Vishwakarma Puja 2021 HD Images: विश्वकर्मा पूजा के खास अवसर पर इन WhatsApp Wishes, GIF Greetings, Photo Messages, Wallpapers के जरिए दें सबको बधाई
कहा जाता है कि संसार के हर निर्माण या सृजन कार्य के मूल में भगवान विश्वकर्मा विद्यमान होते हैं, ऐसे में उनकी पूजा-अर्चना से सभी कार्य निर्विघ्न पूरे होते हैं. इस खास अवसर पर आप अपने दोस्तों-रिश्तेदारों को शुभकामनाएं न दें ऐसा कैसे हो सकता है? आप भी इन मनमोहक एचडी इमेजेस, वॉट्सऐप विशेज, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, फोटो मैसेजेस, वॉलपेपर्स के जरिए सबको बधाई दे सकते हैं.
Vishwakarma Puja 2021 HD Images: इस संसार के सबसे पहले वास्तुकार और इंजीनियर भगवान विश्वकर्मा की पूजा (Vishwakarma Puja) का पर्व आज यानी 17 सितंबर 2021 को मनाया जा रहा है. देव शिल्पी कहे जाने वाले भगवान विश्वकर्मा (Lord Vishwakarma) अपने विशिष्ट ज्ञान-विज्ञान के कारण इंसानों के साथ-साथ देवताओं में भी पूजनीय माने जाते हैं. कहा जाता है कि उनके बिना कोई भी तकनीकि कार्य फलित नहीं हो सकता है. हर साल विश्वकर्मा पूजा के पर्व को कन्या संक्रांति के दिन मनाया जाता है. मान्यता है कि इस दिन विधि-विधान से भगवान विश्वकर्मा की पूजा करने से व्यापार और रोजगार में तरक्की के नए रास्ते खुलते हैं. यही वजह है कि इस विशेष अवसर पर कारखानों और फैक्ट्रियों में लगी मशीनों व औजारों की पूजा की जाती है.
कहा जाता है कि संसार के हर निर्माण या सृजन कार्य के मूल में भगवान विश्वकर्मा विद्यमान होते हैं, ऐसे में उनकी पूजा-अर्चना से सभी कार्य निर्विघ्न पूरे होते हैं. इस खास अवसर पर आप अपने दोस्तों-रिश्तेदारों को शुभकामनाएं न दें ऐसा कैसे हो सकता है? आप भी इन मनमोहक एचडी इमेजेस, वॉट्सऐप विशेज, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, फोटो मैसेजेस, वॉलपेपर्स के जरिए सबको बधाई दे सकते हैं.
1- विश्वकर्मा पूजा 2021
2- विश्वकर्मा पूजा 2021
3- विश्वकर्मा पूजा 2021
4- विश्वकर्मा पूजा 2021
5- विश्वकर्मा पूजा 2021
गौरतलब है कि भगवान विश्वकर्मा के प्राकट्य को लेकर अलग-अलग मान्यताएं प्रचलित हैं. वराह पुराण के अनुसार, भगवान ब्रह्मा ने विश्वकर्मा को धरती पर उत्पन्न किया था, जबकि विश्वकर्मा पुराण में बताया गया है कि आदि नारायण ने सबसे पहले ब्रह्माजी की और फिर विश्वकर्मा जी की रचना की थी. कहा जाता है कि भगवान विश्वकर्मा ने ही स्वर्गलोक, लंका, द्वारिका नगरी, हस्तिनापुर, महादेव का त्रिशूल, श्रीहरि का सुदर्शन चक्र, हनुमान जी की गदा, यमराज का कालदंड, कुबेर के पुष्पक विमान और कर्ण के कुंडल का निर्माण किया था.