Shree Rama Navami 2020: क्यों कहते हैं श्रीराम को ‘मर्यादा पुरुषोत्तम? जानें ‘श्रीराम’ मंत्र जपने के फायदे

सनातन धर्म में ‘राम’ का नाम किसी चमत्कारिक एवं अचूक मंत्र माना जाता है. इस नाम को जपने मात्र से सारी समस्याएं स्वतः खत्म हो जाती हैं. यह जाप आप कहीं पर भी कर सकते हैं. ‘राम’ मंत्र सभी मंत्रों में सबसे ज्यादा लोकप्रिय एवं श्रेष्ठतम है.

भगवान राम (Photo Credits; Wikimedia Commons)

Shree Rama Navami 2020 Mantra: चैत्र मास के शुक्‍लपक्ष की नवमी को अयोध्‍या में राजा दशरथ के घर महारानी कौशल्‍या ने श्रीराम को जन्‍म दिया था. विष्णु पुराण के अनुसार श्रीराम विष्‍णुजी के सातवें अवतार के रूप में पृथ्वी पर अवतरित हुए थे. नवमी के दिन जन्म लेने के कारण यह दिन ‘रामनवमी’ के रूप में मनाया जाता है. यूं तो इस दिन देश भर के श्रीराम मंदिरों में दिव्य मेले का आयोजन किया जाता है, लेकिन अयोध्या जहां प्रभु श्रीराम ने जन्म लिया था, वहां सरयू तट पर श्रीराम भक्तों का जमावड़ा लगता है. श्रद्धालु सरयू नदी में स्‍नान कर स्वयं को कृतार्थ समझते हैं. कि उन्हें पुण्य प्राप्ति का अवसर प्रभु श्रीराम ने दिया.

आइये देखें कि आखिर श्रीराम के जीवन में ऐसी क्या बात हुई कि वे ‘मर्यादा पुरुषोत्तम’ कहलाए. साथ ही जानें ‘श्रीराम’ नाम के वे मंत्र जो आपके सारे कष्टों को दूर कर जीवन में सुख, शांति एवं समृद्धि लाती है.

मिलते हैं मनोवांछित फल

पौराणिक ग्रंथों में उल्लेखित है कि श्रीराम का जन्म चूंकि मध्यकाल में हुआ था, इस वजह से नवरात्र का व्रत रखनेवाले इस दिन श्रीराम का जन्मोत्सव मनाने के पश्चात तीसरे प्रहर तक व्रत रखते हैं. इसके पश्चात पारण करने से पूर्व दान-धर्म की परंपरा का निर्वाह किया जाता है. मान्‍यता हे कि इस व्रत को करने से भगवान श्रीराम भक्त की सारी मन्नतें पूरी करते हैं.

क्यों करते हैं राम-स्‍त्रोत का पाठ

श्रीराम ने त्रेतायुग में अधर्म का नाश कर धर्म की स्‍थापना के लिए राजा दशरथ के घर जन्‍म लिया था. उन्‍हें ‘मर्यादा’ का प्रतीक माना गया और ‘पुरुषोत्‍तम’ यानी श्रेष्‍ठ पुरुष की संज्ञा दी गई है. उनके प्रति विशिष्ठ आस्‍था और स्‍नेह होने के कारण राम नवमी के दिन ‘राम स्‍त्रोत’ का विशेष पाठ किया जाता है. कई स्‍थानों इस दिन श्रीरामचरित मानस का अखण्ड-पाठ भी आयोजित किया जाता है. इसके साथ ही कुछ जगहों पर कीर्तन भी आयोजित किया जाता है.

जानें ‘श्रीराम’ शब्द के मंत्रों का महात्म्य!

हमारे ज्योतिषाचार्य पंडित योगेश जी महाराज के अनुसार श्रीराम जन्मोत्सव के पूर्व ‘श्रीराम’ अभिमंत्रित ये मंत्र पढ़े जायें अथवा जाप लगायी जाये तो सारी समस्याओं का समाधान होने के साथ ही जीवन में खुशियों की बहार आ जायेगी.

सर्वोत्तम है 'राम' मंत्र

सनातन धर्म में ‘राम’ का नाम किसी चमत्कारिक एवं अचूक मंत्र माना जाता है. इस नाम को जपने मात्र से सारी समस्याएं स्वतः खत्म हो जाती हैं. यह जाप आप कहीं पर भी कर सकते हैं. ‘राम’ मंत्र सभी मंत्रों में सबसे ज्यादा लोकप्रिय एवं श्रेष्ठतम है.

‘ॐ नमो भगवते रामचंद्राय’

इस मंत्र के नियमित जाप से जीवन में आये सारे कष्ट दूर हो जाते हैं, और जीवन खुशनुमा होने लगता है.

‘ॐ जानकी वल्लभाय स्वाहा’

मान्यता है कि इस मंत्र का जाप करने से श्रीराम की विशेष कृपा प्राप्त होती है. और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.

‘श्री राम जय राम, जय-जय राम’

श्रीराम जी का यह मंत्र सबसे ज्यादा लोकप्रिय और प्रभावशाली होता है. और श्रीराम जी का अखण्ड कीर्तनी मात्र इसी जाप से किया जाता है. इस मंत्र से बड़ा मंत्र और कोई नहीं है.

‘ॐ रां रामाय नम:’

इस मंत्र का जाप करने से धन, पुत्र और आरोग्य की प्राप्ति होती है.

‘ॐ रामभद्राय नम:’

अगर आपके व्यवसाय में लगातार नुकसान हो रहा है, नौकरी में आपका प्रमोशन नहीं हो रहा है तो इस मंत्र का जाप करने से सारे अवरोध खुद-ब-खुद दूर जायेंगे. जीवन में कदम-कदम पर सफलता आपके साथ होगी.

‘ॐ रामचंद्राय नम:’

अगर किसी वजह से घर में क्लेश, विवाद, झगड़ा और अशांति हो तो इस मंत्र का जाप स्नान के बाद करने से सारी समस्याओं से मुक्ति मिलती है.

‘ॐ नम: शिवाय', 'ॐ हं हनुमते श्री रामचंद्राय नम:’

भगवान शिव, श्रीराम एवं हनुमान जी के नाम का यह मंत्र बहुत प्रभावकारी होता है.

‘ॐ रामाय धनुष्पाणये स्वाहा:’

प्रभु श्रीराम के इस मंत्र का जाप करने से कानूनी झंझटों से मुक्ति मिलती है और अंततः विजय की प्राप्ति होती है.

नोट- इस लेख में दी गई तमाम जानकारियों को प्रचलित मान्यताओं के आधार पर सूचनात्मक उद्देश्य से लिखा गया है और यह लेखक की निजी राय है. इसकी वास्तविकता, सटीकता और विशिष्ट परिणाम की हम कोई गारंटी नहीं देते हैं. इसके बारे में हर व्यक्ति की सोच और राय अलग-अलग हो सकती है.

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