Sardar Vallabhbhai Patel Death Anniversary 2022: सरदार वल्लभभाई पटेल की पुण्यतिथि आज, शेयर करें ‘लौह पुरुष’ के ये 10 महान विचार
सरदार वल्लभभाई पटेल को नवीन भारत का निर्माता भी कहा जाता है और उनके द्वारा किए गए साहसिक कार्यों की वजह से ही उन्हें लौह पुरुष और सरदार जैसी उपाधि से नवाजा गया था. सरदार पटेल स्वभाव से शांत, उदार और नरम दिल के इंसान थे, लेकिन उन्हें महान और प्रेरणादायी विचारों का धनी माना जाता है. आज उनकी पुण्यतिथि पर आप लौह पुरुष के इन 10 महान विचारों को अपनों संग शेयर कर सकते हैं.
Sardar Vallabhbhai Patel Death Anniversary 2022 Quotes: हर साल 15 दिसंबर को भारत के पहले उप-प्रधानमंत्री, गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल (Sardar Vallabhbhai Patel) की पुण्यतिथि (Death Anniversary) मनाई जाती है. आज लौह पुरुष (Iron Man) की पुण्यतिथि मनाई जा रही है और पूरा देश उन्हें याद कर रहा है. वैसे तो सरदार पटेल को कई वजहों से याद किया जाता है, लेकिन उनमें सबसे प्रमुख है आजाद भारत को एकजुट करने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका. सरदार पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 को गुजरात के खेड़ा जिले में हुआ था, जबकि उनका निधन 15 दिसंबर 1950 को मुंबई में दिल का दौरा पड़ने से हुआ था. एक गृहमंत्री के तौर पर उन्होंने देश की करीब 562 छोटी-बड़ी देसी रियासतों का भारत में विलय कराया था. ऐसा करके उन्होंने भारतीय एकता के निर्माण में एक अहम भूमिका निभाई थी.
सरदार वल्लभभाई पटेल को नवीन भारत का निर्माता भी कहा जाता है और उनके द्वारा किए गए साहसिक कार्यों की वजह से ही उन्हें लौह पुरुष और सरदार जैसी उपाधि से नवाजा गया था. सरदार पटेल स्वभाव से शांत, उदार और नरम दिल के इंसान थे, लेकिन उन्हें महान और प्रेरणादायी विचारों का धनी माना जाता है. आज उनकी पुण्यतिथि पर आप लौह पुरुष के इन 10 महान विचारों को अपनों संग शेयर कर सकते हैं.
1- आज हमें ऊंच-नीच, अमीर-गरीब, जाति-पंथ के भेदभावों को समाप्त कर देना चाहिए.
2- कठिन समय में कायर बहाना ढूंढते हैं, जबकि बहादुर व्यक्ति इस स्थिति में रास्ता खोजते हैं.
3- आम प्रयास से हम देश को एक नई महानता तक ले जा सकते हैं, जबकि एकता की कमी हमें नई आपदाओं में डाल देगी.
4- शक्ति के अभाव में विश्वास व्यर्थ है. विश्वास और शक्ति, दोनों किसी महान काम को करने के लिए आवश्यक हैं.
5- आपकी अच्छाई आपके मार्ग में बाधक है, इसलिए अपनी आंखों को क्रोध से लाल होने दीजिए और अन्याय का सामना मजबूत हाथों से कीजिए.
6- इस मिट्टी में कुछ अनूठा है, जो कई बाधाओं के बावजूद हमेशा महान आत्माओं का निवास रहा है.
7- मेरी एकमात्र इच्छा यह है कि भारत एक अच्छा आत्मनिर्भर देश हो और कोई भी भूखा न रहे, देश में भोजन के लिए कोई भी आंसू न बहाए.
8- जब तक इंसान के अंदर का बच्चा जीवित है, तब तक अंधकारमयी निराशा की छाया उससे दूर रहती है.
9- अधिकार मनुष्य को तब तक अंधा बना कर रखता है जब तक मनुष्य उस अधिकार को प्राप्त करने के लिए मूल्य न चुका दे.
10- आपको अपना अपमान सहने की कला आनी चाहिए.
गौरतलब है कि देश के लौह पुरुष सरदार पटेल की कोशिशों की बदौलत ही 15 अगस्त 1947 तक हैदराबाद, कश्मीर और जूनागढ़ को छोड़कर देश ही बाकी रियासतें भारतीय संघ में सम्मिलित हो चुकी थीं. आजादी के बाद धीरे-धीरे ये रियासतें भी भारतीय संघ का हिस्सा बन गईं.