HC On Family Approved Consensual Relationship and Rape: परिवार की सहमति से बनाए गए रिश्ते को खत्म करना बलात्कार नहीं

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने हाल ही में एक व्यक्ति के खिलाफ बलात्कार के मामले को रद्द कर दिया. शख्स पर एक महिला से शादी करने से इनकार करने के बाद मामला दर्ज किया गया था.

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने हाल ही में एक व्यक्ति के खिलाफ बलात्कार के मामले को रद्द कर दिया. शख्स पर एक महिला से शादी करने से इनकार करने के बाद मामला दर्ज किया गया था. शख्स महिला के साथ अपने परिवार की मंजूरी के साथ कई सालों से रिश्ते में था. अदालत व्यक्ति की याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें शादी के झूठे बहाने पर महिला के साथ कथित तौर पर बलात्कार करने के लिए उसके खिलाफ आपराधिक मामले को रद्द करने की मांग की गई थी. जस्टिस अनीश कुमार गुप्ता ने यह देखते हुए याचिका स्वीकार कर ली कि आरोपी ने केवल बाद के घटनाक्रम के कारण उससे शादी करने से इनकार कर दिया और जब उसने शादी करने का वादा किया था तो वह झूठा नहीं था.

कोर्ट ने कहा, "चूंकि, दोनों के बीच संबंध लंबे समय से थे और पीड़िता के साथ-साथ उसके परिवार के सदस्यों को रिश्ते के बारे में पता था, इसलिए, इस तरह के रिश्ते का कोई भी बाद का उल्लंघन आईपीसी की धारा 375 के तहत बलात्कार के अपराध की श्रेणी में नहीं आएगा."

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