World Sparrow Day: रंग लाई कानपुर के युवाओं की मेहनत, लकड़ी के बनाए घोंसले, शहर में बढ़ गए 70 से 80 हजार गौरैया

आज विश्व में गौरैया दिवस मनाया जा रहा है. कानपुर में कई युवा ऐसे हैं, जिनके प्रयास गौरैया को संरक्षित करने के साथ समाज के लिए मिसाल का काम कर रहे हैं. अब इनकी मेहनत रंग ला रही है. कानपुर में गौरैया की संख्या बढ़कर 70 हजार से 80 हजार हो गई है.

World Sparrow Day, यूपी, 20 मार्च: हर साल 20 मार्च को विश्व गौरैया दिवस के रूप में मनाया जाता है. कानपुर (Kanpur) में कई युवा ऐसे हैं, जिनके प्रयास गौरैया को संरक्षित करने के साथ समाज के लिए मिसाल का काम कर रहे हैं. गौरैयों को बचाने के लिए स्वयंसेवकों ने कानपुर में लकड़ी के घोंसले लगाए हैं. एक स्वयंसेवक ने बताया कि उन्होंने 2014 में 'स्वीट स्पैरो कम बैक होम' पहल शुरू की थी. अब तक, लगभग 7500 लकड़ी के घोंसले रखे गए हैं, जिसकी वजह से शहर में 70 हजार से 80 हजार गौरैया बढ़ गई हैं.

गौरैया जो अमूमन हर घर के आंगन में चहकती है, लेकिन बीते कुछ वर्षों में गौरैया की संख्या में तेजी से कमी आ रही है जो प्रकृति के लिए चिंताजनक है. इसी वजह से साल 2010 से गौरैया के संरक्षण के उद्देश्य को लेकर गौरैया दिवस मनाया जाने लगा. गौरैया का वैज्ञानिक नाम पासर डोमेस्टिकस और सामान्य नाम हाउस स्पैरो है. इसकी ऊंचाई 16 सेंटीमीटर और विंगस्पैन 21 सेंटीमीटर होते हैं. गौरैया का वजन 25 से 40 ग्राम होता है.

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