्रियों के लिए कुछ खास तरह का खाना बनाने की दिशा में काम कर रही है. इस कंपनी को नासा द्वारा आयोजित एक प्रतियोगिता में आखिरी चरण में जगह मिल गई है.

कार्बन डाईऑक्साइड से बनाया शेक

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने एक प्रतियोगिता आयोजित की है जिसका मकसद अंतरिक्ष यात्रियों के लिए जरूरी खाना बनाने वाली तकनीकें विकसित करना है. इस प्रतियोगिता के अंतिम चरण में जिन कंपनियों को जगह मिली है, उनमें ब्रूकलिन की एयर कंपनी भी है, जिसने अंतरिक्ष यात्रियों द्वारा यान में सांस लेने के दौरान छोड़ी जा रही कार्बन डाई ऑक्साइड का इस्तेमाल करके खमीर से बनने वाले प्रोटीन शेक बनाने की तकनीक विकसित की है. ये शेक लंबे अंतरिक्ष अभियानों के दौरान यात्रियों को प्रोटीन पोषण उपलब्ध करा सकते हैं.

कंपनी के सह-संस्थापक और मुख्य तकनीकी अधिकारी स्टैफर्ड शीहान कहते हैं, "यह टैंग से तो ज्यादा पोषक है.” येल यूनिवर्सिटी से फिजिकल केमिस्ट्री में डॉक्टरेट शीहान कहते हैं कि उन्होंने यह तकनीक जब विकसित की थी तो उनका मकसद विमानों के ईंधन, पर्फ्यूम और वोडका के लिए शुद्ध अल्कोहल तैयार करना था.

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नासा के ‘डीप स्पेस फूड चैलेंज' ने शीहान को अपनी तकनीक को इस तरह विकसित करने को प्रेरित किया जिससे वह प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और वसा से भरपूर शेक बना सकें. इस शेक के स्वाद की तुलना वह तोफू से बने शेक से करते हैं, जो पूर्वी एशिया में लोकप्रिय है और लोगों द्वारा मांस के विकल्प के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. वह कहते हैं, "इससे आप कुछ मीठा महसूस होने वाला स्वाद पा सकते हैं.”

कई तरह का खाना

इसी तकनीक का इस्तेमाल कार्बोहाइड्रेट से भरपूर ऐसी चीजें बनाने के लिए भी कर सकते हैं, जो ब्रेड, पास्ता और टोर्टिला का विकल्प हो सकते हैं. शीहान कहते हैं कि उनका बनाया शेक अंतरिक्ष यात्रा के दौरान अन्य खानों के साथ पूरक के रूप में काम आएगा.

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कंपनी ने एयरमेड नाम से अपनी तकनीक को पेटेंट कराया है. यह नासा के मुकाबले में अंतिम चरण में पहुंचे आठ विजेताओं में से एक है जिनका ऐलान इसी महीने किया गया था. साढ़े सात लाख डॉलर की इनामी राशि वाली इस प्रतियोगिता का अंतिम चरण अब शुरू हो रहा है.

अन्य विजेताओं में फ्लोरिडा की कंपनी है जो बायोरिजेनरेटिव सिस्टम से सब्जियां, मशरूम और यहां तक कि कीटों के लारवा भी पैदा कर रही है. कैलिफॉर्निया की एक कंपनी ने पौधों और फंगस से खाना तैयार किया है जबकि फिनलैंड की एक कंपनी ने गैस-फर्मेंटेनशन की तकनीक विकसित की है.

वीके/एए (रॉयटर्स)

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