Controversial Statements on MS Dhoni: मनोज तिवारी ने क्रिकेट से संन्यास के बाद एमएस धोनी से पूछे कड़े सवाल, थाला पर पहले भी इन खिलाड़ियों ने लगाया है गंभीर आरोप
दाएं हाथ के बल्लेबाज ने भारत के लिए केवल 12 एकदिवसीय मैच खेले, जिसमें 287 रन बनाए, जिसमें चेन्नई में वेस्टइंडीज के खिलाफ 104* का सर्वश्रेष्ठ स्कोर था. तिवारी के बयान के मद्देनजर, हम तीन अन्य भारतीय क्रिकेटरों पर नज़र डालते हैं जिन्होंने संन्यास के बाद धोनी के बारे में विवादास्पद बयान दिए.
Indian Players Retirement: भारत(India) के पूर्व क्रिकेटर और बंगाल के दिग्गज खिलाड़ी मनोज तिवारी(Manoj Tiwary) ने कुछ दिन पहले ही क्रिकेट को अलविदा कहा है. एमएस धोनी(MS Dhoni) पर गंभीर आरोप लगते हुए, उन्होंने कहा कि धोनी से पूछना चाहेंगे कि एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच में शतक बनाने के बावजूद उन्हें बाहर क्यों किया गया. उन्होंने आगे 38 वर्षीय ने दावा किया कि उनमें रोहित शर्मा(Rohit Sharma) या विराट कोहली(Virat Kohli ) बनने की क्षमता थी, लेकिन शीर्ष स्तर पर उन्हें दिए गए मौका नहीं दिया गया. एक शानदार घरेलू करियर के बाद तिवारी ने संन्यास लेने का फैसला किया, जिसमें उन्होंने 148 प्रथम श्रेणी मैच खेले, जिसमें 47.86 की औसत से 10,195 रन बनाए, जबकि बंगाल के लिए उनका करियर यादगार रहा. यह भी पढ़ें: राजस्थान के खिलाफ रणजी ट्रॉफी मैच के बाद प्रोफेशनल क्रिकेट से सन्यास लेने वाले सौरभ तिवारी ने पिच को चूमा, देखें खुबसूरत वीडियो
दाएं हाथ के बल्लेबाज ने भारत के लिए केवल 12 एकदिवसीय मैच खेले, जिसमें 287 रन बनाए, जिसमें चेन्नई में वेस्टइंडीज के खिलाफ 104* का सर्वश्रेष्ठ स्कोर था. तिवारी के बयान के मद्देनजर, हम तीन अन्य भारतीय क्रिकेटरों पर नज़र डालते हैं जिन्होंने संन्यास के बाद धोनी के बारे में विवादास्पद बयान दिए.
हरभजन सिंह(Harbhajan Singh): भारत के पूर्व ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह ने 2011 विश्व कप के बाद धोनी द्वारा उनके साथ किए गए व्यवहार पर स्पष्ट रूप से नाराजगी व्यक्त की थी. क्रिकेटर ने दिसंबर 2021 में खेल के सभी फॉर्मेट से संन्यास ले लिया. संन्यास लेने के कुछ ही दिनों बाद भारतीय टीम से बाहर किए जाने का कारण न बताए जाने पर अपनी निराशा के बारे में जमकर बरसे थे. उन्होंने मीडिया से कहा था कि मैं 31 साल का था जब मैंने अपना 400वाँ टेस्ट विकेट लिया था. अगर एक 31 वर्षीय खिलाड़ी 400 विकेट ले सकता है, तो अगले आठ-नौ वर्षों में कम से कम सौ और विकेट ले सकता था. लेकिन उसके बाद मुझे मैच खेलने का मौका नहीं मिला; न ही मेरा चयन हुआ.मैंने कप्तान धोनी से इसका कारण पूछने की कोशिश की, लेकिन मुझे कोई कारण नहीं बताया गया. मुझे एहसास हुआ कि इस व्यवहार का कारण पूछने का कोई मतलब नहीं है.
गौतम गंभीर(Gautam Gambhir): भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर सन्यास के बाद धोनी के मुखर आलोचक रहे हैं. उन्होंने इस बात पर कोई संदेह नहीं किया कि 2007 और 2011 विश्व कप जीत के लिए उन्हें जितना श्रेय मिलना चाहिए, उससे कहीं अधिक श्रेय उन्हें मिला है. गंभीर के अनुसार, युवराज सिंह जैसे खिलाड़ियों को उनका हक नहीं मिला, लेकिन धोनी को उनकी उपलब्धियों के लिए प्रशंसा मिलती रहती है. गंभीर ने 2023 में न्यूज 18 से बात करते हुए धोनी का नाम लिए बिना कहा था कि एक व्यक्ति और उसकी पीआर टीम हर किसी को बताती रहती है कि भारत को 2007 और 2011 का विश्व कप किसने जिताया था.
वीरेंद्र सहवाग(Virendra Sehwag): 2012 में भारतीय क्रिकेट में एक बड़ा विवाद हुआ था जब वीरेंद्र सहवाग ने ऑस्ट्रेलिया में सीबी सीरीज के दौरान धोनी की रोटेशन नीति पर खुलेआम सवाल उठाया था. उन्होंने कप्तान के इस दावे का खंडन किया कि उनके, सचिन तेंदुलकर और गंभीर जैसे सीनियर खिलाड़ियों को रोटेट करना होगा क्योंकि वे स्लो फील्डर हैं. टीम को कम से कम 20 रन का नुकसान हो सकता है. कथित तौर पर सहवाग और धोनी के बीच कथित मतभेद सुलझ गया. हालाँकि, विवाद 2020 में फिर से शुरू हो गया जब पूर्व ने दावा किया कि धोनी ने स्लो फील्डिंग के मुद्दे पर सीनियर के साथ चर्चा नहीं की और सीधे मीडिया में इसके बारे में बात की. सहवाग ने अक्टूबर 2015 में संन्यास की घोषणा की. 104 टेस्ट मैचों में उन्होंने 49.34 की औसत से 8,586 रन बनाए थे. वही वनडे में उन्होंने 251 मैचों में 35.05 की औसत से कुल 8,273 रन जोड़े थे.