Ganesh Sthapana 2021: घर ला रहे हैं गणेश प्रतिमा! तो जानें कैसी हो मूर्ति? कैसे करें स्थापना? ताकि आपकी पूरी होगी हर कामना!
अगर इस गणेशोत्सव पर आप श्रीगणेश जी की प्रतिमा खरीद रहे हैं तो मूर्ति के स्वरूप से लेकर स्थापना तक के विधि-विधान का भी पूरा ध्यान और ज्ञान जरूर रखें. गलत प्रतिमा अथवा त्रुटिपूर्ण पूजा-विधान से गणपति की स्थापना उनके क्रोध का कारण बन सकती है. इसलिए प्रतिमा खरीदते समय प्रतिमा की सूंड़, हाथ, मूषक, भालचंद्र एवं मुद्रा आदि का ध्यान अवश्य रखें.
Ganesh Sthapana 2021: भगवान शिव (Lord Shiva) की तरह उनके सुपुत्र भगवान श्रीगणेश (Lord Ganesha) जब प्रसन्न होते हैं तो अपने भक्तों की मुंहमांगी मुराद पूरी कर देते हैं, लेकिन पूजा-अर्चना के विधि-विधान में किंचित त्रुटि से वे शीघ्र कुपित भी हो जाते हैं, इसलिए अगर इस गणेशोत्सव (Ganeshotsav) पर आप श्रीगणेश जी की प्रतिमा खरीद रहे हैं तो मूर्ति के स्वरूप से लेकर स्थापना तक के विधि-विधान का भी पूरा ध्यान और ज्ञान जरूर रखें. गलत प्रतिमा अथवा त्रुटिपूर्ण पूजा-विधान से गणपति की स्थापना उनके क्रोध का कारण बन सकती है. इसलिए प्रतिमा खरीदते समय प्रतिमा की सूंड़, हाथ, मूषक, भालचंद्र एवं मुद्रा आदि का ध्यान अवश्य रखें. इसके बाद घर लाने पर मूर्ति की स्थापना कहां और किस दिशा में हो, इस बात का भी ध्यान रखें?
कैसी हो गणेश प्रतिमा?
भाद्रपद माह में चतुर्थी पर गणेश प्रतिमा की स्थापना करना सैकड़ों साल पुरानी परंपरा है. आज भी इस परंपरा को पूरे विधि-विधान से निभाया जाता है. लेकिन शास्त्र सम्मत से निर्मित गणेश प्रतिमा की पूजा करने से ही हमें अपेक्षित शुभ एवं समृद्धि की प्राप्ति होती है. गणेश जी की प्रतिमा खरीदते समय निम्न बातों का ध्यान रखें. यह भी पढ़ें: Ganesh Chaturthi 2021 Makhar Decoration Ideas: गणेश चतुर्थी के लिए अपने हाथों से बनाएं इको-फ्रेंडली मखर, देखें गणेशोत्सव डेकोरेशन वीडियो
गणेश मुद्राः यूं तो गणेश जी हर मुद्रा में दिव्य एवं भव्य लगते हैं. लेकिन जहां तक घर पर लाकर पूजा करने की बात है तो बैठी मुद्रा वाली गणेश प्रतिमा की पूजा करना श्रेयस्कर माना जाता है. यह शुभता का प्रतीक तो है ही साथ ही बैठी मुद्रा वाली प्रतिमा की पूजा करने से घर में धन का स्थाई लाभ होता है.
गणेश जी की सूंडः बाईं ओर के सूंड वाले गणपति को वक्रतुण्ड कहते हैं. इनकी पूजा करने से ये शीघ्र प्रसन्न होकर सारे संकट हर लेते हैं. दाईं सूंड वाले गणेशजी सिद्धी विनायक कहलाते हैं. ये हठी स्वभाव के होते हैं. इनकी पूजा करने से ये देर से प्रसन्न होते हैं.
