Batteries In Penis: यौन संतुष्टि के लिए पेनिस में बैटरियों को डालना शख्स को पड़ा भारी, अस्पताल जाने की आ गई नौबत

ऑस्ट्रेलिया से हैरान करने वाली घटना सामने आई है, जहां एक 73 वर्षीय व्यक्ति अपने पेनिस में तीन बटन-स्टाइल बैटरियों के जाम होने के बाद तत्काल चिकित्सा सहायता मांगी.

प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Pixabay)

Batteries In Penis: ऑस्ट्रेलिया (Australia) से हैरान करने वाली घटना सामने आई है, जहां एक 73 वर्षीय व्यक्ति ने अपने पेनिस (Penis) में तीन बटन-स्टाइल बैटरियों (Three Button-Style Batteries) के जाम होने के बाद तत्काल चिकित्सा सहायता मांगी. यूरोलॉजी केस रिपोर्ट्स (Urology Case Reports) में प्रकाशित मेडिकल अध्ययन के अनुसार, अज्ञात व्यक्ति जानबूझकर अपने लिंग के मूत्रमार्ग में बैटरी डालकर अपनी ‘यौन संतुष्टि’ (Sexual Gratification) को बढ़ावा दे रहा था. उन्होंने स्वीकार किया कि वे नियमित रूप से फॉरेन ऑब्जेक्ट को फंसे बिना अंदर डालते रहते हैं. हालांकि, इस बार, सेल्फ रिमूवल के बार-बार असफल प्रयासों के कारण बैटरियां लिंग के मूत्रमार्ग में और ऊपर चली गई थीं.

अध्ययन लेखकों ने लिखा- हमारी सर्वोत्तम समझ के अनुसार, बटन बैटरी सम्मिलन के साथ मूत्रमार्ग परिगलन का यह पहला रिपोर्ट किया गया मामला है. उस व्यक्ति ने अपने लिंग के मूत्रमार्ग में तीन बटन बैटरियां डालने के 24 घंटे बाद चिकित्सा सहायता मांगी. उन्होंने आपातकालीन विभाग में मध्यम लिंग दर्द, गंभीर पैराफिमोसिस और कमजोर मूत्र प्रवाह, तनाव और अपूर्ण मूत्राशय खाली होने की अनुभूति सहित अवरोधक मूत्र संबंधी लक्षणों को प्रस्तुत किया.

इसके बाद डॉक्टरों ने फौरन फॉरेन ऑब्जेक्ट को हटा दिया, क्योंकि अगर वो ऐसा नहीं करते तो शख्स की यह गलती केवल दो घंटों में नेक्रोसिस (शरीर के ऊतकों की मृत्यु) का कारण बन सकती है. डॉक्टरों ने फ़ोरनियर गैंग्रीन (Fournier's Gangrene) के संभावित दुर्लभ लेकिन घातक संक्रमण की भी आशंका जताई, जो एक प्रकार का मांस खाने वाला रोग है और यह आपके अंडकोश, लिंग या पेरिनेम को प्रभावित करता है. कई असफल प्रयासों के बाद आखिरकार डॉक्टर पेनिस बैटरियों को निकालने में कामयाब हुए. अध्ययन में कहा गया है कि निकाली गई सभी बैटरियां काले टार जैसी सामग्री से लेपित थीं. यह भी पढ़ें: Big Penis USA की गोलियां स्वास्थ्य के लिए हो सकती हैं घातक, सरकारी स्वास्थ्य अधिकारी ने दी चेतावनी

हालांकि बैटरी निकाले जाने के बावजूद करीब 10 दिन बाद वो सूजन और अजीब डिस्चार्ज की शिकायत के साथ अस्पताल लौटा. इसके बाद डॉक्टरों ने तुरंत उसका दोबारा ऑपरेशन किया. शोधकर्ताओं ने कहा कि लिंग की त्वचा पर एक चीरा लगाया गया था और यह भी कहा कि शख्स के प्राइवेट पार्ट से बड़ी मात्रा में तरल पदार्थ बाहर निकल गया.

अध्ययन के अनुसार, डॉक्टरों का यह डर सच हो गया और उस व्यक्ति में ‘व्यापक स्तर पर नेक्रोसिस’ विकसित हो गया है. अध्ययन में कहा गया कि आदमी के मूत्रमार्ग का एक हिस्सा हटाना पड़ा. उसकी इंजरी को देखते हुए यह माना गया कि औपचारिक लिंग मूत्रमार्ग पुनर्निर्माण के लिए संभवत: 3- स्टेज के रिपेयर की आवश्यकता होगी. शोधकर्ताओं के अनुसार, जिन्होंने श्लेष्म झिल्ली ग्राफ्ट की जटिल, छह महीने की प्रक्रिया का वर्णन किया. अत्यधिक क्षतिग्रस्त लिंग का आकलन करने के बाद, अंततः डॉक्टरों ने निर्णय लिया कि आगे लिंग का पुनर्निर्माण न करना ही सबसे अच्छा विकल्प होगा.

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