Coronavirus Health Update: कोरोना वायरस की बढ़ती संख्या के साथ खड़े हुए कई सवाल, स्वास्थ्‍य विशेषज्ञ के दिए यह जवाब

देश में जितनी तेजी के साथ कोरोना के केस बढ़ रहे हैं उससे कहीं ज्यादा लोग रिकवर भी हो रहे हैं. लेकिन कोरोना वायरस से अभी भी जंग जारी है, इसलिए निमयों का पालन और उसे पूरी तरह से अपनाने की अपील की जा रही है. कोई किसी भी तरीके से अनजाने में वायरस से संक्रमित हो सकता है. इसलिए मास्क लागायें, हैंड सेनिटाइज करें और दूरी बना कर रखें.

प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Pixabay)

Coronavirus Health Update: देश में जितनी तेजी के साथ कोरोना के केस बढ़ रहे हैं उससे कहीं ज्यादा लोग रिकवर भी हो रहे हैं. लेकिन कोरोना वायरस (Coronavirus) से अभी भी जंग जारी है, इसलिए निमयों का पालन और उसे पूरी तरह से अपनाने की अपील की जा रही है. कोरोना से जुड़ी हर दिन लोगों की आशंकाओं को दूर करने के लिए तमाम प्रयास किये जा रहे हैं, इसी के तहत प्रसार भारती की ओर से कोरोना से जागरूकता कार्यक्रम में इस बार सफदरजंग अस्पताल की डॉ. गीता कमपानी से विशेष चर्चा की गयी. जहां उन्होंने अक्सर लोगों के मन में उठने वाले कई सावालों के जवाब दिये.

डॉ. गीता ने कहा कि आज के समय में हमारे देश में रिकवरी रेट बढ़ता चला जा रहा है. जितने भी मरीज आ रहे हैं उनमें ज्यादातर कम लक्षण वाले या बिना लक्षण वाले हैं. टेस्टिंग (Testing) ज्यादा होने से ऐसे लोगों का पता चल रहा है. अगर टेस्टिंग ज्यादा नहीं भी होती तो ऐसे लोग खुद ठीक हो जाते. लेकिन अब ये ट्रैक हो रहे हैं. उसके बाद उनके संपर्क में आये लोगों का भी पता किया जा रहा है. ऐसे लोग जल्दी-जल्दी ठीक भी हो रहे हैं.

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टेलीमेडिसिन या टेलीकंसल्टेशन के क्या फायदे हैं?

इस वक्त टेलीमेडिसिन या टेलीकंसेल्टेशन बहुत अच्छा माध्‍यम है, क्योंकि इस वक्त जितना घर में रहेंगे उतने ज्यादा सुरक्षित रहेंगे. कोरोना का संक्रमण बहुत तेजी से फैलता है. अगर ऐसी कोई परेशानी है जिसका इलाज इन माध्‍यमों से संभव है तो इसे अपनाएं. अगर अस्पताल जाना बहुत जरूरी है तो अस्पताल जरूर जायें. अस्पतालों में डायलिसिस वाले मरीजों के लिए अलग से इमरजेंसी रूम बनाये गये हैं. अस्पतालों में एक बार में एक ही मरीज के अंदर जाने दिया जाता है. इसलिए ऐसे मरीजों को डरने के जरूरत नहीं है.

किसी के शरीर में कितनी इम्युनिटी है, कैसे पता कर सकते हैं?

इम्युनिटी पता करने के लिए कोई निश्चित टेस्ट नहीं है, लेकिन कई बार इम्यून प्रोफाइल करने के लिए, जिन्हें वायरस का संक्रमण हो चुका होता है उनके लिए AGG, IGM करते हैं. वहीं अगर कोई स्वस्थ है, खांसी, जुकाम, बुखार नहीं हो रहा है, कोई अन्य बीमारी नहीं है, स्टीरॉइड नहीं ले रहा है, कैंसर की दवाई नहीं ले रहा है और नींद पूरी ले रहा है, तो उसकी इम्युनिटी की चिंता मत करें. सबसे जरूरी है अपनी सेहत का ध्यान रखें.

सेनिटाइजर की बोतल से संक्रमण का कितना खतरा है?

अगर कोई बाहर से आकर सेनिटाइजर की बोतल को हाथ से छूकर सेनिटाइजर हाथ में लेता है और फिर कोई दूसरा भी उसी तरह सैनिटाइजर लेता है, तो संक्रमण की संभावना रहती है, इसलिए हाथों को सेनिटाइज करने बाद किसी भी चीज को हाथ से टच मत करें, सेनिटाइजर की बोतल को भी.

कोविड मरीज अस्पताल से डिस्चार्ज होकर घर आया है, तो कितने दिन बाद मिल सकते हैं?

नई गाइ़डलाइन के अनुसार अगर कोई 10 दिन अस्पताल में रह चुका है और अब उसमें लक्षण नहीं हैं, तो सोशल डिस्‍टेंसिंग के साथ मास्क लगा कर घर वाले उससे मिल सकते हैं. लेकिन डिस्चार्ज होने के सात दिन बाद तक अंडर ऑब्जर्वेशन रहना होता है. इसलिए बेहतर होगा सात दिन पूरे होने के बाद ही मिलें.

क्या बिना किसी के संपर्क में आये खेतो में काम करने से वायरस हो सकता है?

जब तक किसी संक्रमित से संपर्क में नहीं आते हैं तब तक संक्रमण नहीं होता है. लेकिन फिर भी बाहर जाते वक्त पूरी सावधानी रखें. वायरस पूरे विश्व में फैला हुआ है. कोई किसी भी तरीके से अनजाने में वायरस से संक्रमित हो सकता है. इसलिए मास्क लागायें, हैंड सेनिटाइज करें और दूरी बना कर रखें.

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