PUBG Ban In India: माता-पिता के चहरे पर मुस्कान, युवाओं हुए मायूस
पबजी मोबाइल ने इस वर्ष की पहली छमाही में 1.3 अरब डॉलर (लगभग 9,731 करोड़ रुपये) का वैश्विक राजस्व हासिल किया है और इसके साथ ही कंपनी ने अपने जीवनकाल में तीन अरब डॉलर (लगभग 22,457 करोड़ रुपये) का राजस्व हासिल कर लिया है.
PUBG Ban In India: भारत सरकार ने बुधवार को 118 चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध की घोषणा की, जिसमें बेहद लोकप्रिय गेम पबजी भी शामिल है. यह भारतीय अभिभावकों के लिए एक बेहतर खबर साबित हुई है, क्योंकि वह महीनों से इसी तरह के फैसले का इंतजार कर रहे थे. वहीं बच्चे व युवा इस खबर को सुनकर हैरान होने के साथ ही मायूस भी हैं. इससे पहले भी सरकार ने जून में 58 अन्य चीनी ऐप्स के साथ लघु वीडियो शेयरिंग ऐप टिकटॉक पर प्रतिबंध लगा दिया था, मगर पबजी पर कोई प्रतिबंध नहीं लगा था. हालांकि समय-समय पर कई प्लेटफार्मों के जरिए पबजी पर प्रतिबंध लगाने संबंधी छिटपुट मांगें सामने जरूर आई थीं.
जहां कुछ अभिभावकों ने अपने बच्चों की पढ़ाई को प्रभावित करने वाले बेहद लोकप्रिय वीडियो गेम के बारे में शिकायत की, वहीं कई परिजनों ने कहा कि उनके बच्चे इस खेल के आदी हो चुके हैं. यही नहीं ऐसी भी खबरें सामने आई थी कि बच्चों में इस गेम के प्रति इतना आकर्षण था कि उन्हें इसकी लत गई, जिससे अभिभावकों और शिक्षकों की उनके मानसिक स्वास्थ्य के बारे में चिंता बढ़ गई.
जब सरकार ने बुधवार को ताजा प्रतिबंधित ऐप्स की एक नई सूची प्रकाशित की, तो ऐसे अभिभावकों ने राहत की सांस ली, जो बच्चों के गिरते पढ़ाई के स्तर और उनके मानसिक स्वास्थ्य के बारे में चिंतित थे। हालांकि गेम के कुछ प्रशंसकों ने भी इस फैसले को स्वीकार किया है. दिल्ली से बीटेक अंतिम वर्ष के छात्र अनिकेत कृष्णात्रे ने कहा कि वह चीन के साथ भारत के सीमा तनाव के कारण फैसले को स्वीकार कर रहे हैं.
अनिकेत ने आईएएनएस से कहा, "अभी भारत में पबजी के प्रतिबंधित होने के बारे में चौंकाने वाली खबर के बारे में पता चला. हालांकि मेरे माता-पिता इस फैसले से काफी खुश हैं, मगर यह मेरे लिए यह बहुत निराशाजनक था. क्योंकि राष्ट्रव्यापी बंद के दौरान यही केवल एक साधन था, जिससे मैं बोरियत (नीरसता) से छुटकारा पा सका."
उन्होंने कहा, "सरकार ने कई ऐप पर प्रतिबंध लगा दिया है लेकिन हमें जल्द से जल्द विकल्पों की आवश्यकता है."
पबजी प्रतिबंध की खबर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर जंगल की आग की तरह फैल गई और मिनटों में ही ट्विटर पर 'पबजी बैन' ट्रेंड करने लगा. सोशल मीडिया पर कई प्रकार की प्रतिक्रियाएं देखने को मिली है. गेम के कुछ प्रशंसक तो काफी निराश दिखाई पड़ रहे हैं. वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो इसे सही फैसला बता रहे हैं.
इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "यह कदम करोड़ों भारतीय मोबाइल और इंटरनेट उपयोगकर्ताओं के हितों की रक्षा करेगा. यह निर्णय भारतीय साइबरस्पेस की सुरक्षा एवं संप्रभुता सुनिश्चित करने के लिए एक लक्षित कदम है."
पबजी गेम फिलहाल वैश्विक स्तर पर 60 करोड़ से अधिक बार डाउनलोड किया जा चुका है. इस गेम को खेलने वाले पांच करोड़ सक्रिय (एक्टिव) यूजर्स हैं. इसमें चीन के यूजर्स शामिल नहीं हैं, जहां इस गेम के रीब्रांडेड वर्जन को गेम फॉर पीस कहा जा रहा है.
पबजी मोबाइल ने इस वर्ष की पहली छमाही में 1.3 अरब डॉलर (लगभग 9,731 करोड़ रुपये) का वैश्विक राजस्व हासिल किया है और इसके साथ ही कंपनी ने अपने जीवनकाल में तीन अरब डॉलर (लगभग 22,457 करोड़ रुपये) का राजस्व हासिल कर लिया है. इस बीच, कई भारतीय स्टार्टअप ने फैसले का स्वागत किया है.
शॉर्ट वीडियो ऐप चिंगारी के सीईओ और सह-संस्थापक सुमित घोष ने कहा, "सरकार भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम को सपोर्ट कर रही है. यह वास्तव में भारतीय इकोसिस्टम को प्रेरित करेगा और हम अधिक भारतीय कंपनियों को ग्लोबल होते देखेंगे." बिकाई ऐप की सह-संस्थापक सोनाक्षी नैथानी ने कहा कि अब भारतीय व्यावसायिक ऐप को अपनी तकनीक के साथ अन्य स्थानीय व्यवसायों को सशक्त बनाने का पर्याप्त अवसर मिलेगा, जो अर्थव्यवस्था की वृद्धि में मदद करेगा.