World Food Day 2025: विश्व खाद्य दिवस पर एक प्रभावशाली और प्रेरक भाषण, जिसे सार्वजनिक मंच से प्रेषित कर आप भरपूर तालियां बटोर सकते हैं!
विश्व खाद्य दिवस, जो हर वर्ष 16 अक्टूबर को मनाया जाता है, दुनिया भर में भूख और कुपोषण की ज्वलंत समस्या के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में कार्य करता है. संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (FAO) द्वारा 1979 में स्थापित, इस वैश्विक आयोजन का उद्देश्य सभी के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में समझ और कार्रवाई को बढ़ावा देना है.
विश्व खाद्य दिवस, जो हर वर्ष 16 अक्टूबर को मनाया जाता है, दुनिया भर में भूख और कुपोषण की ज्वलंत समस्या के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में कार्य करता है. संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (FAO) द्वारा 1979 में स्थापित, इस वैश्विक आयोजन का उद्देश्य सभी के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में समझ और कार्रवाई को बढ़ावा देना है. इस प्रमुख मुद्दे पर प्रस्तुत है, सार्वजनिक मंच पर देने वाला एक ओजस्वी प्रभावशाली
सम्मानित अतिथिगण, बंधुओं एवं मेरे प्यारे साथियों,
किसी भी देश के लिए विश्व खाद्य दिवस एक बेहद महत्वपूर्ण दिन कहा जा सकता है. आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि हर वर्ष 16 अक्टूबर को मनाये जाने वाले विश्व खाद्य दिवस की स्थापना संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (FAO) द्वारा साल 1945 हुआ था, जिसका मुख्य उद्देश्य दुनिया भर से भूख, कुपोषण और खाद्य असुरक्षा को समाप्त करना है. यह भी पढ़ें : Chikungunya Joint Pain: क्या चिकनगुनिया बुखार के बाद बढ़ गया घुटनों का दर्द? आयुर्वेदिक इलाज से मिलेगा आराम
साथियों, इस अवसर पर हम कुछ मुद्दों की बात करेंगे. आज हम एक ऐसे युग में जी रहे हैं, जहां तकनीक आसमान छू रही है, वहीं एक दुखद स्थिति यह है कि हर 9 में से 1 व्यक्ति आज भी भूखे पेट सोता है. एफएओ की एक रिपोर्ट के अनुसार आज लगभग 80 करोड़ लोग पर्याप्त भोजन से वंचित हैं, वहीं दुनिया में हर साल करीब 1.3 अरब टन भोजन बर्बाद हो रहा है.
जरा सोचिये, जहां एक बच्चा भूख से मरता है, वहीं शादी-ब्याह आदि समारोहों में हजारों किलो खाना कूड़े में फेंका जाता है, क्या यही विकसित मानवता है? आज दुनिया भर में भोजन की बर्बादी सबसे बड़ी समस्या है. किसी व्यक्ति विशेष पर आक्षेप और सरकार की नीतियों को निशाना बनाए बिना हम सभी को इस समस्या से मुक्ति पाने के लिए चिंतन-मनन करना होगा. इस मंच से मैं कुछ प्रमुख मुद्दे आप सभी से शेयर करना चाहूंगा, मसलन...
भोजन की बर्बादी, आज की सबसे बड़ी समस्या है.
कुपोषण विशेषकर महिलाओं और बच्चों के मामले में: जो आंकड़े मिल रहे हैं, वह अफसोस ही नहीं शर्मनाक है.
खाद्य असमानता: यानी कुछ लोगों के पास बहुत कुछ है और कुछ के पास कुछ भी नहीं.
किसानों की हास्यास्पद स्थिति: यह और भी शर्मनाक स्थिति है, जो किसान भोजना उगाता है, वही भूखा मरता है.
जलवायु परिवर्तन, लगभग हर साल बाढ़, असमय अतिवृष्टि, ओलावृष्टि, भूस्खलन आदि हमारी फसल को प्रभावित करते हैं.
मित्रों यह तो रही मूलभूत समस्याओं की, अब हम बात करेंगे इन समस्याओं से कैसे मुक्ति पाई जा सकती है, पर विचार-विमर्श के लिए, और इसके लिए हम सभी को प्रयास करना होगा.
भोजन की बर्बादी को रोकेः थाली में उतना ही खाना लें, जितना खा सकें, बचा हुआ भोजन किसी जरूरतमंद तक पहुंचाएं, पोषणयुक्त और संतुलित आहार को बढ़ावा दें, किसानों को समर्थन दें, इसके लिए आपको स्थानीय उत्पाद खरीदना होगा, पर्यावरण का संरक्षण करना होगा, ताकि भविष्य में बेहतर मात्रा में अन्न पैदा किया जा सके. इस तरह हम कुपोषण और अन्न की बर्बादी पर नियंत्रण पा सकेंगे.