Teachers' Day 2024 Quotes: शिक्षक दिवस पर डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के इन 10 प्रेरणादायी विचारों को शेयर कर बनाएं इस दिन को खास
महान दार्शनिक, शिक्षाविद और भारतीय संस्कृति के संवाहक डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. उन्होंने अपने जीवन के करीब 40 साल शिक्षा क्षेत्र को समर्पित कर दिए. उन्होंने यूनेस्को में भारतीय प्रतिनिधि मंडल का नेतृत्व भी किया और उन्हें 1948 में यूनेस्को के कार्यकारी बोर्ड के अध्यक्ष के तौर पर भी चुना गया था. उनकी जयंती यानी शिक्षक दिवस पर आप उनके इन 10 प्रेरणादायी विचारों को शेयर करके इस दिन को खास बना सकते हैं.
Teachers' Day 2024 Quotes: अपने छात्रों को अज्ञान रूपी अंधकार से ज्ञान रूपी प्रकाश तक ले जाने वाले तमाम शिक्षकों के प्रति प्यार, सम्मान और कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए हर साल 5 सितंबर को देशभर में शिक्षक दिवस यानी टीचर्स डे (Teachers' Day) को उत्सव की तरह मनाया जाता है. दरअसल, भारत के पहले उप-राष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन (Dr. Sarvapalli Radhakrishnan) ने शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, इसलिए उनकी जयंती को शिक्षक दिवस के तौर पर मनाया जाता है. उनका जन्म 5 सितंबर 1888 को तमिलनाडु (Tamil Nadu) के थिरुथानी नामक स्थान पर एक मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ था. कहा जाता है कि डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन बचपन से ही एक मेधावी और होनहार छात्र थे. उन्होंने मद्रास के क्रिश्चियन कॉलेज से फिलोसॉफी की पढ़ाई की थी. अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने मैसूर यूनिवर्सिटी से कलकत्ता यूनिवर्सिटी तक कई कॉलेजों में छात्रों को पढ़ाया. उन्हें साल 1930 में शिकागो यूनिवर्सिटी में हैल्केल लेक्चरर के तौर पर नियुक्त किया गया था.
महान दार्शनिक, शिक्षाविद और भारतीय संस्कृति के संवाहक डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. उन्होंने अपने जीवन के करीब 40 साल शिक्षा क्षेत्र को समर्पित कर दिए. उन्होंने यूनेस्को में भारतीय प्रतिनिधि मंडल का नेतृत्व भी किया और उन्हें 1948 में यूनेस्को के कार्यकारी बोर्ड के अध्यक्ष के तौर पर भी चुना गया था. उनकी जयंती यानी शिक्षक दिवस पर आप उनके इन 10 प्रेरणादायी विचारों को शेयर करके इस दिन को खास बना सकते हैं.
कहा जाता है कि एक बार कुछ विद्यार्थी और दोस्तों ने डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के पास पहुंचने के बाद उनसे उनका जन्मदिन मनाने का आग्रह किया, लेकिन उन्होंने कहा कि अगर उनके जन्मदिन को शिक्षक दिवस के तौर पर मनाया जाए तो उन्हें काफी खुशी महसूस होगी. इसके बाद उनकी जयंती को साल 1962 से शिक्षक दिवस के तौर पर मनाया जाने लगा, तब से यह सिलसिला बरकरार है. भारत रत्न सम्मान पाने वाले राधाकृष्णन का 16 अप्रैल 1975 को चेन्नई में निधन हो गया था.