गणेश जी के हाथः घर लाने से पहले इनके चार हाथों पर अवश्य ध्यान देना चाहिए. इनके एक हाथ में अंकुश, दूसरे हाथ में दंत, तीसरे पर लड्डू और चौथा हाथ आशीर्वाद मुद्रा में होनी चाहिए. इससे धन में बरक्कत होती है,
मूषकराजः गणेश जी की प्रतिमा के साथ उनका प्रिय वाहन मूषकराज भी अवश्य होना चाहिए. क्योंकि भगवान गणेश उनके बिना कहीं नहीं जाते. ऐसी भी मान्यता है कि मूषकराज के कान में की गई कामना गणेशजी तक अवश्य पहुंचती है.
जनेऊः गणेशजी की पूजा शुरु करने से पूर्व उनके कंधे पर जनेऊ जरूर धारण करवाना चाहिए. जनेऊ वस्त्र के प्रतीक स्वरूप भी पहनाए जाते हैं. यह शुभता के साथ-साथ हिंदुत्व का भी प्रतीक होता है.
भालचंद्रः प्रथम देव श्रीगणेश जी को भालचंद्र भी कहा जाता है. इसके पीछे तर्क यह है कि उनके भाल (ललाट) पर चंद्रमा स्थित होता है. इसलिए घर पर गणेशजी को लाते समय उनके ललाट पर चंद्रमा हो इस बात का ध्यान अवश्य रखें. ऐसे गणेश जी की पूजा करने से घर में शुभता आती है और रोग-दोष आदि का नाश होता है.
मिट्टी की प्रतिमाः हमेशा मिट्टी से बनी गणेश जी की प्रतिमा ही घर पर लाएं. मिट्टी के गणेश की स्थापना करने से इसी बहाने हमें पृथ्वी मां की भी पूजा कर लेते हैं. यह भी पढ़ें: Ganesh Chaturthi 2021 Messages: गणेश चतुर्थी पर अपनों को इन हिंदी Quotes, WhatsApp Stickers, Facebook Greetings, GIF Images के जरिए दें शुभकामनाएं
कैसे करें गणपति की स्थापना?
गणेश जी की प्रतिमा को घर में स्थापित करते समय ध्यान रखें कि उनकी पीठ दीवार की ओर होनी चाहिए. शास्त्रों के अऩुसार गणेश जी की पीठ के पीछे अशुभता एवं मुख की ओर शुभता का वास होता है. इसके अलावा गणेश जी को स्थापित करते समय इस बात का भी ध्यान रखें कि उनका मुख दक्षिण, पश्चिम अथवा नैऋत्य कोण में नहीं होना चाहिए. हमारे ज्योतिषाचार्य श्री रवींद्र पाण्डेय के अनुसार गणपति की प्रतिमा स्थापना के लिए ब्रह्म स्थान पूर्व दिशा एवं उत्तर पूर्व दिशा अथवा ईशान कोण की जगह शुभ मानी जाती है. इस पोजीशन में प्रतिमा की स्थापना करने से शुभ एवं लाभ प्राप्त होता है.
एक स्थान पर गणेशजी की दो मूर्ति नहीं रखनी चाहिए, कहते हैं कि इससे रिद्धी और सिद्धी नाराज हो जाती हैं. गणेशजी की पूजा करने से पूर्व रोजाना दूर्वा अर्पित करते हुए इस मंत्र ‘ऊँ गं गणपतये नमः’ का जाप करने से शुभता के साथ-साथ समृद्धि भी प्राप्त होती है. घर या ऑफिस में एक ही जगह पर गणेश जी की दो मूर्ति एक साथ नहीं रखना चाहिए. वास्तु विज्ञान के अनुसार इससे उर्जा का आपस में टकराव होता है, जो अशुभ फल देता है. अगर एक से अधिक गणेशजी की प्रतिमा है तो दोनों को अलग-अलग स्थानों पर रखें.