शारजाह , 8 सितम्बर : पाकिस्तान के कप्तान बाबर आजम ने अफगानिस्तान के खिलाफ आखिरी ओवर में रोमांचक जीत दर्ज करने के बाद कहा कि उनके 10वें नंबर के बल्लेबाज नसीम शाह के मैच विजयी छक्कों ने उन्हें लीजेंड क्रिकेटर जावेद मियांदाद के कुछ दशक पहले भारत के चेतन शर्मा की आखिरी गेंद पर मारे गए छक्के की याद दिला दी. पाकिस्तान को फाइनल में पहुंचने और भारत को होड़ से बाहर रखने के लिए 10 गेंदों में 20 रन की जरूरत थी और उसके दो विकेट बाकी थे. ऐसी स्थिति में नदीम शाह मैदान में उतरे. नसीम ने इससे पहले तक टी20 में मात्र एक गेंद का सामना किया था. दूसरे छोर पर अनुभवी आसिफ अली मौजूद थे.
लेकिन पाकिस्तानी खेमे में उस समय हड़बड़ाहट फैल गयी जब आसिफ 19वें ओवर में आउट हो गए. नसीम ने यहीं से खुद मोर्चा संभालने का फैसला किया. पाकिस्तान को अब भी 13 रन की जरूरत थी. फजलहक फारूकी, जिनका गेंदबाजी विश्लेषण उस समय तक 3-0-19-3 था, और उन्हें आखिरी ओवर की जिम्मेदारी दी गयी. नसीम ने कहा कि वह उनके सामने आने वाली यॉर्कर के लिए भी तैयार थे. आखिरी ओवर में नसीम शाह ने लगातार दो छक्के मारकर जीत पाकिस्तान की झोली में डाल दी और टीम को फाइनल में पहुंचा दिया. कप्तान बाबर आजम ने नसीम की तारीफ करते हुए कहा कि उनके छक्कों ने उन्हें मियांदाद के मैच विजयी छक्के की याद दिला दी. मियांदाद ने जब यह उपलब्धि हासिल की थी तब बाबर आजम का जन्म भी नहीं हुआ था. यह भी पढ़ें : टियाफो अमेरिकी ओपन सेमीफाइनल में, अल्कारेज से होगी भिड़ंत
बाबर आजम ने कहा, "ईमानदारी से कहूं तो ड्रेसिंग रूम में तनावपूर्ण माहौल था. हम बढ़िया पार्टनरशिप बनाने में सफल नहीं हो पाए. उनकी टीम में जिस तरीके के गेंदबाज हैं, शारजाह जैसी पिच पर यह और ज्यादा कठिन हो जाता है. हमने गेंदबाजी बढ़िया की लेकिन बल्लेबाजी में हम बढ़िया पार्टनरशिप बनाने में कामयाब नहीं हो पाए. हमारे दिमाग में एक बात थी कि नसीम बड़े सिक्सर लगा सकता है और उसमें वह सफल भी रहा. उनके छक्कों ने मुझे जावेद मियांदाद के शारजाह में मारे गए छक्के की याद दिला दी." मियांदाद ने ऑस्ट्रल-एशिया कप के फाइनल में भारत के चेतन शर्मा की आखिरी गेंद पर छक्का मारकर पाकिस्तान को यादगार जीत दिला दी. इसे क्रिकेट में सबसे आइकोनिक फिनिश में से एक माना जाता है. पाकिस्तान के कप्तान ने कहा, "नसीम ने जिस अंदाज में मैच समाप्त किया उसके बाद का माहौल आप देख सकते हैं."
नसीम शाह ने कहा, "मुझे पता था कि मैं सिक्सर मार सकता हूं. साथ ही मुझे यह भी पता था कि गेंदबाज मुझे यॉर्कर मारने का प्रयास करेंगे. मैं अपने पार्टनर से भी यही बात कर रहा था कि हम बड़े शॉट लगा सकते हैं. जब आसिफ बल्लेबाजी कर रहे थे तो मैं सिंगल देने का प्रयास कर रहा था लेकिन जब वो आउट हुए तो मैं बड़े शॉट लगाने का प्रयास कर रहा था. एक पल के लिए तो मैं यह भूल गया था कि मैं बोलर हूं."