Roop Chaudas 2023 HD Images: हैप्पी रूप चौदस! इन मनमोहक WhatsApp Wishes, GIF Greetings, Messages, Wallpapers के जरिए दें बधाई

रूप चौदस के पर्व को लेकर कहा जाता है कि इस दिन शरीर पर उबटन लगाकर स्नान करने से व्यक्ति का सौंदर्य सालों तक बरकरार रहता है. इसके अलावा नहाने से पहले शरीर पर तिल का तेल लगाना भी शुभ माना जाता है. इस बेहद खास अवसर पर आप इन मनमोहक एचडी इमेजेस, वॉट्सऐप विशेज, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, मैसेजेस, वॉलपेपर्स को भेजकर अपनों को हैप्पी रूप चौदस कह सकते हैं.

रूप चौदस 2023 (Photo Credits: File Image)

Roop Chaudas 2023 HD Images: हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को छोटी दिवाली मनाई जाती है, जिसे नरक चतुर्दशी, नरक निवारण चतुर्दशी, काली चौदस, रूप चौदस और भूत चतुर्दशी जैसे विभिन्न नामों से जाना जाता है. सौंदर्य को निखारने वाली रूप चतुर्दशी के पर्व को दीपावली यानी लक्ष्मी पूजन से ठीक एक दिन पहले मनाया जाता है. उदया तिथि के अनुसार, आज (12 नवंबर 2023) रूप चतुर्दशी मनाई जा रही है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन सुंदरता का आशीर्वाद पाने के लिए ‘ॐ ह्रीं सौन्दर्यं देहि कामेश्वराय ॐ नमः’ मंत्र का जप करना चाहिए. इस दिन सुबह के समय अपामार्ग को अपने सिर से घूमाकर नदी में प्रवाहित करने से नर्क यातना या अकाल मृत्यु का भय दूर होता है. रूप चौदस पर अपने सौंदर्य को बढ़ाने के लिए लोग सूर्योदय से पहले उठकर हल्दी, चंदन, बेसन, शहद और दूध से बना उबटन अपने शरीर पर लगाते हैं, उसके बाद स्नान करते हैं.

रूप चौदस के पर्व को लेकर कहा जाता है कि इस दिन शरीर पर उबटन लगाकर स्नान करने से व्यक्ति का सौंदर्य सालों तक बरकरार रहता है. इसके अलावा नहाने से पहले शरीर पर तिल का तेल लगाना भी शुभ माना जाता है. इस बेहद खास अवसर पर आप इन मनमोहक एचडी इमेजेस, वॉट्सऐप विशेज, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, मैसेजेस, वॉलपेपर्स को भेजकर अपनों को हैप्पी रूप चौदस कह सकते हैं.

1- रूप चौदस की ढ़ेरों शुभकामनाएं

रूप चौदस 2023 (Photo Credits: File Image)

2- रूप चौदस की हार्दिक बधाई

रूप चौदस 2023 (Photo Credits: File Image)

3- हैप्पी रूप चौदस

रूप चौदस 2023 (Photo Credits: File Image)

4- रूप चौदस 2023

रूप चौदस 2023 (Photo Credits: File Image)

5- हैप्पी रूप चौदस 2023

रूप चौदस 2023 (Photo Credits: File Image)

धनतेरस के अगले दिन और दीपावली से ठीक पहले मनाया जाने वाला यह पर्व न सिर्फ सौंदर्य को निखारता है, बल्कि इस दिन मृत्यु के देवता यमराज, मां काली और भगवान श्रीकृष्ण की पूजा की जाती है. इस दिन सूर्योदय से पहले स्नान करके यम तर्पण और शाम को दीप दान करने का विशेष महत्व होता है. इस दिन दीप दान करने से यमराज प्रसन्न होते हैं और अकाल मृत्यु के साथ-साथ यम यातना का भय दूर होता है.

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