Diwali 2019: अपनी दिवाली को शुभ और भाग्शाली बनाने के लिए भारत के इन लक्ष्मी मंदिरों का करें दर्शन, जानें अद्भुत मान्यताएं

देश में आज से दिवाली के पांच दिन का शुभ पर्व मनाया जाएगा. दिवाली को बड़े ही हर्षों-उल्लास के साथ मनाया जाता है. दिवाली के दिन सभी एक-दुसरे को मिठाइयां देते हैं, गले मिलते हैं, मस्ती-मजाक के साथ साथ कई तरह से एक दुसरे का मनोरंजन करते हैं. ऐसे ही देशभर में कई मंदिर है जिनकी अपनी मान्यताएं है.

Diwali And Lakshmi Puja 2019, (फोटो क्रेडिट्स: File Photo)

देश में आज से दिवाली (Diwali) के पांच दिन का शुभ पर्व मनाया जाएगा. दिवाली को बड़े ही हर्षों-उल्लास के साथ मनाया जाता है. इस पर्व  के दिन सभी एक-दुसरे को मिठाइयां देते हैं, गले मिलते हैं, मस्ती-मजाक के साथ साथ कई तरह से एक दुसरे का मनोरंजन करते हैं. आज धनतेरस (Dhanteras) से इस पर्व की शुरुआत हो चुकी है. सभी लोग आज के दिन सोने-चांदी की खरीदारी करेंगे. आज के दिन कुबेर-लक्ष्मी, भगवान धन्वंतरि और यमराज की पूजा की जाती है. आज हम आपको इस बात से अवगत कराएंगे कि आप किन मंदिरों के दर्शन करके अपने दिवाली को और भी भाग्यशाली बना सकती हैं.

दिवाली के दिन देवी लक्ष्मी (Laxmi), मां सरस्वती (Saraswati) और गणेश (Ganesh) जी की पूजा की जाती है. मान्यता यह भी है कि यह लक्ष्मी को प्रसन्न और समृधि का आशिर्वाद पाने का त्योहार है. देशभर में लोगों के घरों में पारंपरिक तरीके से लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है. ऐसे में यह भी माना जाता है कि इन मंदिरों में देवी लक्ष्मी का दर्शन करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. आईए आपको ले चलें मंदिरों कि ओर...

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1. पद्मावत देवी मंदिर-आंध्रप्रदेश (Padmavat Devi-Andhra Pradesh)

श्रीपद्मावत देवी का मंदिर आंध्रप्रदेश के तिरुपति नगर में चिंतानूर स्थान पर है. इस धार्मिक स्थान को तिरुचांनूर या मंगापट्टनम के नाम से भी जाना जाता है. देवी को अलवेलु मंगम्या के नाम से उच्चारित किया जाता है. यहां विशाल मंदिर के पास एक पथ्य सरोवर विराजमान हैं.

2. मंगलागौरी महालक्ष्मी-गया (Mangalagouri Mahalaxmi-Gaya)

वहीं पटना नगरी के मोती पटन में मां लक्ष्मी महाकाली और महासरस्वती विराजमान हैं. मान्यताओं के अनुसार मोक्षतीर्थ गया की मंगलागौरी महालक्ष्मी स्वरूपा के नाम से भी जाना जाता है. यह मंदिर भीष्मकूट के पर्वत पर विराजमान है. यह मंदिर पूरे भोजपुर में चर्चित है.

3. सर्वमंगला देवी मंदिर-जगन्नाथपुरी (Sarvamangala Devi-Jagannathpuri)

जगन्नाथपुरी में विराजमान देवी मतमंगला और सर्वमंगला की पूजा की जाती है, साथ ही दिवाली जैसे पर्व पर खास कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है. इस मंदिर का संबंध भगवान जगन्नाथ के मंदिर से किया जाता है. खास बात यह है कि इस मंदिर से भगवान जगन्नाथ के लिए लकड़ी कहां से मिलेगी इसका संकेत मिलता है.

4. महालक्ष्मी देवी-मथुरा (Mahalaxmi Devi-Mathura)

भगवान श्री कृष्ण की नगरी के गऊघाट मोहल्ले में लाल दरवाजे के चौराहे के पास महालक्ष्मी देवी का मंदिर है. यह मंदिर गुजरी देवी मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है. कहा जाता है कि देवी यहां आज भी गोपी भाव पाने के लिए तपस्या कर रही हैं और भगवान श्रीकृष्ण बाल रूप में बैठे हैं. यहां देवी और बाल-गोपाल को खिचड़ी का भोग लगाया जाता है.

5.महालक्ष्मी मंदिर-महाराष्ट्र (Mahalaxmi-Maharashtra)

महाराष्ट्र के दहाणु का महालक्ष्मी मंदिर पूरे क्षेत्र में बहुत प्रसिद्ध है. यहां के रहिवासी ओर श्रद्धालू अपनी पहली फसल देवी को अर्पित करते हैं. पृत अमावस्या के दिन होने वाले महालक्ष्मी समारोह में अपनी पहली फसल/अनाज और सब्जियों को अर्पित करना यह एक प्राचीन परंपरा है.

6. अंबा बाई मंदिर-कोल्हापुर (Amba Bai-Kolhapur)

देवी अंबा बाई का नाम 108 शक्तिपीठों में 59वें स्थान पर और द्वादश प्रधान देविपीठों में 5वें स्थान पर आता है. करबीर कोल्हापुर की महालक्ष्मी पूरे देश में प्रसिद्ध है. इस मंदिर का निर्माण प्राचीन समय में राजा चातुक्य कर्णदेव ने कराया था.

ऐसे ही देशभर में कई मंदिर है जिनकी अपनी मान्यताएं है. दिवाली के शुभ मौके पर आप अपने परिवारजनों या दोस्तों के साथ जा कर दर्शन कर सकते हैं. बता दें कि इस साल दिवाली 27 अक्टूबर को मनाई जाएगी. कई लोग इस त्योहार को मानाने के लिए पार्टी का आयोजन करते हैं और लोगों को अपने घरों पर आने का निमंत्रण भी देते हैं. आप भी अपनी दिवाली को खुशियों भरी दिवाली बनाएं.

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