भगवान विष्णु के भक्त हर चंद्र पखवाड़े की एकादशी तिथि (ग्यारहवें दिन) पर एक दिन का उपवास रखते हैं. इस वर्ष उत्पन्ना एकादशी व्रत 11 दिसंबर को मनाया जाएगा. एकादशी एक देवी थीं, जिनका जन्म विष्णु जी से हुआ था. उत्पन्ना एकादशी के दिन ही एकादशी प्रकट हुई थीं. इसलिए यह दिन उत्पन्ना एकादशी के नाम से जाना जाता है. इस दौरान लोग भगवान विष्णु के आशीर्वाद के लिए उनकी पूजा करते हैं और म्रत्यु के बाद मोक्ष मिलने की कामना करते हैं. इसलिए, इस दिन व्रत का पालन करने का एक मुख्य कारण मोक्ष की प्राप्ति है. मार्गशीर्ष माह (पूर्णिमांत कैलेंडर के अनुसार) या कार्तिक माह (अमावस्यांत कैलेंडर के अनुसार), एकादशी तिथि को उत्पन्ना एकादशी या गौना एकादशी कहा जाता है. इस दिन केरल और तमिलनाडु में भी श्रद्धालुओं द्वारा एक व्रतम मनाया जाता है. मलयालम कैलेंडर के अनुसार, उत्पन्ना एकादशी वृषचिकम महीने में आती है, जबकि तमिल कैलेंडर के अनुसार, यह कार्थिगई मासम में मनाया जाता है.
उत्पन्ना एकादशी महत्वपूर्ण एकादशियों में से एक है क्योंकि यह एकादशी व्रत की उत्पत्ति का प्रतीक है. हिंदू धर्म के अनुसार, देवी एकादशी का जन्म भगवान विष्णु से उत्पन्ना एकादशी का जन्म दानव मुर को मारने के लिए हुआ था, जो सोते हुए भगवान विष्णु को मारना चाहता था. एकादशी को भगवान विष्णु के शक्तिपीठों में से एक माना जाता है और इसलिए इसमें भगवान विष्णु की सुरक्षात्मक शक्तियां हैं. जो भक्त एकादशी के उपवास का पालन करना चाहते हैं वे उत्पन्ना एकादशी से एकादशी व्रत शुरू कर सकते हैं. इस शुभ अवसर पर अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को उत्पन्ना एकादशी की बधाई दी जाती है. अगर आप भी अपने प्रियजनों को इस दिन की शुभकामनाएं देना चाहते हैं तो नीचे दिए गए मैसेजेस WhatsApp Stickers, SMS, Facebook Greeting के जरिए भेजकर शुभकामनाएं दे सकते हैं.
1. उत्पन्ना एकादशी के शुभ दिन पर
आप पाएं भगवान विष्णु का आशीर्वाद
सुख समृद्धि से संपन्न हो आपका परिवार
उत्पन्ना एकादशी की शुभकामनाएं!
2. एकादशी माता के जन्म की आप सभी को
शुभकामनाएं!