हर रोग का इलाज योग जानें किस रोग के लिए कौन-सा आसन करना है लाभदायक
योग के लिए सबसे महत्वपूर्ण है सांस और गति के बीच बेहतर तालमेल स्थापित करना. ताकि शरीर को शांति और सुकून प्राप्त हो. हम जब तनावग्रस्त होते हैं, हमारा सिंपेथेटिक नर्वस सिस्टम सक्रिय रहता है. तनाव और थकान को कम करने के लिए तनाव के उस पूरे चक्र को खत्म करने की जरूरत होती है.
‘योग’ भारत की प्राचीनतम परंपरा का अनमोल उपहार है. इसे तन-मन की एकता का प्रतीक माना गया है. आजकल ज्यादातर बीमारियों का किसी न किसी रूप में तनाव से संबंध होता है. रोजमर्रा के जीवन का तनाव शरीर के विभिन्न अंगों, हृदय रोग, पाचन, मस्तिष्क, रक्त संचार, किडनी, फेफड़ों आदि से लेकर शरीर के पूरे प्रतिरोधी तंत्र पर पड़ता है. योग में इन सभी तनावों से निपटने के तरीकों का विकास हुआ है. ताकि तनाव से होने वाले नुकसान को कमतर किया जा सके. अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने भी तनाव संबंधी सभी बीमारियों में योग से लाभ की बात स्वीकारी है. आज 21 जून को जब संपूर्ण विश्व ‘योग दिवस’ मना रहा है, हम यहां उन तमाम बीमारियों का उल्लेख करेंगे, जिनका इलाज योग में है.
योग का सेहत से संबंध
योग के लिए सबसे महत्वपूर्ण है सांस और गति के बीच बेहतर तालमेल स्थापित करना. ताकि शरीर को शांति और सुकून प्राप्त हो. हम जब तनावग्रस्त होते हैं, हमारा सिंपेथेटिक नर्वस सिस्टम सक्रिय रहता है. तनाव और थकान को कम करने के लिए तनाव के उस पूरे चक्र को खत्म करने की जरूरत होती है. नियमित योगाभ्यास करके हम शांति और विश्राम की स्थिति में खुद को ला सकते हैं. आइये जाने शरीर की किन बीमारियों का इलाज हम योगासनों से आसान कर सकते हैं.
सैकड़ों बीमारियों का जनक मोटापा
शरीर का अनियंत्रित वजन सैकड़ों रोगों का जन्मदाता बन सकता है. इसलिए हमें शरीर पर अतिरिक्त चर्बी चढ़ने की प्रक्रिया पर नियंत्रण लगाने की जरूरत होती है. यूं तो मोटापे पर नियंत्रण के लिए आंजनेय आसन ही काफी है, लेकिन वज्रासन, पद्मासन, मण्डूकासन, उत्तान मण्डूकासन, उत्तान उष्ट्रासन, चक्रासन, उत्तान पादासन, सर्वागांसन, धनुरासन आदि भी मोटापा पर अंकुश लगाते हैं.
कमर दर्द और योग
कमर दर्द की समस्या आज के आधुनिक जीवन में आम बात हो गई है. अमूमन अधिक समय तक खड़े या बैठे रहने से भी कमर में दर्द होने लगता है. इससे बचने के लिए योग रामबाण साबित हो सकता है. कमर दर्द के लिए कुछ आसान से आसन हैं, जिसे कभी और कहीं भी करके आप कमर दर्द से छुटकारा पाया जा सकता है. कमर दर्द के लिए ये चार आसन लाभदायक साबित हो सकते हैं ये चार आसन हैं मकरासन, भुजंगासन, हलासन और अर्ध मत्येन्द्रासन.
