World Arthritis Day 2019: गठिया रोग के प्रति जागरूकता लाने का दिन है वर्ल्ड आर्थराइटिस डे, जानें इस बीमारी के कारण, लक्षण और समाधान

पहले जहां एक उम्र के बाद लोगों को आर्थराइटिस की बीमारी हुआ करती थी, वहीं आज के इस भागदौड़ भरी जीवनशैली में अधिकांश युवा भी इस बीमारी का शिकार हो रहे हैं. आर्थराइटिस को गठिया और संधिशोथ भी कहा जाता है. जोड़ों की इस गंभीर बीमारी के प्रति दुनिया भर के लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 12 अक्टूबर को वर्ल्ड आर्थराइटिस डे मनाया जाता है.

वर्ल्ड आर्थराइटिस डे 2019 (Photo Credits: PxHere)

World Arthritis Day 2019: पहले जहां एक उम्र के बाद लोगों को आर्थराइटिस (Arthritis) की बीमारी हुआ करती थी, वहीं आज के इस भागदौड़ भरी जीवनशैली में अधिकांश युवा भी इस बीमारी (Arthritis Disease) का शिकार हो रहे हैं. आर्थराइटिस को गठिया और संधिशोथ भी कहा जाता है. इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति के जोड़ों में एक प्रकार की सूजन होती है जो एक या एक से अधिक जोड़ों को भी प्रभावित कर सकती है. इस बीमारी के लक्षण समय के साथ-साथ विकसित होते हैं, लेकिन किसी-किसी मामले में इसके लक्षण अचानक भी दिखाई दे सकते हैं. जोड़ों की इस गंभीर बीमारी के प्रति दुनिया भर के लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 12 अक्टूबर को वर्ल्ड आर्थराइटिस डे (World Arthritis Day) मनाया जाता है.

एक रिपोर्ट के अनुसार, हमारे देश में हर छह में से एक व्यक्ति आर्थराइटिस से पीड़ित है और यह समस्या पुरुषों की तुलना में महिलाओं में अधिक सामान्य है. भारतीय महिलाओं में घुटने की समस्याओं की शुरूआत के लिए औसत उम्र 50 साल है, जबकि पुरुषों में यह समस्या 60 साल की उम्र के बाद शुरू होती है. चलिए वर्ल्ड आर्थराइटिस डे पर इन बीमारी के कारण (Causes), लक्षण (Symptoms) और समाधान (Treatment) के बारे में विस्तार से जानते हैं.

आर्थराइटिस के प्रमुख कारण

इस बीमारी के लिए हमारी खराब लाइफस्टाइल और खान-पान की गलत आदतों को जिम्मेदार माना जाता है. इसके प्रमुख कारण इस प्रकार हैं-

आर्थराइटिस के सामान्य लक्षण 

आर्थराइटिस की शुरुआत में इस बीमारी के खास लक्षण नजर नहीं आते हैं. कुछ मामलों में आर्थराइटिस का दर्द असहनीय हो जाता है और चलने-फिरने में परेशानी होती है. बारिश और ठंड के मौसम में भी इसका दर्द बढ़ जाता है.

क्या है इसका समाधान?

आर्थराइटिस के इलाज का सबसे अच्छा तरीका तो यही है कि इस बीमारी का पता चलते ही उपचार शुरू कर दिया जाए. हालांकि दवाओं और सर्जरी के बाद कुछ लोग सामान्य जीवन जीने में सफल होते हैं, जबकि कुछ लोगों को उपचार के बावजूद आराम नहीं मिलता है. आर्थराइटिस के शुरूआती लक्षणों की रोकथाम के लिए घुटने के व्यायाम, टहलना, साइकिलिंग और स्वीमिंग जैसी शारीरिक गतिविधियों को बेहतर माना जाता है. यह भी पढ़ें: इस विटामिन की कमी के कारण महिलाओं में बढ़ रहा है 'ऑस्टियोपोरोसिस' का खतरा

इसके अलावा मरीजों को डेयरी प्रोडक्ट्स, मौसमी फल, हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करना चाहिए और विटामिन डी की कमी से बचने के लिए सुबह की धूप में कुछ देर बैठना चाहिए. चलने, उठने और बैठने के लिए सही मुद्रा का पालन करना चाहिए. इसके साथ ही ज्यादा देर तक एक ही जगह पर एक ही स्थिति में बैठने से बचें.

नोट- इस लेख में दी गई तमाम जानकारियों को केवल सूचनात्मक उद्देश्य से लिखा गया है. इसकी वास्तविकता, सटीकता और विशिष्ट परिणाम की हम कोई गारंटी नहीं देते हैं. इसमें दी गई जानकारियों को किसी बीमारी के इलाज या चिकित्सा सलाह के लिए प्रतिस्थापित नहीं किया जाना चाहिए. इस लेख में बताए गए टिप्स  पूरी तरह से कारगर होंगे या नहीं इसका हम कोई दावा नहीं करते है, इसलिए किसी भी टिप्स या सुझाव को आजमाने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें.

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