Utpanna Ekadashi 2019 Wishes: उत्पन्ना एकादशी के शुभ अवसर पर WhatsApp Stickers, SMS, Facebook Greeting के जरिए भेजें ये मैसेजेस भेजकर अपने प्रियजनों को दें शुभकामनाएं
उत्पन्ना एकादशी की शुभकामनाएं, (फोटो क्रेडिट्स: फाइल फोटो)

Utpanna Ekadashi 2019 Wishes: उत्पन्ना एकादशी (Utpanna Ekadashi) या उत्तपति एकादशी (Utpatti Ekadashi) ’हिन्दू कैलेंडर के अनुसार मार्गशीर्ष’ महीने के दौरान कृष्ण पक्ष चंद्रमा के 11 वें दिन पड़ती है. हालांकि ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार यह नवंबर से दिसंबर के महीनों के बीच आता है. एकादशी का व्रत शुरू करने वाले हिंदू भक्तों को उत्पन्ना एकादशी से शुरू करना चाहिए. ऐसा कहा जाता है कि यह एकादशी भक्तों के वर्तमान और पिछले जन्म के सभी पापों से छुटकारा पाने में मदद करती है.

उत्पन्ना एकादशी के दिन भगवान विष्णु ने 'मुरसुरा' नाम के एक राक्षस का वध किया था, तबसे इस दिन को उनकी जीत के उपलक्ष्य में मनाया जाता इसके अलावा हिंदू किंवदंतियों के अनुसार इस एकादशी माता का जन्म उत्पन्ना एकादशी पर हुआ था. भारत के उत्तरी राज्यों में यह एकादशी 'मार्गशीर्ष' के महीने के दौरान मनाई जाती है, जबकि आंध्र प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक और महाराष्ट्र में उत्पन्ना एकादशी 'कार्तिक' के महीने में आती है. उत्पन्ना एकादशी के मुख्य देवता भगवान विष्णु और माता एकादशी हैं. इस साल उत्पन्ना एकादशी 22 नवंबर को मनाई जा रही है. इस दिन माता एकादशी का निर्जला व्रत रखा जाता है और पूरे विधि विधान से उनकी पूजा की जाती है. इस शुभ अवसर पर अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को उत्पन्ना एकादशी की बधाई दी जाती है. आप भी इस शुभ दिन नीचे दिए गए मैसेजेस WhatsApp Stickers, SMS, Facebook Greeting के जरिए भेजकर शुभकामनाएं दे सकते हैं.

उत्पन्ना एकादशी की शुभकामनाएं!

उत्पन्ना एकादशी की शुभकामनाएं, (फोटो क्रेडिट्स : फाइल फोटो )

उत्पन्ना एकादशी की बधाई!

उत्पन्ना एकादशी की बधाई, (फोटो क्रेडिट्स : फाइल फोटो )

हैप्पी उत्पन्ना एकादशी!

हैप्पी उत्पन्ना एकादशी, (फोटो क्रेडिट्स : फाइल फोटो )

उत्पन्ना एकादशी मुबारक!

उत्पन्ना एकादशी मुबारक, (फोटो क्रेडिट्स : फाइल फोटो )

उत्पन्ना एकादशी के दिन ब्राह्मणों, गरीबों और जरूरतमंदों को दान भी देना चाहिए. ये दान अपनी क्षमता के अनुसार भोजन, धन, कपड़े या जीवन में अन्य आवश्यक चीजों के रूप में हो सकता है. उत्पन्ना एकादशी का व्रत तीन हिंदू देवताओं ब्रह्मा, विष्णु और महेश का व्रत रखने के बराबर है. इसलिए हिंदू भक्त पूर्ण समर्पण और उत्साह के साथ उत्पन्ना एकादशी व्रत का पालन करते हैं.