मजदूर मां-पिता की बेटी अष्टम उरांव विश्प कप अंडर-17 फुटबॉल में करेंगी भारतीय टीम की कप्तानी, टीम में झारखंड की छह लड़कियां

भुवनेश्वर, मडगांव (गोवा) और नवी मुंबई में आगामी 11 अक्टूबर से आयोजित होने वाले फीफा अंडर-17 महिला विश्व कप 2022 में भारतीय टीम की कप्तानी मजदूर मां-पिता की बेटी अष्टम उरांव करेंगी. अष्टम झारखंड के गुमला जिला अंतर्गत एक छोटे से गांव बनारी गोराटोली की रहने वाली है.

फीफा अंडर-17 महिला विश्व कप 2022

रांची, 6 अक्टूबर : भुवनेश्वर, मडगांव (गोवा) और नवी मुंबई में आगामी 11 अक्टूबर से आयोजित होने वाले फीफा अंडर-17 महिला विश्व कप 2022 में भारतीय टीम की कप्तानी मजदूर मां-पिता की बेटी अष्टम उरांव करेंगी. अष्टम झारखंड के गुमला जिला अंतर्गत एक छोटे से गांव बनारी गोराटोली की रहने वाली है. विश्व कप के लिए बुधवार को घोषित भारत की 21 सदस्यीय टीम में अष्टम उरांव सहित झारखंड की छह प्लेयर्स को जगह मिली है. इनमें नीतू लिंडा, अंजलि मुंडा, अनिता कुमारी, पूर्णिमा कुमारी और सुधा अंकिता तिर्की शामिल हैं. यह पहली बार है, जब अंडर-17 महिला फुटबॉल की भारतीय टीम में झारखंड की छह लड़कियों को एक साथ चुना गया है.

झारखंड फुटबॉल संघ के अध्यक्ष और झारखंड सरकार के मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर ने कहा कि हमारा सपना रहा है कि महिला फुटबॉल में आधे से ज्यादा खिलाड़ी झारखंड से हों. यह सपना अब मंजिल के करीब है. विश्व कप में हमारी धरती की छह बेटियां एक साथ खेलेंगी, यह हमारे लिए गौरव और खुशी की बात है. बुधवार देर शाम अष्टम उरांव को भारतीय टीम का कैप्टन बनाये जाने की खबर जब उसके गांव बनारी गोराटोली पहुंची तो गांव के लोग खुशी से झूम उठे. अष्टम उरांव के परिवार में माता-पिता, तीन बहनें और एक भाई हैं. परिवार के पास थोड़ी सी खेती है. यह भी पढ़ें : राष्ट्रपति मुर्मू के खिलाफ उदित राज की टिप्पणी कांग्रेस की मानसिकता की परिचायक: भाजपा

माता-पिता दूसरे के खेतों में मजदूरी करते हैं. अष्टम को बचपन से फुटबॉल खेलना पसंद था. माता-पिता ने आर्थिक परेशानियों के बावजूद उसे इस उम्मीद के साथ हजारीबाग के सेंट कोलंबस कॉलेजिएट स्कूल में भेजा कि वहां पढ़ाई के साथ-साथ फुटबॉल की प्रैक्टिस का भी मौका मिलेगा. उसके पिता हीरा उरांव कहते हैं कि लोग शुरू से उनकी बेटी के अच्छे खेल की तारीफ करते थे. स्कूल स्तर की कई प्रतियोगिताओं में उसने इनाम भी जीते. उन्होंने अपनी सभी संतानों को कहा है कि अपनी इच्छा से पढ़ाई-लिखाई, खेलकूद का कोई भी रास्ता चुनें, वह मजदूरी करके सबकी जरूरतें पूरी करेंगे. बीते मार्च महीने में अष्टम उरांव का चयन भारत की सीनियर महिला फुटबॉल टीम में हुआ था. फिर उसे अंडर-17 के नेशनल कैंप में चुना गया था. बेहतरीन प्रदर्शन की बदौलत चयनकर्ताओं ने उसे टीम कैप्टन की भूमिका सौंपी है.

अष्टम उरांव के अलावा टीम में चुनी गई झारखंड की बाकी खिलाड़ी भी कमजोर और गरीब परिवारों से हैं. झारखंड की खेल निदेशक सरोजिनी लकड़ा ने कहा है कि हमें उम्मीद है कि हमारी बेटियां इस बार देश के लिए विश्व कप जीतेंगी.

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