भारत ने टी20 विश्व कप 2024 के फाइनल में दक्षिण अफ्रीका को 7 रन से हराकर खिताब जीता. 2007 के बाद दूसरी बार भारत ने ये कप अपने नाम किया. रोहित ब्रिगेड ने 17 साल के सूखे को खत्म कर इतिहास रचा. मैच के आखिरी मिनट तक ये अंदाज़ा लगाना मुश्किल था कि जीत भारत की होगी या दक्षिण अफ्रीका की. फाइनल होना ही ऐसा है. हर गेंद पर रोमांच. मैच में एक समय ऐसा भी आया जब भारत की जीत मुश्किल लग रही थी, लेकिन फिर गेंदबाजों ने कमाल कर दिखाया. गेंदबाजी के साथ-साथ फील्डिंग में भी जादू दिखाते हुए, भारतीय खिलाड़ियों ने हारते हुए मुकाबले को पलटकर अपना सपना पूरा किया.
क्लासेन ने दक्षिण अफ्रीका के पक्ष में मोड़ दिया मैच
177 रनों का पीछा करने उतरी दक्षिण अफ्रीका की टीम की शुरुआत अच्छी नहीं रही, लेकिन क्लासेन की विस्फोटक बल्लेबाजी ने भारत से जीत छीन ली. टीम के लिए 15वां ओवर डाल रहे थे अक्षर पटेल. इस ओवर में क्लासेन ने 4 लगातार गेंदों को बाउंड्री के पार भेजा. 2 छक्के और 2 चौके लगाकर उन्होंने मैच को पूरी तरह से अपने पक्ष में मोड़ दिया. अब आखिरी 5 ओवरों में यानी 30 गेंदों में अफ्रीका को जीतने के लिए 30 रन चाहिए थे. 6 बल्लेबाज़ अभी भी बल्लेबाजी के लिए तैयार थे.
Last 5 overs of Indian bowling and winning moment 🇮🇳🇮🇳pic.twitter.com/cSXhGGGzRu
— Spartan(T20 World Cup Champions) (@_spartan_45) June 30, 2024
बुमराह ने संभाला मोर्चा (16वां ओवर)
जब भी टीम इंडिया मुश्किल में होती है, तो वो अपने हनुमान बुमराह को याद करता है. कप्तान रोहित शर्मा ने उसे 16वां ओवर डालने का जिम्मा सौंपा. रोहित ने न सिर्फ़ ओवर दिया, बल्कि मैच भी. और बुमराह ने उस विश्वास को बखूबी निभाया. 15वें ओवर में जहाँ 22 रन बने थे और मैच अफ्रीका के पक्ष में मुड़ रहा था, वहीं बुमराह ने उस स्थिति को भारत के पक्ष में मोड़ दिया और शानदार गेंदबाजी करते हुए सिर्फ़ 4 रन दिए.
हार्दिक ने क्लासेन को आउट किया (17वां ओवर)
27 गेंदों में 52 रन बनाकर खेल रहे क्लासेन जोश में थे. वो विस्फोटक बल्लेबाजी कर रहे थे, जैसे जीत के लिए वापस नहीं लौटेंगे. अफ्रीका को जीतने के लिए 26 रन चाहिए थे और 24 गेंदें बाकी थीं. लेकिन फिर हार्दिक ने वो किया, जिसका इंतजार भारतीय टीम बेसब्री से कर रही थी. उन्होंने क्लासेन को 17वें ओवर की पहली गेंद पर पंत के हाथों कैच कराकर पवेलियन भेज दिया. क्लासेन का विकेट अफ्रीका के लिए बड़ा झटका था. विकेट पर आक्रमणकारी और गेंदबाजों को मात दे रहे क्लासेन पवेलियन लौट गए. इसके बाद जैसे भारतीय फैंस को कुछ हवा मिली. हालांकि, मिलर अभी भी मैदान पर मौजूद थे, जो एक ओवर में मैच खत्म कर सकते थे. इस ओवर में हार्दिक ने सिर्फ़ 4 रन दिए और एक महत्वपूर्ण बल्लेबाज़ को आउट किया. ये विकेट मैच का टर्निंग पॉइंट था. हार्दिक ने अपना काम कर दिया था.
बुमराह ने फिर दिखाया अपना दम (18वां ओवर)
क्लासेन के आउट होने के बाद, मैच भारत के हाथ में था, लेकिन मिलर अभी भी विकेट पर डटे हुए थे. क्लासेन की जगह बल्लेबाज़ी करने आए थे जेन्सेन. लेकिन बुमराह ने फिर से अपना जादू दिखाया और जेन्सेन को बोल्ड कर दिया. अब दबाव अफ्रीका पर था. बुमराह ने इस ओवर में सिर्फ़ 2 रन दिए और एक बल्लेबाज़ को पवेलियन भेज दिया.
अर्शदीप ने कसा पेंच (19वां ओवर)
आखिरी दो ओवरों में अफ्रीका को जीतने के लिए 20 रन चाहिए थे, और भारत को ये रन बचाने थे. रोहित शर्मा ने अर्शदीप सिंह पर भरोसा जताया और उन्हें 19वां ओवर सौंपा. अर्शदीप ने बेहतरीन गेंदबाजी की और सिर्फ़ 4 रन दिए. अब अफ्रीका को आखिरी ओवर में 16 रन चाहिए थे.
सूर्यकुमार यादव का वो अविश्वसनीय कैच (20वां ओवर)
अफ्रीका को जीतने के लिए आखिरी ओवर में 16 रन चाहिए थे. मिलर अभी भी विकेट पर डटे थे. मिलर एक ऐसे बल्लेबाज़ हैं जो आखिरी ओवर तक मैच को अपने पक्ष में मोड़ सकते हैं. रोहित शर्मा ने 20वां ओवर हार्दिक को सौंपा. मिलर स्ट्राइक पर थे. हार्दिक ने एक लो फुल टॉस डाली, जिसे मिलर ने बाउंड्री के पार भेजने की कोशिश की, लेकिन वहां सूर्यकुमार यादव मौजूद थे. सूर्या ने मिलर का अविश्वसनीय कैच पकड़ा, और सिर्फ़ कैच नहीं पकड़ा, बल्कि मैच पकड़ा, ट्रॉफी पकड़ी. इस कैच के बाद मैच पूरी तरह से भारत के हाथ में आ गया. ये अविश्वसनीय कैच ने अफ्रीका से जीत छीन ली.
4 गेंदों पर 12 रन चाहिए थे
मिलर 21 रन बनाकर आउट हो गए. मिलर की जगह बल्लेबाज़ी करने आए राबड़ा ने पहली ही गेंद पर चौका लगा दिया. अब टीम को जीतने के लिए 4 गेंदों पर 12 रन चाहिए थे. राबड़ा ने तीसरी गेंद पर एक रन लिया. अब 3 गेंदों पर 11 रन चाहिए थे. चौथी गेंद पर 1 रन बना.
2 गेंदों पर 10 रन
अब अफ्रीका को जीतने के लिए 2 गेंदों पर 10 रन चाहिए थे. राबड़ा ने फिर से बाउंड्री के पार भेजने की कोशिश की, लेकिन कैच आउट हो गए. अब 1 गेंद पर 9 रन चाहिए थे. मान लीजिए सिर्फ़ औपचारिकता बची थी. पांड्या ने आखिरी गेंद पर 2 रन दिए, लेकिन भारत को विश्व कप दिला दिया.
ये 5 ओवर एक सपने जैसी कहानी थी, एक ऐसा सपना जो हर भारतीय क्रिकेट प्रेमी के दिल में बस गया होगा!