Shab-e-Barat Mubarak 2021 Messages: शब-ए-बारात पर इन हिंदी WhatsApp Stickers, Shayaris, Facebook Greetings, Photo SMS के जरिए दें मुबारकबाद
शब-ए-बारात रमजान के पवित्र महीने के शुरू होने से 15 दिन पहले मनाया जाता है. शब-ए-बारात को शाबान महीने की 14वीं और 15वीं तारीख की मध्य रात को मनाया जाता है. इस पाक रात की आप अपनों को मुबारकबाद न दें ऐसा कैसे हो सकता है? आप इन हिंदी मैसेजेस, वॉट्सऐप स्टिकर्स, शायरी, फेसबुक ग्रीटिंग्स और फोटो एसएमएस के जरिए अपनों को शब-ए-बारात मुबारक कह सकते हैं.
Shab-e-Barat Mubarak 2021 Messages in Hindi: इस्लाम धर्म के चार मुकद्दस रातों में से शुमार शब-ए-बारात को हिजरी कैलेंडर (Hijri Calendar) के शाबान महीने (Shabaan) की 14वीं तारीख को सूर्यास्त के बाद मनाया जाता है. शब का अर्थ है रात, जबकि बारात का मतलब है बरी होना. शब-ए-बारात (Shab-e-Barat) की पाक रात को लैलात-उल-बारा (Laylat-ul-Barra) और मोक्ष की रात (Night of Salvation) के तौर पर भी जाना जाता है. इस्लाम में इस पाक रात का बहुत महत्व है, इसलिए इस रात दुनिया भर के मुसलमान अल्लाह से अपने गुनाहों की माफी और अपने पूर्वजों के लिए दुआ मांगते हैं. शब-ए-बारात की रात मस्जिदों और कब्रिस्तानों की खास सजावट की जाती है, जहां लोग अपने और अपने पूर्वजों के लिए अल्लाह से इबादत करते हैं. इसके साथ ही मस्जिदों में नमाज अदा कर लोग खुदा से अपने गुनाहों की माफी मांगते हैं.
शब-ए-बारात रमजान के पवित्र महीने के शुरू होने से 15 दिन पहले मनाया जाता है. शब-ए-बारात को शाबान महीने की 14वीं और 15वीं तारीख की मध्य रात को मनाया जाता है. इस पाक रात की आप अपनों को मुबारकबाद न दें ऐसा कैसे हो सकता है? आप इन हिंदी मैसेजेस, वॉट्सऐप स्टिकर्स, शायरी, फेसबुक ग्रीटिंग्स और फोटो एसएमएस के जरिए अपनों को शब-ए-बारात मुबारक कह सकते हैं.
1- रात को नया चांद मुबारक,
चांद को चांदनी मुबारक,
फलक को सितारे मुबारक,
सितारों को बुलंदी मुबारक,
आपको हमारी तरफ से,
शब-ए-बारात मुबारक
2- अगर मुझसे कोई गलती हो गई हो,
तो मुझे माफ कर देना...
आज शब-ए-बारात है,
खुदा की इबादत कर लेना...
शब-ए-बारात मुबारक
3- रहमतों की आई है रात,
दुआ है आप सदा रहें आबाद,
दुआ में रखना हमें भी याद,
मुबारक हो आपको शब-ए-बारात.
शब-ए-बारात मुबारक
4- या अल्लाह मैं तुझसे मांगता हूं,
ऐसी माफी जिसके बाद कोई गुनाह न हो,
ऐसी सेहत जिसके बाद कोई बीमारी न हो,
ऐसी रजा जिसके बाद कोई नाराजगी न हो.
शब-ए-बारात मुबारक
5- अल्लाह, तूने मुझे यह सुंदर जीवन दिया है,
तूने ही ये मुबारक रात दी है,
तू ही मेरा आने वाला कल संवारेगा,
तेरी रजा में ही मुझे खुशियां मिलेंगी.
शब-ए-बारात मुबारक
कहा जाता है कि इस रात इबादत करने से अल्लाह अपने बंदों के सारे गुनाह माफ कर देते हैं, इसलिए लोग शब-ए-बारात की रात अल्लाह की इबादत कर अपने गुनाहों की माफी मांगते हैं. इस्लाम धर्म की मान्यताओं के अनुसार, इस दिन अल्लाह पूरे जहान का लेखा-जोखा तैयार करते हैं और लोगों के लिए काम, माफी और सजा मुकर्रर करते हैं. शब-ए-बारात को रातभर लोग कुरान की तिलावत और खुदा की इबादत करते हैं.