दबदबा था, है और रहेगा! ओलंपिक में हरियाणा के धुरंधरों का जलवा! भारत को 30 फीसदी मेडल दिलाता है 2% आबादी वाला ये राज्य
हरियाणा भारत का खेल नर्सरी है. यहां के युवा सिर्फ खेल नहीं खेलते, वे अपनी जिंदगी को खेल के रूप में जीते हैं. उनके लिए हर सुबह एक नया अवसर है, अपने सपनों को सच करने का.
Haryana Sports Nursery of India: हरियाणा, भारत का एक छोटा सा राज्य, जिसमें देश की केवल 2% जनसंख्या है, लेकिन उसने ओलंपिक पदकों में 30% का योगदान दिया है. यह कैसे संभव है? यह कहानी सिर्फ खेल की नहीं है, बल्कि हरियाणा की संस्कृति, खानपान, और जीवनशैली की भी है.
हरियाणा की यह संस्कृति, यह मेहनत, यह समर्पण ही है जो इसे भारत का खेल नर्सरी बनाता है. यहां के युवा सिर्फ खेल नहीं खेलते, वे अपनी जिंदगी को खेल के रूप में जीते हैं. उनके लिए हर सुबह एक नया अवसर है, अपने सपनों को सच करने का.
खेलों में हरियाणा की विशेषता
टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक विजेता नीरज चोपड़ा, जो खुद हरियाणा से हैं, ने एक बार कहा था, "हरियाणा की खेल संस्कृति ही इतनी ओलंपियनों को पैदा कर रही है. यहाँ की मिट्टी में कुछ खास है." यही कारण है कि हरियाणा को भारत का 'ओलंपिक नर्सरी' कहा जाता है.
मशहूर खिलाड़ियों का उद्गम
मनीषा भाकर, जो पेरिस ओलंपिक में भारत की सफलता का प्रतीक बन गई हैं, भी हरियाणा की ही हैं. हरियाणा के कुश्ती कोच अशोक ढाका का कहना है कि यहाँ के खानपान और सांस्कृतिक पहलुओं का भी बड़ा योगदान है. "दूध, दही, मक्खन और पनीर जैसे पदार्थ यहाँ की भोजन में मुख्य हैं, जो शारीरिक विकास में सहायक होते हैं," वे कहते हैं.
पोषण और व्यायाम
अच्छे पोषण पर जोर, स्कूलों में नियमित व्यायाम, और प्रतियोगी खेलों में भाग लेना हरियाणवी संस्कृति का हिस्सा है. रोहतक के प्रसिद्ध भगत सिंह अखाड़े के संचालक अशोक ढाका कहते हैं, "हमारे यहाँ के लोग अपने खानपान और मेहनत की वजह से शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत होते हैं."
हरियाणा का ओलंपिक में योगदान
पेरिस ओलंपिक में भारत की 117 सदस्यीय टीम में से 24 हरियाणा से और 19 पंजाब से हैं. टोक्यो ओलंपिक में, 119 सदस्यीय टीम में से 31 हरियाणा से और 19 पंजाब से थे. इस बार, हरियाणा के एथलीट आठ विषयों में भाग ले रहे हैं – तीरंदाजी, एथलेटिक्स, बॉक्सिंग, गोल्फ, हॉकी, रोइंग, शूटिंग और कुश्ती. पंजाब के खिलाड़ी चार विषयों में भाग ले रहे हैं – एथलेटिक्स, गोल्फ, हॉकी और शूटिंग.
हरियाणा की खेती और शारीरिक मजबूती
1970 के दशक में हरित क्रांति ने पंजाब और हरियाणा को देश के शीर्ष फसल उत्पादकों में शामिल किया. इससे यहाँ के लोग सामान्यतः मजबूत और स्वस्थ हो गए. भिवानी बॉक्सिंग क्लब के संस्थापक जगदीश सिंह कहते हैं, "हरियाणा में अधिकांश परिवारों के पास छोटे-छोटे खेत होते हैं, जहां परिवार के सदस्य ही खेती का काम करते हैं. इससे उनकी शारीरिक क्षमता बढ़ती है."
इतिहास की धरोहर
हरियाणा के लोगों ने मुगलों और ब्रिटिशों के खिलाफ संघर्ष किया. यह मानसिक और शारीरिक toughness पीढ़ियों से चली आ रही है. गुरु मेहर सिंह अखाड़े के कोच रणबीर ढाका कहते हैं, "हमारी ताकत और मजबूती हमारे जीन्स में है."
हरियाणा की इस विशेषता ने इसे भारत का 'ओलंपिक नर्सरी' बना दिया है, जहां से न सिर्फ ओलंपिक विजेता बल्कि देश के लिए गर्व की वजह बनने वाले एथलीट निकलते हैं.