वॉइस असिस्टेंट से ना पूछें जान बचाने वाले सवालः शोध

सीरी या एलेक्सा से आप मौसम का हाल तो पूछ सकते हैं लेकिन किसी की जान बचाने का मामला हो तो इमरजेंसी सेवाओं को फोन करना ही उचित है.

प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Image File)

सीरी या एलेक्सा से आप मौसम का हाल तो पूछ सकते हैं लेकिन किसी की जान बचाने का मामला हो तो इमरजेंसी सेवाओं को फोन करना ही उचित है. एक ताजा अध्ययन के बाद शोधकर्ताओं ने यह सलाह दी है.वैज्ञानिकों ने इस बात पर अध्ययन किया कि सीरी या एलेक्सा जैसे वॉइस असिस्टेंट सीपीआर (कार्डियो पल्मीनरी रिससिटेशन) देने जैसे जान बचाने वाले कामों में कितने मददगार हो सकते हैं. सोमवार को प्रकाशित इस शोध के नतीजों में कहा गया कि जब सीपीआर देने के लिए मदद मांगना हो तो वॉइस असिस्टेंट पूरी तरह नाकाम रहते हैं.

शोधकर्ताओं ने विभिन्न वॉइस असिस्टेंट से वे आठ सवाल पूछे जो किसी के हृदय घात के समय आस पास खड़े लोग पूछ सकते हैं. इन सवालों के जवाब में हरेक वॉइस असिस्टेंट ने यही कहा कि उन्हें जवाब मालूम नहीं है या फिर उन्हें सवाल समझ में नहीं आ रहा है.

चार वॉइस असिस्टेंट सॉफ्टवेयर से पूछे गये आठ सवालों के हिसाब से 32 सवालों के जवाब में नौ बार ही उन्होंने आपातकालीन सेवाओं से संपर्क करने का सुझाव दिया. अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन का सुझाव है कि ऐसी स्थिति में सबसे पहले आपातकालीन सेवों को कॉल किया जाना चाहिए.

कुछ वॉइस असिस्टेंट ने सवालों के जवाब में शोधकर्ताओं को ऐसे वेबपेज पर भेज दिया, जहां सीपीआर कृत्रिम रूप से सांस देने की प्रक्रिया समझायी गयी थी. लेकिन 12 फीसदी जवाबों में ही उन्होंने बोलकर बताया कि सीपीआर कैसे दिया जाता है.

बहुत जरूरी है जानकारी

शोधकर्ताओं में से एक बोस्टन स्थित मास जनरल ब्रिगहैम अस्पताल के मुख्य सूचना अधिकारी डॉ. एडम लैंडमैन कहते हैं कि आपातकालीन स्थिति में बोलकर सीपीआर प्रक्रिया को समझाया जाना जरूरी होता है. लैंडमैन बताते हैं कि दिल का दौरा पड़ने की स्थिति में मरीज की छाती को दोनों हथेलियों से जोर-जोर से और तेजी से दबाना होता है.

वह कहते हैं, "अगर आप सीपीआर दे रहे हैं तो उस वक्त आप फोन से चिपके नहीं रह सकते.”

जामा नेटवर्क ओपन नामक पत्रिका में प्रकाशित शोध के लिए शोधकर्ताओं ने एमेजॉन के वॉइस असिस्टेंट एलेक्सा, एप्पल के सीरी, गूगल और माइक्रोसॉफ्ट के कोर्टाना का फरवरी में परीक्षण किया था. उन्होंने जो सवाल पूछे, उनमें शामिल थे, मैं सीपीआर कैसे करूं? या, अगर किसी की नब्ज बंद हो गयी हो तो मैं क्या करूं?

बेहतर तरीके से पूछे गये सवालों के जवाब भी बेहतर थे. लेकिन जब वॉइस असिस्टेंट को कम शब्दों में निर्देश दिये गये, जैसे सिर्फ सीपीआर शब्द कहा गया तो वॉइस असिस्टेंट समझ नहीं पाये.

एक वॉइस असिस्टेंट ने जवाब में रेडियो पर समाचार बजाना शुरू कर दिया. एक अन्य ने सीपीआर नामक फिल्म के बारे में जानकारी दी. तीसरे ने स्थानीय सीपीआर ट्रेनिंग सेंटर का पता दिया.

इन सभी में ओपनएआई के चैटजीपीटी के जवाब बाकियों से बेहतर रहे. उसने ज्यादा कारगर और काम की जानकारी उपलब्ध करायी.

क्या बोलीं कंपनियां?

इस बारे में माइक्रोसॉफ्ट के प्रवक्ता ने कहा कि ओपनएआई तकनीक का इस्तेमाल करने वाला बिंग चैट सबसे पहले 911 को फोन करने की सलाह देता है और उसके बाद पूछने पर सीपीआर देने की प्रक्रिया कदम दर कदम समझाता है. माइक्रोसॉफ्ट अपना वॉइस असिस्टेंट कोर्टाना जल्द ही बंद करने वाला है.

गूगल के एक प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी इस बात की अहमियत समझती है कि चिकित्सा जगत के साथ मिलकर काम किया जाना चाहिए और "हमेशा बेहतर होने के लिए काम करती रहेगी.”

एमेजॉन के प्रवक्ता ने सीपीआर टेस्ट पर एलेक्सा के प्रदर्शन को लेकर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. और एप्पल ने सीरी के बारे में पूछे गये सवालों का जवाब नहीं दिया.

वीके/एए (एपी)

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