International Men's Day 2019: जानें 19 नवंबर को क्यों मनाया जाता है पुरुष दिवस और क्यों है ये जरुरी
19 नवंबर को लगभग 80 से ज्यादा देशों में अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाया जाता है, ताकि वे समाज के सकारात्मक बदलावों को पहचान सकें, जिनके बिना हमारा दैनिक जीवन अधूरा है.
International Men's Day 2019: अंतर्राष्ट्रीय ‘पुरुष दिवस’ प्रत्येक वर्ष 19 नवंबर के दिन मनाया जाता है. ‘पुरुष दिवस’ पर पुरुष एवं बच्चों को समाज के हर वर्ग से जोड़ते हुए उनके विभिन्न मुद्दों के प्रति जागरुकता को बढ़ाया जाता है. पिछले कुछ वर्षों से भारत में भी ‘पुरुष दिवस’ को विशेष लोकप्रियता हासिल हुई है, इसके लिए उन ब्रांडों का आभारी होना चाहिए जो हमारे समाज में पुरुषों की विशिष्ठ भूमिका को एक मिशन की तरह क्रियान्वित करते हैं. इस दिन अधिकांश विज्ञापन फिल्में युवा पीढ़ी को लक्ष्य में रखकर बनाई जाती है. ये फिल्में इस प्रवृत्ति की सच्चाई को उजागर करते हैं कि दैनिक जीवन में महिलाओं पर हो रहे अपराधों के लिए सभी पुरुषों को संदेह की नजर से देखा जाता है, जो कि सही नहीं है.
वास्तव में इस दिन पुरुषों की उपलब्धियों का उत्सव मनाया जाता है, साथ ही समाज, परिवार, विवाह और बच्चों की देखभाल में पुरुषों के सहयोग पर भी चर्चा होती है. इस दिवस को मनाने के पीछे एक मंशा यह भी है कि दुनिया के सभी पुरुष बुरे नहीं हैं, वे भी अपने दैनिक जीवन में अत्यधिक कठिनाइयों एवं संघर्ष के दौर से गुजरते हैं. तो क्यों न इस दृष्टिकोण को बदला जाए और एक ऐसे सभ्य समाज का निर्माण किया जाए जहां स्त्री-पुरुष को समान नजरों से देखा जाये. यहां पुरुष दिवस से संबद्ध कुछ मूलभूत प्रश्न एवं उनके उत्तर दिये जा रहे हैं.
अंतर्राष्ट्रीय ‘पुरुष दिवस’ कब मनाया जाता है?
विश्व भर में अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस 19 नवंबर को मनाया जाता है. इसकी शुरूआत 7 फरवरी, 1992 को थॉमस ओस्टर ने की थी. डॉ. जीरोम तिलक सिंह ने जीवन में पुरुषों के योगदान को एक नाम देने का बीड़ा उठाते हुए पिता के जन्म-दिन पर विश्व पुरुष दिवस मनाया था. साल 1989 में इसी दिन त्रिनिडाड एवं टोबैगो की फुटबॉल टीम ने अपने देश को विश्वकप फुटबॉल के लिए चुने जाने के लिए एकजुट किया था.
अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाने का उद्देश्य और महत्व क्या है?
इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य पुरुषों एवं बच्चों की सेहत पर ध्यान देना, लैंगिक समानता एपं संबंधों में सुधार करना, स्त्री-पुरुष समानता को बढ़ावा देना तथा दुनिया में आदर्श पुरुषों के बारे में दुनिया को बताना होता है. इस दिन पुरुषों की उपलब्धियों का जश्न भी मनाया जाता है .और कार्यक्रम का अंतिम उद्देश्य बुनियादी मानवीय मूल्यों को बढ़ावा देना भी है. संयोगवश इसी दिन त्रिनिडाड एवं टोबैगो के एक डॉक्टर जीरोम तिलक सिंह के पिता का जन्म दिन भी है.
कौन-कौन से देश अंतर्राष्ट्रीय ‘पुरुष दिवस’ मनाते हैं?
19 नवंबर को लगभग 80 से ज्यादा देशों में अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाया जाता है, ताकि वे समाज के सकारात्मक बदलावों को पहचान सकें, जिनके बिना हमारा दैनिक जीवन अधूरा है. इसके अगले ही दिन यानी 20 नवंबर को विश्व बाल दिवस मनाया जाता है, इस तरह क्रमशः पुरुष और बच्चों का यह दिवस विशेष एक तरह से 48 घंटे के उत्सव के समान होता है.
अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस किस तरह सेलीब्रेट किया जाता है?
यह पुरुषों के अधिकारों और उनकी उपलब्धियों के संदर्भ में जागरूकता फैलाने का दिन होता है. इस दिन को सेलीब्रेट करने के लिए कॉलेज और कार्यालयों में सार्वजनिक सेमिनार, मंच प्रस्तुति, उत्सव, पुरस्कार, संगीत समारोह, कला प्रदर्शनी का आयोजन किया जाता है तथा बहुत सी जगहों पर शांतिपूर्ण तरीके से जुलूस भी निकाला जाता है.
क्यों जरूरी है पुरुष दिवस मनाना?
यह ठीक है कि भारत पुरुष-प्रधान देश के रूप में जाना जाता है और यहां महिलाओं को ध्यान में रखते हुए महिला दिवस जैसे उत्सव मनाने जरूरी हैं. लेकिन एक सच यह भी है कि पुरुषों की भी अपनी मूलभूत समस्याएं हैं, जिनसे उन्हें आये दिन जूझना पड़ता है. प्राप्त आंकड़ों के अनुसार विश्व भर में लगभग 76 फीसदी आत्महत्याएं पुरुष करते हैं, 85 फीसदी पुरुषों के पास अपना घर नहीं है. करीब 70 फीसदी हत्याएं पुरुषों की हुई हैं, घरेलू हिंसा के शिकारों में भी 40 फीसदी पुरुष हैं. ऐसे में महिला और पुरुष को समानता के पैमाने पर रखना है तो महिला दिवस के साथ-साथ पुरुष दिवस भी मनाना आवश्यक है.