COVID-22 क्या है? जानें इस टर्म की उत्पत्ति और वायरल हो रही गलत जानकारी के बारे में

COVID-19, SARS-CoV-2 के कारण होने वाली संक्रामक बीमारी, 2019 के अंत में पहली बार रिपोर्ट किए जाने के बाद से पिछले दो वर्षों में विश्व स्तर पर अपनी पकड़ बनाए हुए है. टीकाकरण अभियान के बावजूद, वायरस फैल रहा है और रोजाना हजारों लोगों को संक्रमित कर रहा है...

प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Pixabay)

नई दिल्ली, 26 अगस्त: COVID-19, SARS-CoV-2 के कारण होने वाली संक्रामक बीमारी, 2019 के अंत में पहली बार रिपोर्ट किए जाने के बाद से पिछले दो वर्षों में विश्व स्तर पर अपनी पकड़ बनाए हुए है. टीकाकरण अभियान के बावजूद, वायरस फैल रहा है और रोजाना हजारों लोगों को संक्रमित कर रहा है. समय-समय पर सामने आने वाले अल्फा (Alpha), बीटा (Beta), लैम्ब्डा डेल्टा (Lambda Delta), डेल्टा प्लस (Delta Plus) जैसे नए स्ट्रेंस के साथ कोरोनावायरस भी उत्परिवर्तित होता रहता है. जबकि अनुसंधान अभी भी COVID-19 को एक ठोस मूल कहानी देने की प्रक्रिया में है, सोशल मीडिया COVID-22 के बारे में चिंतित है. यह भी पढ़ें: COVID-19 Updates: भारत के लिए बजी खतरे की घंटी, इन राज्यों में फिर तेजी से पांव पसार रहा कोरोना, मौतों की संख्या भी बढ़ीं

'COVID-22' शब्द डिजिटल प्लेटफॉर्म पर घूम रहा है, जिसमें यूजर्स अपनी चिंता, बेबसी और ज्यादातर भ्रम व्यक्त कर रहे हैं. COVID-19 की उत्पत्ति के विपरीत, COVID-22 की शुरुआत का पता यूनिवर्सिटी ETH ज्यूरिख (Zurich) में सिस्टम्स और सिंथेटिक इम्यूनोलॉजी (synthetic immunology) के एक एसोसिएट प्रोफेसर द्वारा स्विस जर्मन अखबार 'ब्लिक' (Blick) में दिए गए एक इंटरव्यू से लगाया जा सकता है. प्रो साई रेड्डी ने कोरोनावायरस के म्यूटेंट पर टिप्पणी करते हुए 'COVID-22 खराब हो सकता है' वाक्यांश का इस्तेमाल किया. तब से यह शब्द सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है और कई गलतफहमियां पैदा कर रहा है.

टीकाकरण कार्यक्रम और 'डेल्टा संस्करण' के सामने आने के बारे में बताते हुए, प्रोफ़ेसर रेड्डी ने कथित तौर पर कहा, "यह अब COVID-19 नहीं है. मैं इसे COVID-21 कहूंगा. 'उन्होंने कथित तौर पर कहा कि चल रही महामारी का अगला चरण 'हो सकता है' देखें कि वेरिएंट अधिक संक्रामक होते जा रहे हैं या अधिक म्यूटेंट विकसित कर रहे हैं और उसी में जोड़ा गया है "यह आने वाले वर्ष के लिए बड़ी समस्या होगी. COVID-22 जो हम अभी देख रहे हैं उससे भी बदतर हो सकता है. 'उन्होंने मूल रूप से एक 'संभावना' के बारे में बात की थी जो वर्ष 2022 में कोरोनावायरस संक्रमण के साथ उत्पन्न हो सकती है और इसलिए इसे COVID-22 करार दिया.

सोशल मीडिया पर काफी हलचल मचाने वाले 'COVID-22' पर इस टिप्पणी को स्पष्ट करते हुए, प्रो साई रेड्डी (Prof Sai Reddy) ने यूके स्थित आई न्यूज से कहा, "इसे COVID-22 कहना सही नहीं है, क्योंकि बीमारी का आधिकारिक और सही नाम है. SARS-CoV-2 द्वारा COVID-19 है." उन्होंने आगे कहा, "यह स्पष्ट करने के लिए कि मेरे बयान का मतलब यह बताना है कि 'मेरा मानना ​​है कि 2022 में COVID, विशेष रूप से वर्ष के शुरुआती भाग (जनवरी-मार्च) में इस वर्ष 2021 में COVID से भी बदतर हो सकता है."

WHO के आंकड़ों के अनुसार विश्व स्तर पर अब तक COVID-19 के 213,050,725 पुष्ट मामले सामने आए हैं. कई देश COVID-19 की एक और लहर के लिए कमर कस रहे हैं, जबकि अन्य प्रारंभिक प्रसार को कम करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. महामारी ने सोशल-मीडिया में भी दहशत पैदा कर दी है, #COVID19 खोज में आने वाली किसी भी चीज़ और हर चीज़ को साझा करना और उस पर विश्वास करना. पैनिक मोड चालू होने के साथ, 'कोविड-22' शब्द ने सफलतापूर्वक बहुत हलचल पैदा कर दी और गलतफहमियां फैला दीं.

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