Chandra Grahan 2020 India: चंद्रमा पर होगा जगुआर का हमला ? जानें इस चंद्रग्रहण से जुड़ी कुछ दिलचस्प और अनोखी दास्तां

आज रात या कहें 5 जून और 6 जून की रात के बीच इस साल का दूसरा उपछाया चंद्र ग्रहण दिखाई देगा, जिसे स्ट्रॉबेरी मून 2020 भी कहा जा रहा है. इस पेनुम्ब्राल चंद्र ग्रहण का एक हिस्सा 6 जून को 12 बजकर 54 मिनट पर अपने चरम पर होगा. एक चंद्र ग्रहण का अनिवार्य रूप से अर्थ है कि उपग्रह पृथ्वी की छाया से गुजरता है.

चंद्र ग्रहण | प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit- Pixabay)

Chandra Grahan 2020 India: आज रात या कहें 5 जून और 6 जून की रात के बीच इस साल का दूसरा उपछाया चंद्र ग्रहण (Penumbra Lunar Eclipse) दिखाई देगा, जिसे स्ट्रॉबेरी मून 2020 भी कहा जा रहा है. इस पेनुम्ब्राल चंद्र ग्रहण का एक हिस्सा 6 जून को 12 बजकर 54 मिनट पर अपने चरम पर होगा. एक चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan) का अनिवार्य रूप से अर्थ है कि उपग्रह पृथ्वी की छाया से गुजरता है. जिसका मतलब होता है कि चंद्रमा पृथ्वी की वास्तविक छाया पर न पड़कर केवल उसकी उपछाया पर पड़ती है.

चांद के बाकी हिस्से में पृथ्वी के बाहरी हिस्से की छाया जब पड़ती है तब उसे पेनुम्ब्राल (Penumbral) कहा जाता है. यह एक फीकी परछाई होगी जिससे आप चंद्रमा में कुछ अलग नहीं देख पाएं. लेकिन हर ग्रहण की अपनी कहानी होती है, जिसमे कुछ सच्चाई हो या कोई सुनी-सुनाई हो. आनेवाली इस उपछाया चंद्रग्रहण से पहले हम आपको इससे जुड़ी कुछ रोचक किस्सों के बारे में बताएंगे.

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एक सर्वनाश का संकेत:

चंद्र ग्रहण हो या सूर्य ग्रहण हो इनके लगने से पहले ही यह कहा जाता है कि यह दुनिया के अंत का संकेत है. इस बात को बाइबल के जोएल 2:31 में कहा गया है कि, "सूर्य अंधकार से छिप जाएगा और भगवान के महान और रौद्र होने से पहले चंद्रमा रक्तमय हो जाएगा."

गर्भवती महिलाओं के लिए बुरा शगुन:

दुनियाभर में बहुत से लोग चंद्र ग्रहण को गर्भवती महिलाओं के लिए एक बुरा शगुन मानते हैं. उनका मानना ​​है कि अंधेरे चंद्रमा एक अजन्मे बच्चे को शाप देता है. महिलाओं को यह भी सलाह दी जाती है कि वे नुकीली चीजों से दूर रहें क्योंकि यह बच्चे पर जन्म के दौरान अपना निशान छोड़ सकती है.

सूर्य और चंद्रमा के बीच लड़ाई:

अफ्रीका के बेनिन में एक आदिवासी समुदाय इस ग्रहण को सूर्य और चंद्रमा के बीच की लड़ाई के रूप में देखती है. लोग एक्रत्रित को कर जाप करते हैं, गाना-बजाना करते हैं. वे सूर्य और चंद्रमा की लड़ाई यानि की ग्रहण के दौरान के समय को अपने झगड़ों को सुलझानें का समय भी मानते हैं.

जगुआर का (तेंदुआ) चंद्रमा पर हमला:

इंका सभ्यता के लोग इसे खाने के लिए चंद्रमा पर तेंदुएं के हमले के रूप में भी इस चंद्र ग्रहण को मानते है. जानवरों को दूर भगाने के लिए लोग भाले घुमाते हैं और कुत्तों को आकाश की ओर दिखाते हुए भौकातें हैं. यह सब जो कुछ भी चांद को निगल रहा था उसे डराने के लिए करते हैं.

कर्मों का गुणा:

तिब्बतियों का मानना ​​है कि चंद्र ग्रहण के दौरान किए गए किसी भी प्रकार के कर्म वे गुणा करेंगे. इसलिए वे लोगों को अच्छे काम करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं. तो कुछ लोगों को बदले में कई लाभ प्राप्त करने के लिए दान करने के का बढ़ावा भी देते हैं.

सूर्य और चंद्रमा का एक-दुसरे की ओर बढ़ना:

कुछ ऑस्ट्रेलियाई आदिवासी संस्कृतियों में लोगों का यह भी मानना है कि सूर्य और चंद्रमा एक-दुसरे की ओर बढ़ते हैं और जो तारे दिखाई देते हैं वे बच्चे हैं.

आपको भी इनमें से कुछ कहानियां दिलचस्प भी लगी होंगी. क्या आपने इनमें से कोई कहानियां सुनी है या जानते हैं? लेकिन आप चिंता न करें दुनिया का कोई सर्वनाश नहीं हो रहा है क्योंकि हमने वर्षों से ऐसे कई ग्रहण देखें हैं. वैसे आप इस खगोलीय घटना से पहले इन कहानियों को अपने दोस्तों के साथ शेयर कर सकते हैं.

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