Sunita Williams: भारतीय मूल की सुनीता विलियम्स कल तीसरी बार भरेंगी अंतरिक्ष के लिए उड़ान, जानिए क्या है स्पेस मिशन?

भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स 58 साल की उम्र में मंगलवार को बतौर पायलट तीसरी बार अंतरिक्ष की उड़ान भरने के लिए तैयार हैं. वह बोइंग के स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान से उड़ान भरेंगी, जिसे फ्लोरिडा में केप केनवेरल के अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से छोड़ा जाएगा.

Sunita Williams | Photo- Wikimedia commons

Sunita Williams: भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स 58 साल की उम्र में मंगलवार को बतौर पायलट तीसरी बार अंतरिक्ष की उड़ान भरने के लिए तैयार हैं. वह बोइंग के स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान से उड़ान भरेंगी, जिसे फ्लोरिडा में केप केनवेरल के अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से छोड़ा जाएगा. स्टारलाइनर विलियम्स और बुच विलमोर को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र लेकर जाएगा, जो संकटग्रस्त बोइंग कार्यक्रम के लिए एक महत्वपूर्ण और बहु-प्रतीक्षित सफलता हो सकती है.

अंतरिक्ष यान सोमवार को स्थानीय समयानुसार रात 10:34 बजे (मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय समयानुसार 8:04 बजे) रवाना होगा. ‘ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन’ (बीबीसी) ने विलियम्स के हवाले से कहा, ‘‘हम सभी यहां हैं क्योंकि हम सभी तैयार हैं। हमारे दोस्तों और मित्रों ने इसके बारे में सुना है और हमने इसके बारे में बात की है और वे खुश तथा गौरवान्वित हैं कि हम इस प्रक्रिया का हिस्सा हैं.’’

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अंतरिक्ष यान के विकास में कई झटकों के कारण इस अभियान में कई वर्षों की देरी हुई है. अगर यह कामयाब हो जाता है तो एलन मस्क की ‘स्पेसएक्स’ के साथ यह दूसरी निजी कंपनी बन जाएगी जो चालक दल को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र तक ले जाने और वापस लाने में सक्षम होगी. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के प्रशासक बिल नेल्सन ने 22 मार्च को एक संवाददाता सम्मेलन में स्टारलाइनर के आगामी अभियान के बारे में कहा था, ‘‘इतिहास बनने जा रहा है. हम अंतरिक्ष अन्वेषण के स्वर्ण युग में हैं.’’

नासा ने 1988 में सुनीता विलियम्स को अंतरिक्ष यात्री के तौर पर चुना था और उनके पास दो अंतरिक्ष अभियानों का अनुभव है. उन्होंने एक्स्पीडिशन 32 की फ्लाइट इंजीनियर और एक्स्पीडिशन 33 की कमांडर के तौर पर सेवा दी थी. पहली अंतरिक्ष यात्रा एक्स्पीडिशन 14/15 के दौरान विलियम्स ने 9 दिसंबर 2006 को एसटीएस-116 के चालक दल के साथ उड़ान भरी थी और 11 दिसंबर 2006 को वह अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र पहुंचीं.

पहली अंतरिक्ष यात्रा में उन्होंने अंतरिक्ष में कुल 29 घंटे और 17 मिनट की चार बार चहलकदमी करने के साथ महिलाओं के लिए विश्व रिकॉर्ड बनाया. इसके बाद अंतरिक्ष यात्री पेग्गी व्हिटसन ने अंतरिक्ष में कुल पांच बार चहलकदमी कर 2008 में यह रिकॉर्ड तोड़ दिया था. एक्स्पीडिशन 32/33 में विलियम्स ने रूसी सोयुज कमांडर युरी मालेनचेंको और जापान एयरोस्पेस एक्स्प्लोरेशन एजेंसी की फ्लाइट इंजीनियर अकीहिको होशिदे के साथ कजाखस्तान के बैकोनूर कोस्मोड्रोन से 14 जुलाई 2012 को अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरी थी. उस वक्त विलियम्स ने प्रयोगशाला की परिक्रमा करते हुए अनुसंधान और अन्वेषण में चार महीने का वक्त बिताया था.

वह अंतरिक्ष में 127 दिन का वक्त बिताने के बाद 18 नवंबर 2012 को कजाखस्तान पहुंची थीं. अपने अभियान के दौरान विलियम्स और होशिदे ने तीन बार अंतरिक्ष की चहलकदमी की और स्टेशन के रेडिएटर से अमोनिया के रिसाव को ठीक किया. अंतरिक्ष में 50 घंटे और 40 मिनट की चहलकदमी के साथ विलियम्स ने एक बार फिर किसी महिला अंतिरक्ष यात्री का अंतरिक्ष में सबसे लंबे समय तक चहलकदमी करने का विश्व रिकॉर्ड अपने नाम किया. विलियम्स ने अंतरिक्ष में कुल 322 दिन बिताए हैं.

विलियम्स का जन्म ओहायो के यूक्लिड में भारतीय-अमेरिकी न्यूरोएनाटॉमिस्ट दीपक पांड्या और स्लोवेनियाई-अमेरिकी उर्सुलिन बोनी पांड्या के घर हुआ था. उन्होंने यूएस नेवल एकेडमी से भौतिक विज्ञान की डिग्री ली और फ्लोरिडा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से इंजीनियरिंग प्रबंधन में मास्टर ऑफ साइंस की डिग्री हासिल की.

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