Claude AI बना हैकर्स का नया हथियार: मामूली जानकारी रखने वाले भी कर रहे हैं बड़े साइबर हमले

Anthropic की रिपोर्ट के अनुसार, कम तकनीकी जानकारी वाले हैकर्स भी अब Claude AI का इस्तेमाल बड़े साइबर अपराधों के लिए कर रहे हैं. यह AI टूल उन्हें निशाना खोजने, डेटा चुराने और फिरौती की रकम तय करने जैसे कामों में मदद कर रहा है. यह घटना AI के गलत हाथों में पड़ने के गंभीर खतरे को उजागर करती है.

कम कोडिंग जानने वाले हैकर्स भी Claude AI का इस्तेमाल करके बड़े साइबर अपराध कर रहे हैं. (Photo : X)

आजकल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की हर तरफ चर्चा है, लेकिन इसके कुछ खतरनाक इस्तेमाल भी सामने आ रहे हैं. AI चैटबॉट Claude को बनाने वाली कंपनी Anthropic ने अपनी एक नई रिपोर्ट में खुलासा किया है कि कैसे हैकर्स इस शक्तिशाली AI टूल का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं. सबसे डराने वाली बात यह है कि इसके लिए उन्हें कोई बहुत ज़्यादा तकनीकी ज्ञान की ज़रूरत भी नहीं पड़ रही है.

एक हैकर ने AI से कैसे मचाई तबाही?

Anthropic ने अपनी 'थ्रेट इंटेलिजेंस रिपोर्ट' में एक ऐसे मामले का ज़िक्र किया है, जिसमें एक हैकर ने, जिसे कोडिंग की बहुत ही मामूली जानकारी थी, Claude AI का इस्तेमाल करके एक बड़ा अवैध वसूली का रैकेट चलाया. इस हैकर ने AI से लगभग सारे काम करवाए, जैसे:

इस अकेले हैकर ने स्वास्थ्य, सरकार, आपातकालीन सेवाओं और यहां तक कि धार्मिक संस्थानों सहित कम से कम 17 संगठनों को अपना निशाना बनाया. उसने चुराए गए डेटा को सार्वजनिक करने की धमकी देकर पीड़ितों से 500,000 डॉलर (लगभग 4 करोड़ रुपये) से ज़्यादा की फिरौती वसूलने की कोशिश की.

यह घटना बताती है कि AI टूल्स की वजह से अब ऐसे जटिल साइबर हमले करना भी आसान हो गया है, जिन्हें करने के लिए पहले कई माहिर हैकर्स की टीम लगती थी.

AI के गलत इस्तेमाल के अन्य मामले

रिपोर्ट में कुछ और भी चिंताजनक मामले सामने आए हैं:

  1. रैंसमवेयर की बिक्री: एक दूसरे अपराधी ने Claude की मदद से एक बहुत ही उन्नत किस्म का रैंसमवेयर (एक तरह का वायरस जो डेटा लॉक कर देता है) बनाया और उसे इंटरनेट पर दूसरे हैकर्स को $400 से $1200 में बेचा.
  2. फर्जी नौकरी का खेल: उत्तर कोरिया के हैकर्स ने Claude का इस्तेमाल बड़ी अमेरिकी कंपनियों (Fortune 500) में रिमोट जॉब पाने के लिए फर्जी प्रोफाइल और पहचान बनाने के लिए किया.

कंपनी क्या कर रही है?

Anthropic ने कहा है कि वे इस तरह के दुरुपयोग से अवगत हैं और इसे रोकने के लिए ज़रूरी कदम उठा रहे हैं. यह रिपोर्ट इस बात पर प्रकाश डालती है कि AI टेक्नोलॉजी जहां एक तरफ बहुत फायदेमंद है, वहीं दूसरी तरफ यह गलत हाथों में पड़कर एक खतरनाक हथियार भी बन सकती है.

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