IPL 2023: CSK के कप्तान MS धोनी ने कहा, परिणाम के बारे में सोचने के बजाये मैं मैच में शामिल रहना पसंद करता हूं

कप्तान ने शिवम की पारी के लिए कहा, "शिवम एक क्लिन हिटर हैं. वह काफी लंबे हैं और उनकी रीच भी ज्यादा है. वह स्पिनरों के खिलाफ अच्छे शॉट लगा सकते हैं. वह हमारे कैंप के दौरान चोटिल हो गए थे. उन्हें खुद पर यह भरोसा करना होगा कि वह बीच के ओवरों में रन बना सकते हैं."

MS Dhoni (Photo Credit: CSK, Twitter)

रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के खिलाफ रोमांचक आईपीएल मुकाबला सोमवार रात आठ रन से जीतने के बाद चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने कहा कि वह परिणाम के बारे में सोचने के बजाये मैच में शामिल रहना ज्यादा पसंद करते हैं. धोनी ने मैच के बाद कहा कि वह विकेट के पीछे से स्थिति का आकलन करते रहते हैं और परिणाम के बारे में सोचने के बजाये टीम को क्या चाहिए उस बारे में सोचते हैं. तभी वह ग्लेन मैक्सवेल और फाफ डूप्लेसी के आतिशी प्रहारों के बावजूद मैच को नियंत्रित कर पाए. यह भी पढ़ें: जियो-सिनेमा पर टूटे व्यूअरशिप के रिकॉर्ड, सर्वाधिक 2.4 करोड़ लोगो ने देखा चेन्नई-बेंगलुरु का मैच

डेवॉन कॉन्वे के 45 गेंदों पर 83 और शिवम दुबे के 27 गेंदों पर 52 रनों की बदौलत चेन्नई ने 226/6 रन का मजबूत स्कोर बनाया. बेंगलुरु के कप्तान फाफ डूप्लेसी ने 33 गेंदों में 62 और और ग्लेन मैक्सवेल ने 36 गेंदों में 76 रन बनाकर एक समय चेन्नई को परेशानी में डाल दिया था. उन्होंने 61 गेंदों में 126 रन की साझेदारी तीसरे विकेट के लिए की. लेकिन चेन्नई के गेंदबाजों ने धैर्य रखते हुए आठ रन से जीत हासिल की.

धोनी ने कहा, "जब आप बेंगलुरु खेलने आते हैं तो आपको पता है कि विकेट कैसा होगा. साथ ही यहां पर काफी ओस भी होती है. आप हमेशा चाहते हैं कि कुछ अतिरिक्त रन बनाएं जाएं. अगर आप 160-165 का स्कोर बनाते हैं तो आपको पता होता है कि मैच वहीं खत्म हो जाएगा."

कप्तान ने शिवम की पारी के लिए कहा, "शिवम एक क्लिन हिटर हैं. वह काफी लंबे हैं और उनकी रीच भी ज्यादा है. वह स्पिनरों के खिलाफ अच्छे शॉट लगा सकते हैं. वह हमारे कैंप के दौरान चोटिल हो गए थे. उन्हें खुद पर यह भरोसा करना होगा कि वह बीच के ओवरों में रन बना सकते हैं."

धोनी ने कहा, "जब भी आप 220 का स्कोर बनाते हो तो विपक्षी बल्लेबाजों को लगातार शॉट लगाने होते हैं. अगर मैक्सवेल और डुप्लेसी अपने शॉट लगाते रहते तो फिर वह शायद 18वें ओवर में ही मैच जीत जाते. युवा गेंदबाजों पर ज्यादा दबाव है. हालांकि उन्हें खुद पर भरोसा रखते हुए, अपने स्ट्रेंथ पर काम करने की जरूरत है. युवा गेंदबाजों को डेथ ओवर में हैंडल करना मुश्किल है। हालांकि वह काफी मेहनत कर रहे हैं. ब्रावो ऐसे ओवरों के स्पेशलिस्ट हैं। युवा गेंदबाज उनके साथ काफी कुछ सीखेंगे.''

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