World Migratory Bird Day 2020: विश्व प्रवासी पक्षी दिवस आज, जानें पक्षियों को समर्पित इस दिन का इतिहास, थीम और महत्व

हर साल हजारों मील उड़कर प्रवासी पक्षियों का समूह भारत आता है. प्रवासी पक्षियों के संरक्षण, भोजन और आवास की जरूरतों से दुनिया भर के लोगों को रूबरू कराने के लिए विश्व प्रवासी दिवस हर साल मई और अक्टूबर महीने के दूसरे शनिवार को मनाया जाता है. आज (10 अक्टूबर 2020) को दुनिया भर के लोगों द्वारा विश्व प्रवासी दिवस मनाया जा रहा है और इस दिवस का विषय 'पक्षी हमारी दुनिया को जोड़ते हैं' निर्धारित किया गया है.

प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Pixabay)

World Migratory Bird Day 2020: हर साल हजारों मील उड़कर प्रवासी पक्षियों (Migratory Bird) का समूह भारत आता है. प्रवासी पक्षियों के संरक्षण, भोजन और आवास की जरूरतों से दुनिया भर के लोगों को रूबरू कराने के लिए विश्व प्रवासी दिवस (World Migratory Bird Day) हर साल मई और अक्टूबर महीने के दूसरे शनिवार को मनाया जाता है. आज (10 अक्टूबर 2020) दुनिया भर के लोगों द्वारा विश्व प्रवासी दिवस मनाया जा रहा है और इस दिवस का विषय 'पक्षी हमारी दुनिया को जोड़ते हैं' (Birds Connect Our World) निर्धारित किया गया है. प्रवासी पक्षियों को समर्पित इस खास दिवस पर लोगों के बीच जागरूकता पैदा करने और प्रवासी पक्षियों की प्रजातियों को बचाने की आवश्यकता पर प्रकाश डालने के लिए कई अंतरराष्ट्रीय संघ और एजेंसिया एक साथ आती हैं.

विश्व प्रवासी पक्षी दिवस का इतिहास

विश्व प्रवासी पक्षी दिवस पहली बार साल 2006 में अफ्रीकी-यूरेशियन माइग्रेटरी वॉटबर्ड्स (African-Eurasian Migratory Waterbirds (AEWA) के संरक्षण समझौते के सचिवालय द्वारा मनाया गया और वन्य जीवों के माइग्रेशन प्रजाति के संरक्षण पर कन्वेंशन के सचिवालय ने एक प्रस्ताव शुरू किया.

पिछले पांच वर्षों का विषय

2019- पक्षियों की रक्षा करें: प्लास्टिक प्रदूषण के समाधान के लिए

2018- एकजुट होकर पक्षी संरक्षण के लिए अपनी आवाज बुलंद करना

2017- प्रवासी पक्षियों और लोगों के लिए एक स्वस्थ ग्रह

2016- प्रवासी पक्षियों के अवैध शिकार, हत्या और उनके व्यापार पर रोक

2015- ऊर्जा: इसे पक्षियों के अनुकूल बनाएं

विश्व प्रवासी पक्षी दिवस का महत्व

प्रवासी पक्षी हमारी साझा प्राकृतिक विरासत का हिस्सा हैं. वे भोजन, अवास और प्रजनन के साथ-साथ मौसम में आए बदलाव के प्रति प्रवास करते हैं. इनमें से कुछ पक्षियों का प्रवास कम दूरी का होता है, लेकिन कुछ पक्षी हजारों किलोमीटर दूर तक प्रवास करते हैं. प्रवासी पक्षी हर जगह, शहरों, ग्रामीण इलाकों और पार्कों में पाए जा सकते हैं. जिस तरह से दूसरे देश के पक्षी पश्चिम भारत में आते हैं, वैसे ही भारत के पश्चिमी पक्षी दूसरे देश में जाते हैं. भारत के पक्षी भी 10 हजार किलोमीटर तक का सफर कर रूस के साइबेरिया जाते हैं. भारत का प्रसिद्ध पक्षी राजहंस देश में सर्दिया गुजारता है और तिब्बत जाकर मानसरोवर झील के किनारे अंडा देता है.

भारत में आने वाले प्रवासी पक्षियों में साइबेरियन क्रेन, ग्रेटर फ्लेमिंगो, रफ, ब्लैक विंग्ट स्टिल्ट, कॉमन टील, कॉमन ग्रीनशैंक, वूड सैंडपाइपर जैसे कई प्रजाति के पक्षी शामिल हैं. इन प्रवासी पक्षियों को हम सांभर झील, जिम कॉर्बेट, दिल्ली बायोडायवर्सिटी पार्क, चिल्का झील, कोलेरू झील, भरतपुर, पुलिकट झील इत्यादि में देख सकते हैं. गौरतलब है कि जलवायु और पर्यावरण में बदलाव के कारण प्रवासी पक्षियों की संख्या तेजी से कम हो रही है. यही वजह है कि विश्व प्रवासी पक्षी दिवस पर इन पक्षियों के संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक किया जाता है.

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