Shiv Jayanti Tithi 2021 Wishes: छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती पर इन हिंदी WhatsApp Stickers, Messages, Greetings, GIF Images के जरिए दें शुभकामनाएं
शिव जयंती 2021 (Photo Credits: File Image)

Chhatrapati Shivaji Maharaj Tithi Based Jayanti 2021: अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार, हर साल 19 फरवरी को मराठा साम्राज्य के महान शासक और शूरवीर योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती (Chhatrapati Shivaji Maharaj Jayanti) मनाई जाती है, लेकिन तिथि के अनुसार, आज यानी 31 मार्च 2021 को शिवाजी महाराज (Shivaji Maharaj) की जयंती मनाई जा रही है, जिसे शिव जयंती के तौर पर भी जाना जाता है. छत्रपति शिवाजी महाराज (Chhatrapati Shivaji Maharaj) का जन्म 19 फरवरी 1630 को पुणे के पास स्थित शिवनेरी दुर्ग में हुआ था, उनका पूरा नाम शिवाजी भोंसले था. उनके पिता का नाम शाहजी भोंसले और माता का नाम जीजाबाई था. बताया जाता है कि देवी शिवाई के नाम पर ही इस महान मराठा योद्धा का नाम शिवाजी रखा गया था. शिवाजी ने अपनी मां जीजाबाई के मार्गदर्शन में बचपन से ही राजनीति और युद्ध की शिक्षा ली थी, जिसकी बदौलत आगे चलकर उन्होंने मराठा साम्राज्य की नींव रखी.

छत्रपति शिवाजी महाराज के जन्मोत्सव को शिवाजी जयंती और शिव जयंती के नाम से जाना जाता है. तिथि अनुसार आज उनका जन्मोत्सव मनाया जा रहा है, ऐसे में अपने दोस्तों-रिश्तेदारों को बधाई देना तो बनता है. आप इस खास अवसर पर इन हिंदी विशेज, वॉट्सऐप स्टिकर्स, मैसेजेस, ग्रीटिंग्स, जीआईएफ इमेजेस के जरिए शिव जयंती की अपनों को शुभकामनाएं दे सकते हैं.

1- हैप्पी शिवाजी महाराज जयंती

शिव जयंती 2021 (Photo Credits: File Image)

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2- शिवाजी जयंती की बधाई

शिव जयंती 2021 (Photo Credits: File Image)

3- शिवाजी जयंती की शुभकामनाएं

शिव जयंती 2021 (Photo Credits: File Image)

4- शिवाजी जयंती की शुभकामनाएं

शिव जयंती 2021 (Photo Credits: File Image)

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5- शिवाजी जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं

शिव जयंती 2021 (Photo Credits: File Image)

बताया जाता है कि शिवाजी महाराज बचपन में अपने दोस्तों के साथ किले जीतने का खेल खेलते थे और खेल-खेल में ही उन्होंने किले फतह करना सीख लिया. बड़े होने पर शिवाजी महाराज ने अपने शौर्य और पराक्रम का परिचय देते हुए कई किलों पर विजय हासिल की थी. अपनी वीरता और साहस के दम पर उन्होंने कई बार मुगलों की सेना को धुल चटाई थी. मराठा साम्राज्य के इस वीर योद्धा ने गोरिल्ला युद्ध नीति को न सिर्फ जन्म दिया था, बल्कि उन्होंने युद्ध के दौरान इस नीति का उपयोग भी किया था.