पेनिस टीशू में मौजूद COVID-19 रिकवरी के बाद इरेक्टाइल डिसफंक्शन का बन सकता है कारण, अध्ययन में हुआ चौंकाने वाला खुलासा

संयुक्त राज्य अमेरिका में मियामी विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने पाया कि वायरस की संभावित जटिलताओं में से एक स्तंभन दोष यानी इरेक्टाइल डिस्फंक्शन है. शोधकर्ताओं का कहना है कि कोविड-19 से उबरने के बाद लंबे समय तक कोविड-19 पेनिस टीशू में मौजूद हो सकता है और यह इरेक्टाइल डिस्फंक्शन का कारण बन सकता है.

प्रतीकात्मक तस्वीर (Picture Courtesy: Pexels)

अब तक हम कोविड-19 (COVID-19) के सामान्य लक्षणों बुखार, सांस लेने में तकलीफ, थकान, गंध या स्वाद न आने की समस्या इत्यादि से परिचित थे, जबकि इस महामारी के लक्षण यहीं तक सीमित नहीं हैं. कोविड-19 के लक्षणों को लेकर लगातार शोध किए जा रहे हैं और शोधकर्ताओं ने मरीजों को प्रभावित करने वाले कई और कोविड-19 संबंधित लक्षणों की खोज की है, जैसे ब्लैक फंगस श्लेष्मा (Black Fungus Mucormycosis). अब संयुक्त राज्य अमेरिका में मियामी विश्वविद्यालय (University of Miami) के शोधकर्ताओं ने पाया कि वायरस की संभावित जटिलताओं में से एक स्तंभन दोष यानी इरेक्टाइल डिसफंक्शन (Erectile Dysfunction) है. शोधकर्ताओं का कहना है कि कोविड-19 से उबरने के बाद लंबे समय तक कोविड-19 पेनिस टीशू  (COVID-19 Penis Tissue) में मौजूद हो सकता है और यह इरेक्टाइल डिसफंक्शन का कारण बन सकता है.

हालांकि ऐसा पहली बार नहीं है जब चिकित्सा विशेषज्ञों ने पुरुषों में नपुंसकता के लिए वायरस को लेकर अपनी चिंता जाहिर की है. साल 2020 में एक अमेरिकी चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. डेना ग्रेसन (Dr. Dena Grayson) ने चेतावनी दी थी कि कोविड-19 पुरुषों में इरेक्टाइल डिसफंक्शन  का कारण बन सकता है, लेकिन यूनिवर्सिटी ऑफ मियामी मिलर स्कूल ऑफ मेडिसिन (University of Miami Miller School of Medicine) के शोधकर्ताओं ने सबसे पहले यह प्रदर्शित किया है कि मरीज के ठीक होने के बाद भी वायरस लिंग के टीशू में मौजूद हो सकता है. वर्ल्ड जर्नल ऑफ मेन्स हेल्थ में प्रकाशित अध्ययन में यूएम शोधकर्ताओं ने उल्लेख किया कि व्यापक रक्त वाहिका शिथिलता (widespread blood vessel dysfunction) या एंडोथेलियल डिसफंक्शन  (endothelial dysfunction) जो कोविड-19 संक्रमण के परिणामस्वरुप तब इरेक्टाइल डिसफंक्शन  में योगदान कर सकते हैं. यह भी पढ़ें: जानें, कैसे कोरोना के मरीजों में मिल रहे 'ब्लैक फंगस' संक्रमण का इलाज है संभव

विश्वविद्यालय के प्रजनन मूत्रविज्ञान में एसोसिएट प्रोफेसर और निदेशक रंजीथ रामासामी (Ranjith Ramasamy) ने इस अध्ययन का नेतृत्व किया. शोध में चार पुरुषों पर ध्यान केंद्रित किया गया जो इरेक्टाइल डिसफंक्शन  के लिए पेनाइल प्रोस्थेसिस सर्जरी करा रहे थे उनमें से दो को कोविड-19 का सामना करना पड़ा था और शेष दो को नहीं हुआ था. ये सभी 56 और 71 साल के बीच की आयु वर्ग के थे. शोधकर्ताओं ने कोविड-19 इतिहास वाले दो पुरुषों से पेनाइल टीशू एकत्र किए. दोनों कम से कम छह से आठ महीने पहले वायरस से संक्रमित हुए थे. एक को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जबकि दूसरे मरीज में संक्रमित होने के बाद हल्के लक्षण ही नजर आए थे.

एंडोथेलियल डिसफंक्शन क्या है?

यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें छोटी रक्त वाहिकाओं का स्तर सामान्य रूप से अपने सभी कार्य करने में विफल रहता है. नतीजतन, इन वाहिकाओं द्वारा आपूर्ति किए गए टीशूज को नुकसान से गुजरना पड़ता है. डॉ. रामासामी ने कहा कि यह पता चलता है कि कोविड-19 संक्रमण विकसित करने वाले पुरुषों को पता होना चाहिए कि स्तंभन दोष वायरस का प्रतिकूल प्रभाव हो सकता है और उन्हें इरेक्टाइल डिसफंक्शन के लक्षण विकसित होने पर किसी चिकित्सक के पास जाना चाहिए.

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