अहमदाबाद: अपनी तरह के एक पहले भारतीय शोध में यह पता चला है कि इलेक्ट्रॉनिक निकोटिन डिलिवरी सिस्टम (Electronic Nicotine Delivery System) जो कि ई-सिगरेट्स (E-Cigarettes) नाम से भी जाने जाते हैं, वे सामान्य सिगरेट की तुलना में स्वास्थ्य के लिए कम खतरनाक होते हैं तथा धूम्रपान छोड़ने का कारगर हथियार साबित हो सकते हैं.
इंडियन जर्नल ऑफ क्लिनिकल प्रैक्टिस (Indian Journal of Clinical Practice) में प्रकाशित इस अध्ययन में नॉर्थ-ईस्टर्न हिल यूनिवर्सिटी, शिलांग के प्रो. आर.एन. शरन और उनकी टीम ने '299 प्रकाशित वैज्ञानिक साहित्य की व्यवस्थित समीक्षा' की है. इसमें सिगरेट का धूम्रपान करने या ई-सिगरेट पीने के दौरान निकलनेवाले निकोटिन, अन्य रसायनों और धातु आयनों के विषाक्तता की तुलना की गई है.
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टीम के मुताबिक, "सिगरेट पीने को हतोत्साहित करने के लिए बढ़ती जागरूकता और नियामक उपायों के बावजूद दुनिया भर में तंबाकू के उपयोग में कोई गिरावट नहीं आई है." ऐसे परिदृश्य में, तंबाकू का नुकसान कम करने के विकल्पों जैसे ईएनडीएस या ई-सिगरेट के मूल्यांकन पर विचार करने की आवश्यकता है. प्रो. शरन ने आईएएनएस को बताया, "भारत में विशेषज्ञों द्वारा ईएनडीएस या ई-सिगरेट की उपयुक्तता के मूल्यांकन का यह पहला प्रयास है."