कमर एवं पेट की अतिरिक्त चर्बी के लिए
ऑफिस अथवा दुकान में लगातार घंटों कुर्सी पर बैठे रहने या पूरे दिन बिना श्रम किये रहने से अधिकांश लोगों के पेट निकल आते हैं, पेट के अलावा कमर पर अतिरिक्त चर्बी चढ जाती है. इस चर्बी को हटाने के लिए कटि चक्रासन के अलावा तोलांगुलासन भी काफी फायदेमंद साबित हो सकता है. इसके अलावा वृक्षासन, ताड़ासन, त्रिकोणासन, पादस्तासन, आंजनेय आसन और वीरभद्रासन करके भी अतिरिक्त चर्बी घटाई जा सकती है.
कब्ज है तमाम बीमारियों का जड़
आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में लंच अथवा डिनर में लेट होना स्वाभाविक है. भोजन में अऩियमितता के अलावा कभी-कभी फास्ट फूड. मांसाहार, मैदा, धूम्रपान अथवा मदिरा सेवन से भी मांस, फास्ट-फूड मैदा, धूम्रपान, मदिरा आदि से भी कब्ज की शिकायत हो जाती है. इसके अलावा अत्यधिक कार्य, तनाव और अनिद्रा से भी कब्ज हो सकता है. किसी भी तरह के कब्ज से निजात पाने के लिए योग अचूक इलाज साबित हो सकता है. कब्ज के मरीजों के लिए वज्रासन, सुप्त वज्रासन, मयूरासन, पश्चिमोत्तानासन, धनुरासन मत्स्यासन, कुर्मासन, चक्रासन जैसे आसन मरीज को कब्ज मुक्त कर सकते हैं. लेकिन इनमें से कोई एक या दो ही आसन दिन में दो बार किया जाना चाहिए.
गिरते बालों के लिए
सिर के निरंतर गिरते बालों के कई कारण हो सकते हैं. इसमें प्रमुख कारण है वंशानुगत (Hereditary). इसके अलावा शहरी प्रदूषण, धूल, धुआं, तनाव, अवसाद एवं प्रदूषित जल एवं भोजन. प्रदूषण से त्वचा रूखी हो जाती है. रूखी त्वचा रूसी (Dandruff) को जन्म देते हैं. इस वजह से बालों के गिरने का सिलसिला शुरू हो जाता है. बालों को गिरने से रोकने के लिए योग के तीन आसन करने चाहिए. सर्वप्रथम वज्रासन, फिर कुमार्सन और अंत में उष्ट्रासन करें. अथवा पवन मुक्तासन करें, फिर मत्स्यासन और कुछ देर आराम कर शीर्षासन करे. फिर थोड़ी देर के अंतराल पर अनुलोम-विलोम करें. इसके पश्चात 5 मिनट के लिए मेडीटेशन करें. ऐसा नियमित तीन माह तक करें.
यद्यपि योग से करीब हर किस्म की बीमारियों का इलाज हो सकता है. उपयुक्त बीमारियों के अलावा कई और भी बीमारियां हैं, जिसे नियमित योग से ठीक किया जा सकता है. उदाहरण के लिए अस्थमा, डायबिटीज (मधुमेह), हाईपरटेंशन, डिप्रेशन, अपच, माइग्रेन, आर्थराइटिस (गठिया), पीठ दर्द, लीवर की समस्या, महिलाओं की मासिक धर्म संबंधित समस्याएं इत्यादि. अगर किसी योग विशेषज्ञ से सलाह लें तो उपयुक्त सभी बीमारियों का इलाज योग अथवा मेडिटेशन के जरिये किया जा सकता है. इनमें गठिया जैसी कुछ ऐसी भी बीमारियां हैं जो नियमित योग से भी स्थाई रूप से खत्म नहीं होती, लेकिन इस पर नियंत्रण पूरा रखती हैं.
विशेष नोटः प्रत्येक व्यक्ति की शारीरिक सरंचना अलग होती है. कुछ लोग कोलेस्ट्रॉल तो कुछ उच्च रक्तचाप अथवा मधुमेह से पीड़ित होते है. इसलिए योग का कोई भी आसन करने से पहले किसी योग विशेषज्ञ से सलाह अवश्य ले लें.