Vijaya Ekadashi 2019: भगवान राम ने किया था विजया एकादशी का व्रत, जानिए इसका महत्व और पूजा विधि

कहा जाता है कि रावण के साथ युद्ध करने से पहले स्वंय भगवान श्री राम ने अपनी सेना के साथ विजया एकादशी का व्रत किया था और उन्होंने लंका पर विजय हासिल की थी. इस बार यह एकादशी 2 मार्च को पड़ रही है.

भगवान विष्णु (Photo Credits : Youtube)

Vijaya Ekadashi 2019: एकादशी तिथि भगवान विष्णु (Bhagwan Vishnu) को अतिप्रिय है. मान्यता है कि जो भी एकादशी का व्रत (Ekadashi) करता है उसके समस्त पापों का नाश होता है और भगवान विष्णु की कृपा से उसकी सारी मनोकामना पूरी होती है. हर महीने दो बार एकादशी का व्रत पड़ता है, लेकिन फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी बेहद खास मानी जाती है. इसे विजया एकादशी (Vijaya Ekadashi) के नाम से जाना जाता है. कहा जाता है कि रावण के साथ युद्ध करने से पहले स्वंय भगवान श्री राम (Lord Rama) ने अपनी सेना के साथ विजया एकादशी का व्रत किया था और उन्होंने लंका पर विजय हासिल की थी. इस बार यह एकादशी 2 मार्च को पड़ रही है.

कहा जाता है कि इस व्रत को रखने वाला व्यक्ति जिंदगी में कभी भी विषम परिस्थितियों के आगे हार नहीं मानता है. विजया एकादशी का व्रत करने वाला व्यक्ति सदा विजयी रहता है. प्राचीन काल में कई राजा-महाराजा इस व्रत के प्रभाव से अपनी निश्चित हार को भी जीत में तब्दील कर चुके हैं. चलिए जानते हैं इस व्रत का महत्व और पूजा की विधि. यह भी पढ़ें: Ekadashi Vrat In Year 2019: एकादशी के दिन व्रत करने पर बेहद प्रसन्न होते हैं भगवान विष्णु, देखें साल 2019 में पड़नेवाली तिथियों की पूरी लिस्ट

विजया एकादशी का महत्व

विजया एकादशी के महात्म्य को सुनने या पढ़ने मात्र से ही व्यक्ति के समस्त पापों का नाश हो जाता है और इससे आत्मविश्वास बढ़ता है. इस व्रत से जीवन में शुभ कर्मों में वृद्धि और मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है. यह व्रत व्यक्ति के जीवन से सारे कष्टों को दूर करता है. मान्यता है कि जो भी व्यक्ति इस एकादशी का व्रत विधि-विधान और श्रद्धापूर्वक करता है, वह भगवान विष्णु के कृपा का पात्र बन जाता है. यह व्रत व्यक्ति को हर क्षेत्र में विजय दिलाता है.

इस विधि से करें पूजा

गौरतलब है कि इस व्रत का जिक्र पद्म पुराण और स्कंद पुराण में भी मिलता है. मान्यता है कि जब कोई अपने शत्रुओं के बीच घिरा होता है या फिर किसी विकट परिस्थिति में फंसा होता है तो इस व्रत को करने मात्र से व्यक्ति को विजय प्राप्त होती है.

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