क्रिकेट के दो दिग्गज बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर और विनोद कांबली ने गुरुवार को पुणे के बिशप स्कूल में मिडिलसेक्स ग्लोबल एकेडमी के तहत क्रिकेट के सूक्ष्म बारीकियों से छात्रों को प्रशिक्षित किया. जी हां चार दिवसीय चले इस शिविर में एसआरटी स्पोर्ट्स मैनेजमेंट और मिडिलसेक्स काउंटी क्रिकेट क्लब ने संयुक्त रूप से मिलकर अभ्यास किये. जिसमें 7 से 18 वर्ष के उम्र के 150 बच्चों ने भाग लिया.
इस शिविर में सचिन तेंदुलकर और विनोद कांबली ने बच्चों को स्वीप शॉट, कवर ड्राइव, क्षेत्ररक्षण की मूल बातें सिखाई. सचिन तेंदुलकर ने कहा की टीएमजीए शिविरों का विचार सिर्फ प्रतिभागियों को अच्छे क्रिकेटर ही नही बल्कि अच्छा इंसान बनाना भी है.
क्रिकेट के भगवान माने जाने वाले सचिन तेंदुलकर ने 15 नवंबर 1989 में पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट मैच में डेब्यू किया था. उस मुकाबले में भले ही सचिन ने 15 रन जड़े. लेकिन उनकी बल्लेबाजी देखकर दिग्गज समझ गए थे कि ये खिलाड़ी लंबी रेस का घोड़ा है. 16 साल की उम्र में डेब्यू करने वाले सचिन ने उसके बाद कई रिकॉर्ड बनाए और गॉड ऑफ क्रिकेट कहलाए. जिसके बाद उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ ही 18 दिसंबर 1989 को वनडे में डेब्यू किया था. सचिन तेंदुलकर भारत के लिए 16 साल की उम्र में डेब्यू करने वाले पहले खिलाड़ी बने.