जैन समुदाय के सबसे महत्वपूर्ण पर्वों में एक है महावीर जयंती. जैन धर्म के प्रचारक एवं प्रशिक्षक भगवान महावीर का जन्म चैत्र मास शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को हुआ था. प्रत्येक वर्ष दुनिया भर में इस दिन जैन समुदाय के लोग बड़ी धूमधाम के साथ महावीर जयंती मनाते हैं. इस अवसर पर दुनिया भर में भव्य जुलूस निकाले जाते हैं, मंदिरों में प्रार्थनाएं की जाती है, जैन मुनि प्रवचन के माध्यम से महावीर के उपदेशों एवं शिक्षा जन-जन तक पहुंचाते हैं. अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार इस वर्ष 21 अप्रैल 2024, रविवार को महावीर जयंती मनाई जाएगी. गौरतलब है कि इस वर्ष उनका 2622 वां जन्मदिन मनाया जायेगा. आइये जानते हैं महावीर जयंती के महत्व, परंपराओं एवं सेलिब्रेशन के बारे में विस्तार से.. यह भी पढ़ें : Mahavir Jayanti 2024 HD Images: शुभ महावीर जयंती! शेयर करें ये मनमोहक WhatsApp Stickers, GIF Greetings, Photo Wishes और Wallpapers
महावीर जयंती (2024) मूल तिथि एवं समय
चैत्र शुक्ल पक्ष त्रयोदशी प्रारंभः 10.41 PM (20 अप्रैल 2024, शनिवार)
चैत्र शुक्ल पक्ष त्रयोदशी समाप्तः 01.11 PM (22 अप्रैल 2024, सोमवार)
उदया तिथि के नियमानुसार 21 अप्रैल 2024 को महावीर जयंती मनाई जाएगी.
वर्धमान से भगवान बनने की कथा
छठी शताब्दी ईसा पूर्व कुंडग्राम (बिहार) में राजा सिद्धार्थ एवं रानी त्रिशला के शाही परिवार वर्धमान रूप में महावीर का जन्म हुआ था, लेकिन बचपन से ही आध्यात्मिक प्रवृत्ति वाले वर्धमान 30 वर्ष की आयु में हमेशा के लिए घर-परिवार छोड़कर संन्यास धर्म अपना लिया. 12 वर्ष की गहन तपस्वी जीवन जीने के पश्चात 573 ईसा पूर्व तीर्थंकर का दर्जा मिला, इसके साथ ही वर्धमान सर्वोच्च स्थान प्राप्त कर भगवान महावीर कहलाए. भगवान महावीर ने संसार को 4 सिद्धांत (अहिंसा, सत्य, अस्तेय, ब्रह्मचर्य) बताए हैं, जो आज भी लोगों को समृद्ध जीवन और आंतरिक शांति की ओर ले जाते हैं. उनके कुछ अनमोल विचार मनुष्यों को जीवन में प्रेरणा देते हैं. महावीर जी ने अहिंसा को सर्वोच्च धर्म बताया.
महावीर जयंती सेलिब्रेशन
* महावीर जयंती के दिन जैन मंदिरों में पूजा-अर्चना की जाती है.
* श्रद्धालु मंदिरों में भोग लगाते है.
* जैन मंदिरों में महावीर जी की पूजा करने के पश्चात उन्हें एक रथ पर सवार कर पूरे नगर में शोभा यात्रा निकाली जाती है.
* जैन धर्म के लोग महावीर जन्मोत्सव की एक दूसरे को बधाइयां देते हैं.
* महावीर जयंती के अवसर पर घर-घर खुशियां मनाई जाती है.
* इस अवसर पर जैन मुनि भगवान महावीर के उपदेशों एवं सिद्धांतों का प्रवचन देते हैं, और भगवान महावीर के सिद्धांतों पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं.
* महावीप जयंती के अवसर पर समर्थ लोग गरीबों एवं जरूरतमंदों को उनकी जरूरत की वस्तुएं दान देते हैं.