World Water Day 2021: 'जल ही जीवन है' को मूल-मंत्र मानते हुए, जानें क्यों और कैसे करें जल-संरक्षण? तथा क्या है 'विश्व जल दिवस' का उद्देश्य!
एक कहावत मशहूर है 'जान है तो जहान है', लेकिन जहान में जल ही नहीं होगा तो जान कैसे बचेगी? इस एक पंक्ति में जल की अहमियत का अहसास हो जाता है. यह आंकड़ा हैरान करने के लिए काफी है कि विश्व में प्रतिवर्ष 50 लाख लोग गंदे पानी के इस्तेमाल के कारण मृत्यु के मुख में समा जाते हैं.
World Water Day 2021: एक कहावत मशहूर है 'जान है तो जहान है', लेकिन जहान में जल ही नहीं होगा तो जान कैसे बचेगी? इस एक पंक्ति में जल की अहमियत का अहसास हो जाता है. यह आंकड़ा हैरान करने के लिए काफी है कि विश्व में प्रतिवर्ष 50 लाख लोग गंदे पानी के इस्तेमाल के कारण मृत्यु के मुख में समा जाते हैं. जलाभाव की स्थिति में जल के महत्व एवं उसके संरक्षण को ध्यान में रखते हुए प्रत्येक वर्ष 22 मार्च को सारी दुनिया विश्व जल दिवस मनाती है.
गरीब हो या अमीर सभी को जल की समान जरूरत है, इसलिए अंतर्राष्ट्रीय जल दिवस पर हम सभी को जल संरक्षण पर गंभीरता से ध्यान देने का संकल्प लेना होगा, ताकि हमारी अगली पीढ़ियों को भी पेयजल मयस्सर हो.
भारतीय परिप्रेक्ष्य में जल संकट!
भारत दुनिया का दूसरा सबसे अधिक आबादी वाला देश है, जहां लगभग 140 करोड़ लोग निवास करते हैं. सीमित जल संसाधन के मुकाबले नित बढ़ती जनसंख्या के कारण देश में पेयजल समस्या एक विकराल रूप लेती जा रही है. ऐसे में सरकार का दायित्व है कि वह जल के प्रति ऐसी नीति लाए जो लोगों को स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल का मौलिक अधिकार मुहैया करवा सके. क्योंकि सर्वविदित है कि जल मानव को जीवित रखने के लिए ऑक्सीजन के बाद दूसरा सबसे अहम तत्व है. ऐसे में यदि सरकार खाद्य सुरक्षा की तरह सभी नागरिकों को स्वच्छ पेयजल की सुविधा भी मुहैया करवाये तो यह न केवल सभी के लिए कल्याणकारी होगा बल्कि संविधान के अनुच्छेद 21 में वर्णित गरिमामय जीवन जीने का अधिकार भी लोगों को मिलेगा.
विश्व जल दिवस का इतिहास
'विश्व जल दिवस' की अंतरराष्ट्रीय पहल 'रियो डि जेनेरियो' (ब्राजील) में 22 मार्च 1992 में आयोजित 'पर्यावरण तथा विकास का संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन' (यूएनसीईडी) में की गई थी. इसके पश्चात जिस पर 22 मार्च 1993 को पहली बार पूरे विश्व में ' विश्व जल दिवस' के अवसर पर जल संरक्षण और उसके रख-रखाव पर जागरुकता फैलाने का कार्य शुरु किया गया. इसके बाद से ही प्रत्येक वर्ष 'विश्व जल दिवस' मनाया जा रहा है.
'विश्व जल दिवस' का उद्देश्य?
विश्व जल दिवस का उद्देश्य फ्रेश जल के महत्व पर ध्यान केंद्रित करना और फ्रेश जल संसाधनों के सतत और कुशल प्रबंधन का समर्थन करना है. इस दिन देश के हर नागरिक को जल से संबंधित मुद्दों के बारे में अधिक जानने और जल तथा जीवन संरक्षण के बारे में दूसरों के साथ शेयर करना चाहिए. जल की हर बूंद को व्यर्थ बहने से बचाने के लिए कृतसंकल्प होना चाहिए.
घर पर जल को बचाने के अहम टिप्स
* 5 मिनट या उससे कम समय के लिए शॉवर लें.
* अपने हाथों को धोते अथवा दांतों को ब्रश करते समय नल बंद रखें.
* पानी की बचत करने वाले टॉयलेट फ्लश सिस्टम का प्रयोग करें
* नल को कसकर बंद करें, ताकि अनावश्यक जल न बहे.
* नल, पाइप अथवा टायलेट में पानी लीक कर रहा है तो तुरंत ठीक करवायें.
* कपड़े धोते समय अनावश्यक जल बहने से रोकें.
* जब बारिश हो रही हो तो स्प्रिंकलर सिस्टम बंद रखें.
* बर्तन धोते या धुलवाते समय नल से जरूरत का ही पानी लें. जरूरत नहीं होने तक टैप बंद रखें.
* पीने के पानी से गाड़ियां न धोयें, ना ही इस पानी का बाग-बगीचों में छिड़काव करें