Fact Check: अस्पताल में कोविड-19 मरीजों को मौत के घाट उतारने का दावा करने वाला वीडियो वायरल, कर्नाटक पुलिस ने बताई खबर की सच्चाई
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें अस्पताल में कोविड-19 मरीजों को मौत के घाट उतारने का दावा किया गया है. हालांकि कर्नाटक पुलिस (ksp.gov.in) ने 27 अप्रैल को फैक्ट चेक में इस वीडियो की सच्चाई का खुलासा किया है, जिसमें कोविड-19 के रोगियों पर हमला करने और उन्हें मारे जाने का दावा किया गया है.
Fact Check: कोरोना वायरस (Coroanvirus) के प्रकोप से हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं. मरीजों की बढ़ती संख्या के चलते अस्पतालों में बेड की कमी की खबरें लगातार सामने आ रही हैं. कोरोना काल में जहां मरीजों का हाल बेहाल हो रहा है, वहीं संकट की इस घड़ी में सोशल मीडिया पर फेक खबरों (Fake News) की बाढ़ सी आ गई है. इसी कड़ी में हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल (Viral Video) हुआ है, जिसमें अस्पताल में कोविड-19 मरीजों (COVID-19 Patients) को मौत के घाट उतारने का दावा किया गया है. हालांकि कर्नाटक पुलिस (ksp.gov.in) ने 27 अप्रैल को फैक्ट चेक (Fact Check) में इस वीडियो की सच्चाई का खुलासा किया है, जिसमें कोविड-19 के रोगियों पर हमला करने और उन्हें मारे जाने का दावा किया गया है. यह वीडियो सोशल मीडिया और पर्सनल मैसेजिंग प्लेटफॉर्म पर वायरल हुआ था. इसके अलावा इसे न्यूज फर्स्ट कन्नड़ न्यूज चैनल पर भी प्रसारित किया गया था.
कर्नाटक पुलिस ने फैक्ट चेक में कहा है कि वीडियो दो क्लिपों का एक संयोजन था, जिसमें दिखाया गया है कि अस्पताल के बेड पर एक शख्स एक अन्य व्यक्ति की हत्या कर रहा था, लेकिन वो कोरोना का मरीज नहीं है. वास्तव में यह वीडियो 19 मई 2020 के बांग्लादेश की एक घटना से संबंधित है, जिसे यूट्यूब पर शेयर किया गया था. दूसरा वीडियो पटियाला के एक निजी अस्पताल के एक स्टाफ का है जो डिप्रेशन के मरीज के साथ मारपीट कर रहा था. हालांकि पटियाला पुलिस ने बाद में इस घटना के आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की थी. यह भी पढ़ें: Fact Check: क्या कोरोना से जुड़े डेटा को छिपाने के लिए केंद्र सरकार राज्यों पर बना रही है दबाव? PIB से जानें सच
दोनों वीडियो को संयोजित करके विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर किया गया था और दावा किया गया कि अस्पताल के कर्मचारियों द्वारा पैसे के लिए कोविड-19 मरीजों को मारा जा रहा था और बताया गया है कि यह घटना कर्नाटक की है. पुलिस ने कहा है कि इस वीडियो की उत्पत्ति Mahanayaka_kannada नाम के इंस्टाग्राम अकाउंट से हुई थी. पुलिस ने अपनी फैक्ट चेक वेबसाइट पर कहा कि इस वीडियो को पहले ही हटा दिया गया है और अकाउंट एडमिन ने पहले ही माफी मांग ली है. गौरतलब है कि इस मामले की तथ्य जांच करने वाली कर्नाटक पुलिस ने कहा कि लोगों में भय और दहशत फैलाने के इरादे से इस वीडियो को शेयर किया जा रहा था.
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कर्नाटक में अस्पताल में कोविड-19 मरीजों को मौत के घाट उतारने का दावा करने वाला वीडियो हुआ वायरल.
कर्नाटक पुलिस ने कहा कि वीडियो दो क्लिपों का एक संयोजन था, जिसमें एक मूल रूप से बांग्लादेश का था.